2009-04-30 15:12:04

नाटो और रूस संबंध में नया परिवर्तन

नाटो के 28 सदस्य देशों और नाटो स्थित रूस के राजदूत ने 29 तारीख को ब्रसेल्स स्थित नाटो के मुख्यालय में गत वर्ष के अगस्त माह में जोर्जिया मुठभेड़ के बाद प्रथम औपचारिक संपर्क किया, यह इस बात का द्योतक है कि आठ महीनों तक जारी तनावपूर्ण संबंध में शैथिल्य आया है। लेकिन हाल में नाटो की जोर्जिया में फौजी अभ्यास योजना से द्विपक्षीय संबंधों में नया परिवर्तन आया है ।

मौजूदा राजदूत स्तरीय वार्ता का पूर्व मकसद मई के अंत में आयोजित नाटो और रूस के विदेश मंत्री की औपचारिक वार्ता की तैयारी करना और अफ़गान सवाल पर दोनों पक्षों में सहयोग तथा《युरोप में सामान्य सैन्य शक्ति संधि》का एक बार फिर कार्यान्वयन करने आदि सवालों पर विचार विमर्श करना है । इसी वक्त नाटो ने अचानक संवेदनशील जोर्जिया के भीतर फौजी अभ्यास करने की योजना बनायी, जिस का रूस ने जबरदस्त विरोध किया । इस से मौजूदा राजदूत स्तरीय वार्ता में असामंजस्यपूर्ण तत्व पैदा हुए हैं।

नाटो के प्रवक्ता अप्पाथुराई ने वार्ता के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में माना कि दोनों पक्षों के बीच जोर्जिया सवाल और इस में नाटो के फौजी अभ्यास पर मतभेद मौजूद हैं । लेकिन उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष समान हितों वाले क्षेत्रों में और रचनात्मक सहयोग करने पर सहमत हुए हैं । नाटो स्थित रूसी राजदूत श्री रोगोज़िन ने जोर्जिया में नाटो के फौजी अभ्यास की आलोचना की और बल देते हुए कहा कि अगर नाटो अपनी रूचि वाले क्षेत्रों में रूस के समर्थन प्राप्त करना चाहता है, तो सर्वप्रथम उसे रूस के साथ समान व्यवहार करना चाहिए । इस के साथ ही श्री रोगोज़िन ने कहा कि रूस दोनों पक्षों के विदेश मंत्रियों की वार्ता के लिए सकारात्मक तैयारी कार्य करेगा ।

गत वर्ष के अगस्त माह में जोर्जिया मुठभेड़ पैदा होने के बाद नाटो ने तत्कालीन अमरीका सरकार के पीछे रूस के साथ निश्चित हुए सभी औपचारिक संपर्क बंद कर दिए । इस तरह द्विपक्षीय संबंध शीत युद्ध के बाद सब से न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने पद संभालने के बाद अमरीकी सरकार की रूस नीति को बदला है,जिस से अमरीका व नाटो और रूस के साथ संबंध शिथिल होने के लिए अनुकूल स्थिति तैयार हुई है। इस वर्ष के मार्च माह में नाटो के विदेश मंत्री सम्मेलन ने औपचारिक तौर पर रूस के साथ संबंध बहाल करने का निर्णय लिया, जिस की पुष्टि अप्रेल के शुरू में नाटो के शिखर सम्मेलन में हुई ।

द्विपक्षीय संबंध शिथिल होने के सकारात्मक वातावरण में नाटो ने 15 तारीख को अचानक एलान किया कि वह आंशिक सदस्य देशों व साझेदार देशों को गठित कर छह मई से पहली जून तक जोर्जिया में श्रृंखलाबद्ध फौजी अभ्यास करेगा । रूस का विचार है कि जोर्जिया में नाटो के द्वारा फौजी अभ्यास करना खुली उत्तेजना है । इधर के दिनों में रूस ने नाटो से फौजी अभ्यास को रद्द करने का आग्रह किया है और इस में भाग लेने वाले संबंधित देशों को चेतावनी भी दी है।

लेकिन वर्तमान में नाटो के फौजी अभ्यास योजना को बदलने के चिह्न नहीं दिखाई दे रहे हैं । विश्लेषकों का विचार है कि अगर फौजी अभ्यास किया जाएगा, तो नाटो रूस संबंध में नया परिवर्तन ज़रूर आएगा ।

सर्वप्रथम अफ़गान में नाटो के अभियान को बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। अफ़गानिस्तान में युद्ध की स्थिति और गंभीर हो रही है और मध्य एशिया में एक मात्र मानस वायु अड्डे को बंद किये जाने की संभावना है । इस तरह नाटो रूस से अपनी सामग्री परिवहन की सुविधा चाहता है। गत वर्ष के अप्रेल में रूस ने नाटो के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए और रूस ने अपनी प्रादेशिक भूमि के जरिए नाटो के अफ़गानिस्तान में फौजी सामग्री पहुंचाने की अनुमति दी । लेकिन इस समझौते का कार्यान्वयन जोर्जिया मुठभेड़ के बाद बंद किया गया । इस वर्ष की फरवरी में द्विपक्षीय संबंध में शैथिल्य आने के बाद इस समझौते का कार्यान्वयन बहाल किया गया। लेकिन रूस ने अनेक बार संकेत दिया कि अफ़गान सवाल पर नाटो के साथ सहयोग की पूर्वशर्त यह है कि नाटो जोर्जिया सवाल पर रूस को उत्तेजित न करे । इस तरह जोर्जिया में नाटो का फौजी अभ्यास का परिणाम देखा जा सकता है ।

 दूसरा, युरोप के सामान्य हथियारों के निरस्त्रीकरण । नाटो और पूर्व वारसा संधि संगठन ने वर्ष 1990 में《युरोप में सामान्य सैन्य शक्ति संधि》पर हस्ताक्षर किए, जिस में उक्त दो बड़ी सैन्य शक्तियों ने विभिन्न प्रकार के सामान्य हथियारों की मात्रा, क्षेत्रीय परिसीमन, राष्ट्रीय परिसीमन और जांच तरीके को निश्चित किया । लेकिन अमरीका की बुश सरकार पूर्वी युरोप में मिसाइल विरोधी योजना लागू करने में लगी रही, इस तरह रूस ने वर्ष 2007 के अंत में उक्त संधि के कार्यान्वयन को अस्थाई तौर पर बंद करने का एलान किया, ताकि अमरीका का मिसाइल विरोध और नाटो के पूर्व की ओर विस्तार आदि सवालों पर रियायत दी जा सके । लेकिन नाटो ने अंत में संगठन में जोर्जिया की भागीदारी का वचन दिया और आज जोर्जिया के भीतर फौजी अभ्यास करेगा । निस्संदेह《युरोप में सामान्य सैन्य शक्ति संधि》के कार्यान्वयन की बहाली के लिए और मुश्किल होगी ।

नाटो के महासचिव श्री जाप दे हूप स्चेफ़र ने 29 तारीख को नाटो और रूस के बीच राजदूत वार्ता के पूर्व कहा था कि नाटो रूस को अपना महत्वपूर्ण साथी मानता है । उसे नाभिकीय प्रसार का मुकाबला, अफ़गान सवाल तथा आतंकवाद आदि वैश्विक सुरक्षा पर रूस के सहयोग की आवश्यकता है । लेकिन इस का मतलब यह नहीं है कि दोनों पक्ष मौजूद विभिन्न मूल मतभेदों को सुचारू रूप से दूर कर सकते हैं। द्विपक्षीय संबंधों का विकास बेरोकटोक नहीं हो सकता है।(श्याओ थांग)