2009-05-06 17:08:31

चीन दवादारु उद्योग की आविष्कार क्षमता उन्नत करने में प्रयासशील है

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है , श्रोता दोस्तो , नयी प्रमुख दवादारू आविष्कृत परियोजना , जो चीनी राष्ट्रीय वैज्ञानिक तकनीकी विशेष परियोजनाओं में से एक है , पांच मई को विधिवत रूप से अमल में लायी गयी है , इस परियोजना को मूर्त रूप देने से साधारण जनसमुदाय को असरदार व सस्ती दवाएं उपलब्ध कराय़ी जाएंगी । 

भारी वैज्ञानिक तकनीकी परियोजनाएं चीन सरकार ने राष्ट्रीय लक्ष्य को साकार बनाने के लिये पारित की हैं , इसी प्रकार की परियोजनाएं एक निश्चित समय में पूरी होना जरूरी हैं और चीनी वैज्ञानिक व तकनीकी विकास की प्राथमिकता भी है । चीन ने 2006 से मध्यम व दीर्घकालिक विज्ञान तकनीक विकास योजना में नयी आविष्कृत महत्वपूर्ण दवाओं को 16 प्रमुख विज्ञान तकनीक विशेष परियोजनाओं में शामिल कर लिया है । महत्वपूर्ण नयी दवाओं की आविष्कृत परियोजना के अनुसार आगामी 2010 तक चीनी केंद्रीय वित्त 970 संबंधित मुद्दों पर अनुसंधान करने में 5 अरब 30 करोड़ य्वान का अनुदान देगा ।

चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिक , प्रमुख नयी दवा आविष्कृत मुद्दे के जिम्मेदार व्यक्ति श्री सान क्वो व्यी ने इस का परिचय देते हुए कहा कि इन प्रमुख मुद्दों के जरिये चीनी वैज्ञानिक व तकनीशियइन जन स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाने वाले कैंसर और दिल व रक्त वाहिनी संबंधी रोग समेत दस गम्भीर रोगों पर केंद्रित रुप से अनुसंधान करेंगे और शीघ्र ही सुरक्षित , असरदार व सस्ती नयी दवाओं को बना देंगे । 

हम जन स्वास्थ्य को भारी नुकसान पहुंचाने वाले दस गम्भीर रोगों के इलाज के लिये तीस स्वतंत्र बौद्धिक संपदा अधिकार संपन्न आविष्कृत दवाओं को बना देंगे , जिस से स्वतंत्र रूप से नयी आविष्कृत दवाओं पर अनुसंधान में नया कीर्तिमान कायम किया जाय़ेगा । दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय दवादारु अनुसंधान मंच स्थापित कर हमारे देश की नयी दवादारु आविष्कृत करने की क्षमता बड़ी हद तक उन्नत की जायेगी । तीसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में समर्थ दवादारु उद्यमों को तैयार किया जाएगा और उन की तकनीकी आविष्कृत क्षमता को बढावा दिया जायेगा ।

संबंधित विशेषज्ञों से पता चला है कि वर्तमान चीन में कई हजार दवादारु कारोबार हैं , पर अधिकतर के पास अपना अनुसंधान व विकास अड्डा नहीं है और उन की स्वतंत्र आविष्कार व अनुसंधान करने की शक्ति बहुत कमजोर है । ऐसी स्थिति में चीन में 97 प्रतिशत की रसायन दवाएं विदेशी नुस्खों के आधार पर तैयार की जाती हैं , इसलिये दवाओं की लागत व कीमत महंगी हैं । चीनी विज्ञान तकनीक मंत्री श्री वान कांग ने कहा कि प्रमुख नयी दवा आविष्कृत परियोजना को अमल में लाने से उक्त स्थिति में बदलाव आयेगा । 

हमारी बहुत सी नयी दवाएं , मसलन कैंसर और हृदय व रक्त वाहिनी संबंधी रोगों का इलाज करने वाली दवाएं और एंटिटोसिन दवाएं विदेशों से आयात पर निर्भर हैं , उन के दाम बहुत महंगे हैं , जिस से राज्य व जनता के लिये भारी बोझ पैदा हो गया है । इन सवालों का मूल रूप से समाधान करने के लिये हमारी दवादारु आविष्कृत क्षमता उन्नत करना जरूरी है , ताकि नयी आविष्कृत दवाएं हमारे देश के दवादारु कारोबारों में बनायी जा सके । यह प्रमुख नयी आविष्कृत दवा मुद्दा जन स्वास्थ्य और जन जीवन को सुनिश्चित करने का एक अहम कदम ही नहीं , बल्कि वित्तीय संकट का मुकाबला करने और दवादारु उद्यमों के ढांचे को सुव्यवस्थित बनाने का एक महत्वपूर्ण विन्यास भी है ।

रिपोर्ट के अनुसार इस नयी दवा आविष्कृत मुद्दे में करीब हजार अनुसंधान विषय निश्चित हुए हैं और उन पर क्रमशः चीनी विज्ञान अकादमी के शांगहाई दवादारु अनुसंधान प्रतिष्ठान , थ्येनचिन चीनी औषधि विश्वविद्यालय , थुंगरनथान ग्रुप समेत अनेक संबंधित संस्थाएं अनुसंधान करेंगी । चीनी इंजीनियरिंग अकादमी के अकादमिक व थ्येनचिन चीनी औषधि विश्वविद्यालय के कुलपति श्री चांग पो ली ने कहा  चीनी औषधियां चीन की विशेषता है , हमारे देश का निचोड़ है और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में सक्षम भी है । हम नयी चीनी औषधियों पर अनुसंधान करने और हृदय व रक्त वाहिनी संबंधी रोगों का इलाज करने वाली दवाओं को तैयार करने पर जोर देंगे , इस मुद्दे में करीब एक करोड़ य्वान की पूंजी लगायी जायेगी ।