2009-05-19 16:31:01

11 वीं चीनी यूरोपीय नेताओं की भेंटवार्ता पुनः शुरू

पांच महीनों तक स्थगित होने के बाद चीनी और यूरोपीय नेताओं की 11 वीं भेंटवार्ता 20 तारीख को चेक की राजधानी प्राग में पुनः आयोजित होगी। चीनी अन्तरराष्ट्रीय सवाल के विशेषज्ञों ने कहा कि इस से जाहिर है कि तरह तरह की बाधाओं को दूर कर चीन यूरोप संबंध फिर एक बार स्वस्थ विकास के रास्ते पर वापस लौटा है । किन्तु मौजूदा शिखर सम्मेलन में चीन और यूरोप किस किस सवालों पर ध्यान देंगे और चीन यूरोप सहयोग का भविष्य कैसा हो सकेगा ।

चीनी और यूरोपीय नेताओं की 11 वीं भेंटवार्ता पिछले साल के अन्त में फ्रांस में आयोजित होनी थी। लेकिन उस समय यूरोपीय संघ की परिषद के अध्यक्ष देश फ्रांस के राष्ट्रपति साकार्जी ने जिद्दी के साथ दलाई लामा से मुलाकात की, जिस के कारण चीनी पक्ष ने 11वीं वार्ता को स्थगित करने की घोषणा की । इस के बाद चीन यूरोप संबंध, खासकर चीन फ्रांस संबंध को भारी झटका लगा जो बिलकुल मंद स्थिति में पड़ा था।

तब से आधा साल गुजरा, हाल ही में चीनी विदेश मंत्रालय ने ऐलान किया है कि चीन और यूरोप दोनों पक्षों के बीच सलाह मशविरे के बाद चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ योजना के अनुसार विशेष तौर पर चेक जाएंगे और चीन व यूरोप के बीच उच्चतम स्तर की इस राजनीतिक सलाह व्यवस्था को पुनः आरंभ किया जाएगा । चीनी अन्तरराष्ट्रीय सवाल अध्ययन प्रतिष्ठान के यूरोपीय संघ मामला अनुसंधान केन्द्र के प्रधान श्री श्यङ ह्वा ने कहा कि चीन और यूरोप के बीच नेताओं की भेंटवार्ता पुनः शुरू होने का यह अर्थ निकला है कि दोनों पक्षों का संबंध अब सामान्य रास्ते पर वापस लौटा है। उन्हों ने कहाः

चीन और यूरोप के नेताओं की 11 वीं शिखर वार्ता के आयोजन से एक सकारात्मक राजनीतिक संकेत निकला है कि चीन यूरोप संबंध फिर एक बार स्वस्थ विकास के रास्ते पर लौट आया है। इस से यह भी जाहिर है कि चीन यूरोप संबंध का आधार मजबूत है और गहरा है, दोनों पक्षों के संबंधों में कठिनाइयों को दूर करने की निहित क्षमता है।

वर्ष 1975 से चीन और यूरोप के बीच राजनयिक संबंध कायम होने के बाद चीन यूरोप संबंध में भारी प्रगति प्राप्त हुई है। 2003 में चीन और यूरोप के बीच संपूर्ण रणनीतिक साझेदारी संबंध स्थापित हुआ । अब तक दोनों पक्षों के बीच 50 से अधिक स्तरों की वार्ता और सलाह व्यवस्थाएं कायम हुई हैं ,जिन में राजनीति, अर्थ-व्यापार, विज्ञान तकनीक, ऊर्जा और पर्यावरण आदि शामिल हैं।

वर्तमान में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट लगातार फैल रहा है । इस नयी स्थिति में चीन यूरोप संबंध के लिए भी नयी मांग पेश की गयीं। हाल ही में दूसरी चीन यूरोप की उच्च आर्थिक व्यापारिक वार्ता ब्रुसेल्स में स्थित यूरोपीय संघ के मुख्यालय में आयोजित हुई,जिस में जी 20 गुट के लंदन वित्तीय शिखर सम्मेलन में प्राप्त सहमतियों के कार्यान्वय, व्यापार व निवेश संरक्षमवाद के विरोध तथा ऊर्जा व पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग आदि सवालों पर व्यापक सहमतियां हासिल हुई हैं। चीनी अन्तरराष्ट्रीय सवाल अध्ययन प्रतिष्ठान के यूरोपीय संघ मामला अनुसंधान केन्द्र के प्रधान श्यङ ह्वा ने कहा कि इन सहमतियों को 11 वीं चीनी व यूरोपीय नेताओं की भेंटवार्ता में अमल में लाने की संभावना है। उन्हों ने कहाः

चीन और यूरोप दोनों मुख्यतः सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर विचार विमर्श करेंगे, ताकि संयुक्त रूप से वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला किया जा सके। वास्तव में इस शिखर सम्मेलन से पहले हुई दूसरी चीन यूरोप आर्थिक व्यापारिक उच्च वार्ता में अहम सहमतियां हासिल हुई हैं। मेरे विचार में मौजूदा शिखर सम्मेलन में इन सहमतियों को अमल में लाने के ठोस कदम उठाए जाएंगे ।

श्री श्यङ ह्वा ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के मुकाबले में चीन और यूरोप दोनों बड़े आर्थिक समुदाय पुनः ईमानदारी, व्यवहारिक रूप से और एक दूसरे का सम्मान करने की भावना से बातचीत कर सकेंगे अथवा नहीं, वह विश्व अर्थव्यवस्था के पुनरूत्थान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

मौजूदा शिखर सम्मेलन मं मौसम परिवर्तन सवाल भी दोनों पक्षों के समान दिलचस्पी वाला सवाल होगा। चीनी राजकीय विकास व सुधार आयोग के उप प्रधान श्ये जनह्वा ने हाल में कहा कि एक जिम्मेदाराना देश होने के नाते चीन गरीबी उन्मूलन ,जन जीवन के सुधार तथा आर्थिक विकास के साथ साथ यथाशक्ति से ग्रीन हाउस गैस की निकासी में कटौती भी करेगा और विकसित देशों के ऊंचे प्रदूषण व ऊंची गैस निकासी के पुराने तौर तरीके से बचने की कोशिस करेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान स्थिति में चीन और यूरोपीय संघ के लिए सहयोग व वार्तालाप बढाने और मिलकर वित्तीय संकट व मौसम परिवर्तन जैसी विश्वव्यापी चुनौतियों का सामना करने का बड़ा महत्व है और वह दोनों पक्षों के मूल हित में है, साथ ही विश्व की चिरस्थाई शांति व अनवरत विकास के लिए भी लाभदायक है।