2009-05-15 09:36:52

पाकिस्तान व अफगानिस्तान ने आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने का वचन दिया

अफगानिस्तानी राष्ट्रपति करजाई और पाकिस्तानी राष्ट्रपति जिलानी ने 14 तारीख को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में कहा कि दोनों देश आतंकवादी सहयोग को और मजबूत करेंगे, ताकि क्षेत्र की शांति व आर्थिक विकास को आगे बढ़ा सके।

श्री करजाई की पाक यात्रा का मकसद 13 से 14 तारीख को इस्लामाबाद में आयोजित 3वें अफगान क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सम्मेलन में भाग लेना है। चुंकि अफगानिस्तान व पाकिस्तान आतंकवादी की गभीर धमकी का सामना कर रहे हैं, इसलिए, किसी तरह आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करके आतंकवादी को जड़ से उगाड़ना वर्तमान सम्मेलन तथा पाक-अफगान दोनों देशों के नेताओं की भेंटवार्ता का केंद्र विषय है।

गत वर्ष से अफगानिस्तान में हिसंक कार्यवाइयां तीव्र होती रहती हैं। तालिबान ने सत्ता के पलटने के सब से कठिन काल को गुजरा है और उस की शक्ति निरंतर बढ़ती रहती। हाल में अफगानिस्तान की सरकार ने दो तिहाई क्षेत्रफल वाली भूमि पर अधिकार पाया और दक्षिण अफगानिस्तान की कस्बों व गांवों का वास्तविक शासक बन चुका। इस के साथ साथ, पाकिस्तान में तालिबान सशस्त्र शक्ति भी हाल में बहुत ओतप्रोत है। उस ने अपनी शक्ति को पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत तथा कबीली क्षेत्र में विस्तृत किया और राजधानी इस्लामाबाद से लगभग 100 किलोमीटर दूरी बुनेर क्षेत्र पर भई कब्जा कर लिया। इसी तरह, पाकिस्तान व अफगानिस्तान की सीमा पर तालिबान सशस्त्र शक्ति की ताकत बढ़ती रहती। पाकिस्तान सरकार ने पिछले महीने के अंत से सेना स्वॉट तथा बुनेर क्षेत्र भेजकर तालिबान सशस्त्र शक्ति को सफाया की। हाल में सैन्य कार्यवाई जारी रही।

इसी पृष्ठभूमि में आतंकवाद विरोधी काम ध्यानाजनक विषय बन गया। वर्तमान अफगानिस्तान के क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सम्मेलन में श्री करजाई ने कहा कि अनेक तत्वों ने क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग पर प्रभाव डालते रहते हैं, लेकिन, इस क्षेत्र में समृद्धि को साकार करने की सब से बड़ी चुनौती उग्रवादी तथा आतंकवादी है। पाकिस्तान व अफगानिस्तान को सहयोग करके एक साथ आतंकवादी पर प्रहार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हालिया परिस्थिति से अफगानिस्तान व पाकिस्तान की जनता सह नहीं पाती है। अब आतंकवादियों के हाथों से अपनी संपत्ति व गांव को वापस लेने का वक्त आया है।

सम्मेलन के बाद अफगानिस्तानी राष्ट्रपति करजाई एवं पाकिस्तानी प्रधान मंत्री जिलानी के बीच वार्ता में दोनों ने फिर एक बार कहा कि उन्होंने फिर एक बार अपनी सीमा पर आतंकवादी को जड़ से उगाड़ने और सूचनाओं का समान इस्तेमाल करने का विकल्प प्रतिबिंबित किया है।श्री करजाई ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार स्वॉट क्षेत्र में पाकिस्तान की सैन्य कार्यवाइयों की तरह गतिविधि भई करेगी और तालिबान सशस्त्र शक्ति पर प्रहार करेगी। श्री जिलानी ने कहा कि अफगानिस्तान स्थित अमरीकी विमानों के पाकिस्तान की सीमा पार करके पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी कबीली क्षेत्र पर मिसाइल छोड़ना पाकिस्तान की वर्तमान आतंकवादी रणनीति के लिए लाभदायक नहीं है। श्री करजाई ने इस की सहमत्ति प्रकट की।लोकमत का मानना है कि इन दोनों नेताओं के रुखों से जाहिर है कि अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बीच संबंध कई हद तक बेहत्तर हो गया है।

इतिहास, धर्म व जाति आदि तत्वों से पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच संबंध हमेशा ही बहुत घनिष्ट रहा है और एक दूसरे को भाई कहता है। लेकिन, इधर के वर्षों में दोनों के बीच झगड़ा होता रहता। पाकिस्तान की नयी सरकार के सत्ता पर आने के बाद पाक-अफगान संबंध में शैथिल्य आया है और आपसी विश्वास भी मजबूत किया गया है। इस वर्ष के मार्च में अमरीका ने अफगानिस्तान व पाकिस्तान के खिलाफ नयी आतंकवादी रणनीति की घोषणा की और अफगानिस्तान व पाकिस्तान को बांधा। पिछली हफ्ते, अमरीकी राष्ट्रपति, अफगानिस्तानी राष्ट्रपति और पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने वाशिन्टन में इकट्ठे करके त्रिपक्षीय वार्ता की, जिस से आतंकवादी विरोधी युद्ध में अफगानिस्तान व पाकिस्तान का संबंध और घनिष्ट हो गया है।

श्री जिलानी ने कहा कि वर्तमान सम्मेलन की सफलतापूर्ण आयोजन से पाक द्वारा अफगानिस्तान को दिये गये समर्थन प्रतिबिंबित किया गया है। यह इस क्षेत्र में चतुर्मुखी शांति, स्थिरता व समृद्धि को पाने का मील पत्थर है।