2009-05-18 14:08:18

लिट्टे ने हथियार डालो नामक वक्तव्य जारी किया

दोस्तो , जब श्रीलंकाई सरकारी सेना ने 17 मई को लिट्टे के नियंत्रित सुरक्षा क्षेत्र से सभी बेगुनाह निवासियों को बचाने की घोषणा की , तो लिट्टे ने उसी दिन हथियार डाल कर लड़ाई बंद करने का फैसला भी किया है । श्रीलंका की सरकारी सेना ने फौजी अभियान को अंत तक चलाने को भी कहा । लोकमत का मानना है कि 25 सालों तक बरकरार रहा श्रीलंकाई गृह युद्ध समाप्त होने वाला है ।

लिट्टे के अंतर्राष्ट्रीय संबंध की मध्यस्थता के प्रवक्ता पाथमानाथन ने 17 मई को लिट्टे की पक्षपातपूर्ण वेबसाइट पर जारी वक्तव्य में कहा कि सरकारी सेना और लिट्टे के बीच युद्ध समाप्त होने वाला है , और अधिक बेगुनाह नागरिकों के हताहत होने से बचने के लिये लिट्टे ने हथियार डालकर संग्राम बंद करने का फैसला किया है ।

लिट्टे का हथियार डालो नामक वक्तव्य ऐसी हालत में जारी किया गया है , जबकि श्रीलंकाई सरकारी सेना ने हालिया फौजी अभियान में लगातार विजय जीत ली है । इस माह की 14 तारीख को श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजापाकसा ने कहा कि 48 घंटों के भीतर लिट्टे के नियंत्रित क्षेत्र में बेगुनाह नागरिकों को बचाया जायेगा और लिट्टे के अधिकृत सभी क्षेत्रों को मुक्त कराया जायेगा । इस के बाद के 72 घंटों में श्रीलंकाई सरकारी सेना ने उत्तर के मुल्लैटिवू क्षेत्र में 50 हजार आम नागरिकों को बचा लिया है और लिट्टे के अधिककृत अंतिम समुद्री तट को जब्त कर लिट्टे के समुद्री फरार मार्ग को काट दिया , जिस से लिट्टे की बची खुची शक्तियां सुरक्षा क्षेत्र के एक संकरे क्षेत्र में फंस पड़ीं ।

लिट्टे द्वारा हथियार डालो नामक वक्तव्य जारी किये जाने के बाद श्रीलंकाई फौजी सूत्रों ने कहा कि मुट्ठी भर सशस्त्र शक्तियां फिर भी प्रतिरोध कर रही हैं और लिट्टे के सर्वोच्च नेता प्रभाकरण और अन्य प्रमुख कमांडर अभी भी लापता हैं । श्रीलंका सरकार ने 17 मई को कहा कि सरकार हथियार डालो के बारे में लिट्टे के वक्तव्य पर विश्वास नहीं कर सकती , सरकारी सेना लिट्टे की बची खुची शक्तियों का खात्मा करने की फौजी कार्यवाही तब तक जारी रखेगी , जबतक संपूर्ण विजय प्राप्त न हो जाती और लिट्टे की अधिकृत हरेक इंच भूमि को मुक्त न कराया जाता ।

लिट्टे की बची खुची शक्तियों व उस के नेताओं की अंतिम भाग्य को ध्यान में रखने के चलते लोकमत इस बात पर नजर रखे हुए है कि श्रीलंका सरकार गृह युद्ध समाप्त करने की विधिवत घोषणा कब करेगी । श्रीलंका के सरकारी सूचना मंत्रालय ने 17 मई को संकेत दिया है कि राष्ट्रपति राजापाक्सा 19 मई को संसद में राष्ट्र के नाम बयान देंगे । मौके पर राष्ट्रपति राजापाक्सा संभवतः लिट्टे के खिलाफ श्रीलंका सरकार की फौजी विजय व 25 सालों तक चले आ रहे श्रीलंकाई गृह युद्ध की समाप्ति की विधिवत घोषणा कर देंगे ।

गत 80 वाले दशक से लेकर आज तक लिट्टे तमिल वासियों के साथ भेदभाव के बहाने से सरकारी सेना के साथ संग्राम करने और पूर्व व उत्तर श्रीलंका में एक स्वतंत्र तमिल देश की स्थापना करने में लगा हुआ है । अनेक सालों तक चले आ रहे युद्ध से 70 हजार से अधिक श्रीलंकाई नागरिकों की मृत्यु हुई है और श्रीलंकाई आर्थिक विकास गतिरोध में पड़ गया है । इस के अतिरिक्त युद्ध के शिकार बने बड़ी तादाद में शरणार्थियों को फौरी मानवीय सहायता व बंदोबस्त की जरूरत पड़ती है । शीघ्र ही गृह युद्ध को समाप्त कर आर्थिक पुनरुत्थान के लिये शक्तियों को केंद्रित करना श्रीलंका सरकार और जनता की फौरी अभिलाषा बन गया है ।

लेकिन विश्लेषकों का विचार है कि हालांकि लिट्टे ने प्रतिरोध को छोड़ने का फैसला किया है , जिस से युद्ध शीघ्र ही समाप्त होगा , पर इस का यह अर्थ नहीं है कि शांति की स्थापना तुरंत ही होगी और पिछले दसियों सालों तक श्रीलंका से लिपटे जातीय सवाल का स्वभावतः समाधान होगा ।

श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजापक्सा ने 14 मई को कहा कि लिट्टे के साथ लड़ाई लड़ने के क्षेत्रों से सभी आम नागरिकों को मुक्त किये जाने के बाद सरकार जातीय सवाल का समाधान करने का राजनीतिक प्रस्ताव पेश कर देगी , ताकि देश विभाजन की ओर बढ़ने से बच जाये । विश्लेषकों का मानना है कि इस से जाहिर है कि श्रीलंका सरकार को साफ साफ पता है कि फौजी विजय केवल जातीय सवाल के समाधान के लिये अनुकूल स्थिति तैयार कर सकती है , लेकिन सच्चे मायने में जातीय अंतरविरोधों के समाधान के लिये राजनीतिक बुद्धमत्ता की आवश्यकता है । यदि सरकार अधिकांश तमिलों के लिये स्वीकृत व सार्थक समाधान प्रस्ताव पेश करने में असफल होगी , तो लिट्टे फिर से बहाल हो जायेगा । श्रीलंका को आतंकवाद को समाप्त करने और जातीय सुलह साकार करने के लिये लम्बा रास्ता तय करना ही होगा ।