2009-05-06 10:30:51

एशियाई आर्थिक जगत एशिया के आर्थिक भविष्य पर आशावान है

एशियाई विकास बैंक के परिषद का 42वां सालाना सम्मेलन 5 तारीख को इंतोनिशिया के बाली द्वीप में समाप्त हुआ ।इस में भाग लेने वाले एशिया बैंक व विभिन्न एशियाई देशों के अधिकारियों और विशेषज्ञों ने एशिया के आर्थिक भविष्य पर विश्वास प्रकट किया ।

एशियाई विकास बैंक के महानिदेशक हरुहिको कुरोडा ने सालाना समापन समारोह पर भाषण देते हुए कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट से एशिया पर पडे प्रभाव की गहरी समझ है ।इस से अधिक महत्वपूर्ण बात है कि हम ने एशिया के आर्थिक पुनरूत्थान की निहित शक्ति देखी है ।समापन समारोह के बाद हुए संवाददाता सम्ममेन में हारुहिको कुरोडा ने कहा कि संबंधित आंकडो के अनुसार चीन शायद आर्थिक पुनरूत्थान के रास्ते पर चल रहा है ।दक्षिण कोरिया की अर्थव्यवस्था में प्रथम तिमाही में स्थिरता नजर आ रही है और जापानी अर्थव्यवस्था शायद सब से खराब दौर पहुंची है ।अनुमान है कि अगले साल के अंत से पहले एशियाई अर्थव्यवस्था की पूरी बहाली होगी ।

इस सालाना सम्मेलन से पहले एशियाई विकास बैंक के परिषद ने इतिहास में पूंजी विस्तार की सब से बडी योजना पारित की ।एशियाई विकास बैंक की पूंजी वर्तमान की 55 अरब अमरीकी डालर से 1 खरब 65 अरब अमरीकी डालर तक बढेगी ।इस से एशियाई विकास बैंक चालू साल व अगले साल वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए अपने सदस्यों के लिए 10 अरब अमरीकी डालर की अतिरिक्त पूंजी प्रदान कर सकेगा ।पूजी विस्तार से एशियाई विकास बैंक आर्थिक चक्र विरोधी कोष स्थापित करेगा , जिस से विकासशील देशों को वित्तीय प्रोत्साहन योनजा लागू करने के लिए आपात समर्थन दिया जा सके ।

इस सालाना सम्मेलन के दौरान एशिया और चीन ,जापान व दक्षिण कोरिया के वित्त मंत्रियों ने क्षेत्रीय विदेशी मुद्रा भंडारण की स्थापना के लिए पूंजी के कोटे ,पूंजी उधार लेने के तरीके व निगरानी तंत्र जैसे महत्वपूर्ण सवालों पर मतैक्य प्राप्त किया ।एशियाई विदेशी मुद्रा भंडारण का संचालन होने वाला है ।संबधित समझौते के मुताबिक एशियाई विदेशी मुद्रा भंडारण में चीन ,जापान व दक्षिण कोरिया कुल पूंजी की 80 प्रतिशत प्रदान करेंगे ,जबकि बाकी 20 प्रतिशत एशियान प्रदान करेगा ।इस विदेशी मुद्रा भंडारण का पैमाना 120 अरब अमरीकी डालर होगा ,जिस का औपचारिक संचालन इस साल के अंत से पहले होगा ।इस विदेशी मुद्रा भंडारण की स्थापना होने के बाद अगर किसी सदस्य देश को अंतरराष्ट्रीय आय व्यय में कठिनाई मिली ,तो उसे फौरन अल्पकाल की पूंजी प्राप्त होगी ।

विश्व आर्थिक मंदी के बीच विभिन्न एशियाई देश आपसी सहयोग में गति दे रहे हैं । इस कारण से एशियाई विकास बैंक व विभिन्न एशियाई देशों के अधिकारियों और संबधित विशेषज्ञों ने एशियाई आर्थिक विकास पर पक्का विश्वास प्रकट किया । सम्मेलन पर चीनी वित्त मंत्री शे शू रन ने भाषण देते हुए कहा कि चीन सरकार ने तेज व स्थिर आर्थिक विकास के लिए सिलसिलेवार पैकेज प्रस्तुत किये हैं ।चीन सरकार की मैक्रो आर्थिक कदमों से प्रारंभिक उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं और चीन की आर्थिक स्थिति पूर्वानुमान से अच्छी है ।उन्होंने बल देकर कहा कि चीन एशियाई विकास बैंक व अन्य सदस्यों के साथ सहयोग मजबूत कर इस क्षेत्र की समान विजय व विकास को बढावा देगा ।जापानी वित्त मंत्री कोरु योसानो ने एशियाई आर्थिक बहाली पर विश्वास भी प्रकट किया ।उन्होंने कहा कि अगर क्षेत्रीय सहयोग और क्षेत्रीय विकास में एशियाई विकास बैंक की भूमिका को मजबूती मिली ,तो एशिया निकट भविष्य में निश्चिय ही संकट की छाया से निकलेगा ।

विश्लेषकों के विचार में एशियाई विकास बैंक के विदेशी मुद्रा भंडारण की स्थापना से एशियाई वित्तीय व्यवस्था की वित्तीय संकट का मुकाबला करने की क्षमता मजबूत होगी और इस क्षेत्र का वर्तमान संकट से निबटाने का विश्वास भी बढ जाएगा ।अगर विभिन्न एशियाई देश आंतरिक मांग के विस्तार पर कायम रहे और सीमा पारीय व्यापार व निवेश बढाए ,तो विश्व में एशिया की अर्थव्यवस्था सब से पहले बहाल होगी ।उधर एशियाई विकास बैंक के पास क्षेत्रीय विकास के समर्थन के लिए पर्याप्त पूंजी है ।वह वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए अधिक प्रभावशाली कदम उठा सकेगा ।एशियाई विकास बैंक के समर्थन से उस के विभिन्न सदस्यों के व्यापार ,पूंजी निवेश व उपभोग को बढावा मिलेगा ।