2009-05-21 11:13:26

भारतीय कांग्रेस पार्टी नयी सरकार का गठन करने में मग्न

दोस्तो , भारतीय राष्ट्रपति श्रीमती पाटिल ने 20 मई को मौजूदा प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह को नये मंत्रिमंडल गठित करने का आधिकार विधिवत रूप से सौंप दिया , नयी सरकार 22 मई को औपचारिक रुप से शपथ लेगी । पिछले पांच सालों तक सत्ता पर बनी रही कांग्रेस इस बार कौन सी नयी सरकार की स्थापना करेगी , नयी सरकार अंदरुनी व राजनयिक नीतियों में कौन सा हेऱफेर करेगी , लोकमत इन ही सवालों पर कड़ी निगाहें रखे हुए है ।

श्री मनमोहन सिंह ने नयी सरकार के गठन का अधिकार मिलने के बाद मीडिया से कहा कि भारतीय कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन लोक सभा के 322 सांसदों का समर्थन प्राप्त कर चुका है और वह सत्ता पर बना रहेगा , अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन नये मंत्रिमंडल के सदस्यों की नामसूची पर विचार विर्मश कर रहा है , नयी सरकार में विदेश मंत्री , वित्त मंत्री और गृह मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद कांग्रेस पार्टी के व्यक्ति संभालेंगे ।

मौजूदा आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेतृ्त्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने न सिर्फ करीब आधी सीटें जीत ली हैं , बल्कि उसे शीघ्र ही राष्ट्रीय जनता दल , समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत स्थानीय पार्टियों से समर्थन भी मिल गया है । इसी प्रकार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को प्राप्त सीटों की संख्या सरकार के गठन के लिये जरूरी 277 सीटों से कहीं अधिक है । कांग्रेस पार्टी अद्भुत शक्तिशाली पार्टी की सूरत से नयी सरकार का गठन करेगी । यह नयी सरकार की स्थिरता मजबूत बनाने और कांग्रेस की आर्थिक सुधार नीति जारी रखने के लिये लाभदायक है ।

विश्व वित्तीय संकट के प्रभाव तले भारतीय अर्थव्यवस्था गत वर्ष से मंदी में पड़ गयी है , बेरोजगारी दर लगातार बढ़ गयी है । श्री मनमोहन सिंह ने 17 मई को नयी दिल्ली में मीडिया के सम्मुख कहा कि वर्तमान आर्थिक दुर्दशाग्रस्त स्थिति से भारत के विभिन्न तबकों को चोट लगी है , नयी सरकार सर्वप्रथम इस आर्थिक दुर्दशाग्रस्त रुझाव के विकास पर रोक लगा देगी । श्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछले पांच सालों में उन के नेतृत्व वाली सरकार की एक प्रमुख उपलब्धि यह है कि भारत की सालाना औसत आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत तक पहुंच गयी , जबकि आर्थिक वृद्धि दर को फिर एक बार नौ प्रतिशत को बरकार रखना नयी सरकार का मुख्य लक्ष्य होगा । श्री मनमोहन सिंह ने हाल ही में कहा कि नयी सरकार कृषि और उद्योग आदि क्षेत्रों में व्यापक सुधार करेगी और तमाम भारतीय वासियों को आर्थिक वृद्धि के सुफल का उपभोग करने देने की कोशिश करेगी ।

पिछले पांच सालों में हालांकि विश्व वित्तीय संकट और मुंबई आतंकवादी हमले आदि की नौबत आयी , लेकिन आर्थिक विकास में प्राप्त उपलब्धियों से भारत की सामाजिक प्रगति को बढावा मिला है , साथ ही अंतर्राष्ट्रीय जगत में भारत का नवोदित आर्थिक बड़े देश का स्थान भी उन्नत हो गया है ।

लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि कांग्रेस का सत्तारुढ़ आधार पांच सालों से काफी अधिक मजबूत हुआ है , पर भावी भारतीय राजनीतिक परिस्थिति में कुछ अस्थिर तत्व फिर भी मौजूद हैं । इस के अलावा विश्व वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में सिंह की सरकार का फौरी कार्य है कि वित्तीय संकट के मुकाबले के लिये प्रबल कदम उठाया जाए और भारतीय आर्थिक विकास को स्थिर रूप से बढ़ावा दिया जाये , यह नयी सरकार की स्थिरता के लिये हितकर भी है ।

पिछले पांच सालों में भारत की राजनयिक नीति सफल रही है , भारतीय लोकमत इस नीति का प्रशंसक भी है । अनुमान लगाया जा सकता है कि नयी सरकार उक्त सफल राजनयिक नीति की निरंतरता व स्थिरता को बनाये रखे । इस नीति का केंद्र बिंदु है कि विश्व के प्रमुख बड़े देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को बनाये रखने के आधार पर भारत का रणनीतिक हित को कदम ब कदम बढाया जाये । इसलिये नयी सरकार यूरोपीय संघ और रूस के साथ पारम्परिक घनिष्ट संबंध को बरकरार रखेगी । भारत व अमरीका के नाभिकीय समझौते व आतंक विरोधी सहयोग के माध्यम से अमरीका के साथ संबंध को गहराई में ले जायेगी । गत पांच वर्ष में चीन भारत संबंध बराबर स्थिर रुप से बढता गया है । श्री मनमोहन सिंह ने अनेक बार कह दिया है कि भारत चीन के साथ संबंध को अत्यंत महत्व देता है , भारत आर्थिक व व्यापारिक संबंधों पर आधारित भारत चीन संबंध के विकास का विशेष ख्याल रखेगा । बड़े देशों के साथ बेहतरीन संबंधों को बनाये रखने के चलते भारत दक्षिण एशिया में अपने प्रमुख स्थान को सुनिश्चित करेगा और क्रमशः भारत पाक संबंध को सुधारेगा , ताकि पाक परिस्थिति भारत के लिये अनुकूल दिशा की ओर बढ़ सके ।

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