2009-05-11 15:32:15

तालिबान पर पाकिस्तान ने जबरदस्त प्रहार किया

पाकिस्तानी सैन्य पक्ष ने 10 तारीख को वक्तव्य जारी करके कहा कि पिछले 24 घंटों में पाकिस्तान की सुरक्षा टुकड़ी ने उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान के स्वॉट एवं शांगला आदि क्षेत्रों में कुल मिलाकर लगभग 200 तालिबान सशस्त्र शक्तियों को मार डाला। पाकिस्तानी प्रधान मंत्री गिलानी ने सात तारीख को भाषण देते हुए कहा कि पाकिस्तान उत्तर पश्चिमी क्षेत्र के सशस्त्र शक्तियों का सफाया कर देगा। इस के बाद पाक सैन्य पक्ष ने इस क्षेत्र की सशस्त्र शक्तियों पर चतुर्मुखी प्रहार किया। इस बार की सैन्य कार्यवाई पर विभिन्न जगतों का ध्यान गया।

वर्तमान सैन्य कार्यवाई को पाकिस्तान के विभिन्न जगतों का व्यापक समर्थम मिला है। इस से पहले, पाक की सब से बड़ी विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग ( एन) समेत कुछ पार्टियों ने सैन्य कार्यवाई का विरोध किया। उन का मानना है कि सेना को अपने  लोगों पर प्रहार न करना चाहिए।इसी स्थिति में पाकिस्तान सरकार ने सशस्त्र शक्तियों के साथ वार्तालाप करने की कोशिश की थी। पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत की सरकार ने इस वर्ष के फरवरी माह में अवैध घोषित किए गए  धार्मिक संगठन तेहरीके नफाज़ ए शरिअत ए मोहमदी के साथ समझौता संपन्न किया और इस बात पर सहमति दी कि जब एक बार तालिबान सशस्त्र शक्ति  के नियंत्रित स्वॉट घाटी क्षेत्र में शांति की बहाली हुई तो स्वाट समेत मालकंद क्षेत्र में शरिअत कानून लागू किया जाएगा। लेकिन  इस क्षेत्र की तालिबान सशस्त्र शक्ति ने न केवल हथियार डालने से इंकार कर दिया, बल्कि सरकारी संस्थाओं पर कब्जा भी कर लिया और सुरक्षा टुकड़ी के जांच स्टेशनों पर भी प्रहार किया। पाकिस्तानी सुरक्षा टुकड़ी ने अप्रैल के अंत से उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत के अनेक क्षेत्रों में गैर कानूनी सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करना शुरू  किया। इस महीने की 9 तारीख को पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने बैठक बुलाकर उत्तर पश्चिम की सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करने पर सहमति प्राप्त की। प्रधान मंत्री गिलानी ने इस के बाद आयोजित एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि सरकार ने वार्तालाप के जरिये सशस्त्र शक्तियों की समस्या का समाधान करने की कोशिश की थी, लेकिन, सशस्त्र शक्तियों ने हथियार डालने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान सरकार को विवश होकर बल का प्रयोग करना पड़ा। हाल में मुस्लीम लीग (एन) ने स्पष्ट रुप से कहा कि वे सरकार का समर्थन करते हैं। इधर के दिनों में न केवल पाकिस्तान की विभिन्न बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करने में एकता कायम की है, बल्कि अनेक समीक्षकों व आम नागरिकों ने भी आशा जताई कि सेना उग्रवादी सशस्त्र शक्तियों का विनाश  कर देगी।

पिछले दिनों में पाकिस्तान की सैन्य कार्यवाई सुभीतापूर्ण रुप से चल रही है, लेकिन, अन्य क्षेत्रों में इसे भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है।

किसी तरह युद्धरत क्षेत्र के नागरिकों की जानी सुरक्षा को सुनिश्चित करना सब से गंभीर समस्या है। तालिबान सशस्त्र शक्तियों ने नागरिक बस्तियों में रहते हैं, इसलिए, बड़े पैमाने वाली लड़ाई आसानी से आम नागरिकों की हताहती होगी। स्वॉट घाटी क्षेत्र में क्रमशः दोबार अस्थायी रुप से कर्फ्यू रद्द करने की घोषणा की गयी थी, ताकि नागरिक आसानी से वहां से  हट सकें। लेकिन, अधिकांश नागरिकों को अभी भी वहां ठहरना पड़ा है।सैन्य पक्ष के वक्तव्य में कहा गया कि सशस्त्र शक्तियों ने स्वॉट घाटी क्षेत्र में आत्म निर्मित विस्फोट उपकरणों से मनमानी से तोप दागा, जिस से आम नागरिकों की हताहती हुई। कुछ नागरिक घर में ही गोलाबारी से मारे गये हैं। इस के अलावा, तालिबान सशस्त्र शक्ति ने पाकिस्तानी सुरक्षा टुकड़ी के प्रहार का मुकाबला करने के लिए स्थानीय नागरिकों को शील्ड बनाया। लड़ाई का नागरिकों के दैनिक जीवन पर भारी प्रभाव पड़ा। स्वॉट क्षेत्र के प्रमुख शहर मींगोला में अनेक दिनों के लिए पानी व बिजली की सप्लाई बंद हो गयी है।

किसी तरह नागरिकों को युद्धरत क्षेत्र से हटाने का प्रबंध करना दूसरी बड़ी चुनौती है। पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत के प्रेस मंत्री हुसैन ने नौ तारीख को कहा कि स्वॉट एवं बुनेर क्षेत्र की लड़ाई कार्यवाई से संभवतः 15 लाख लोग बेघर होंगे। इस से पहले रिपोर्ट में कहा गया कि लगभग 5 लाख आम नागरिक स्थानांतरित किये जाने की जरूरत है। बेघरों का पुनर्वास करने के लिए पाकिस्तान सरकार को अस्थायी शिविरों तथा दैनिक जीवन की जरूरी वस्तुओं को सप्लाई कर देना चाहिए। आर्थिक मंदी का सामना करने वाली पाकिस्तान सरकार के लिए यह आसानी बात नहीं है। हाल में पाकिस्तान सरकार ने बेनेजिर आय समर्थन प्रोग्राम से मौजूदा समस्या का समाधान करने का निर्णय लिया। पाकिस्तान के विभिन्न जगतें भी इन आम नागरिकों को चंदा देने या आपात राहत सामग्रियों देने की कोशिश कर रहे हैं।इस के साथ साथ, पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता देने की अपील भी की।

वर्तमान सैन्य कार्यवाई कब समाप्त होगी। इस की चर्चा में पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी और प्रधान मंत्री गिलानी ने कहा कि सैन्य कार्यवाई तब समाप्त होगी, जब सशस्त्र शक्तियों तथा आतंकवादियों का इस क्षेत्र से सफाया किया जाए। लोकमत का मानना है कि सैन्य कार्यवाई संभवतः अल्प समय में सफलतापूर्ण रुप से समाप्त होगी, लेकिन, किसी तरह युद्धरत क्षेत्र का पुनः निर्माण करना पाकिस्तान सरकार के लिए एक दीर्घकालीन चुनौती होगा। (श्याओयांग)