श्रीलंकाई रक्षा मंत्री गोटभाया राजापाक्से ने 12 तारीख को बताया कि सरकारी सेना ने लिट्टे के साथ हुई लडाई में नागरिकों की सुरक्षा के लिए सिलसिलेवार कदम उठाये हैं ।उन्होंने कहा कि लडाई में सरकारी सेना ने भारी हथियारों के इस्तेमाल पर सख्त नियंत्रण किया ।इस के कारण बहुत जवान घायल हुए और कुछ जवानों की जानें चली गयीं हैं।
उन्होंने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकारी सेना ने फौजी कार्रवाई धीमी की है ।
12 तारीख को श्रीलंका स्थित संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी प्रोग्राम के अधिकारी अमिन अवाद ने कहा कि हमें आशा है कि मुठभेड यशाशीघ्र ही समाप्त होगी ।युद्ध क्षेत्र में फंसे नागरिक अब खतरे में हैं ।
सूत्रों के अनुसार दोनों पक्षों की लडाई के कारण अब सुरक्षा क्षेत्र में खाद्य व दवा की गंभीर कमी है ।अंतरराष्ट्रीय मानवीय राहत संस्था ने कई बार लिट्टे से सभी नागरिकों को युद्ध क्षेत्र से हटाने की अपील की है ।