2009-04-29 11:22:52

पाक सेना ने तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर रोक लगाने पर जोर लगाया क्यों

दोस्तो , हाल ही में पाकिस्तानी सेना ने अचानक पाक सीमा के भीतर तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर रोक लगाने पर जोर दिया है , जिस से लोकमत का ध्यान आकर्षित हुआ है ।

पाक गृह मंत्री मालिक ने 28 अप्रैल को कहा कि इधर दिनों में पाक सेना ने उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत के लोवेर दिर क्षेत्र में फौजी अभियान में कुल 70 तालिबान सशस्त्र शक्तियों को मार डाला । इस के साथ ही पाक सैनिक प्रवक्ता अबास ने इस बात की पुष्टि भी की है कि पाक सुरक्षा बलों ने 28 अप्रैल के दोपहर बाद उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत के बुनेर क्षेत्र में तालिबान सशस्त्र शक्तियों के खिलाफ फौजी अभियान शुरु कर दिया , यह फौजी अभियान करीब एक हफ्ता जारी रहेगा ।

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत की सरकार ने गत फरवरी में टी.एन.एस.एम के साथ संपन्न समझौते में यह सहमति जतायी कि जब तालिबान सशस्त्र शक्तियां अपने अधिकृत स्वाट नदी घाटी क्षेत्र में शांति की बहाली करेंगी , तो इसी घाटी क्षेत्र समेत मलाकेंड क्षेत्र में इसलाम कानून लागू होगा । पाक राष्ट्रपति जरदारी ने 13 अप्रैल को हस्ताक्षर आदेशपत्र में उक्त समझौते को अनुमति दी । पर शांति समझौता अभी अभी संपन्न हुआ , तो पाक सेना ने तालिबान सशस्त्र शक्तियों के खिलाफ फौजी अभियान क्यों शुरू कर दिया ।

लोकमत का मानना है कि पाक सेना के पास तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर अचानक रोक लगाने में तेजी लाने के अनेक कारण हैं ।

सर्वप्रथम , शांति समझौते से पाकिस्तान में शांति की बहाली के बजाये तालिबान सशस्त्र शक्तियों को अपनी ठोस शक्तियों व अधिकृत क्षेत्रों को बढाने के लिये मौका दिया गया है । इधर दिनों में तालिबान सशस्त्र शक्तियों ने हिंसक कार्यवाहियां कम नहीं कीं , इस के उल्टे उन्हों ने अधिकृत क्षेत्र को विस्तृत करने में तेजी लाने के साथ साथ राजधानी इस्लामावाद से केवल सौ किलोमीटर दूर बुनेर क्षेत्र को अपने काबू में पा लिया है , जिस से पाक सरकार बेहद चिन्तित हो गयी है ।

दूसरी तरफ तालिबान सशस्त्र शक्तियां जहां पहुंची हैं , वहां उन्हों ने महिलाओं को बाहर जाने की मना किया है , वीडिये टेप दुकानें नष्ट कर दी हैं और चौकी स्थापित कर मनमाने ढंग से व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है , जिस से हलचल मच गयी , काफी संख्या में स्थानीय नागरिक शरण लेने के लिये बाहर फरार हुए हैं । पाक सरकार ने सुफी मुहम्मद को इसी क्षेत्र भेज दिया , ताकि वे तालिबान सशस्त्र शक्तियों को वापसी के लिये सलाह दें , पर इस का कोई स्पष्ट परिणाम नहीं निकला । 28 अप्रैल को पाक सेना ने कहा कि अभी भी 450 से 500 तालिबान सशस्त्र शक्तियां फिर भी इसी क्षेत्र में अड़ी हुई हैं । इसी बीच पाकिस्तान के भीतर प्रहार घटना कभी कभार पैदा हुई , 26 अप्रैल को लोवर दिर क्षेत्र में सशस्त्र शक्तियों ने फौजी काफिले पर प्रहार किया और एक फूटबाल में ऱखे गये बम को उड़ाकर 12 बाल बच्चों को मार डाला ।

तीसरी तरफ तालिबान की दिन ब दिन तेज से तेजतर हिंसक हरकतों पर अमरीका सरकार बहुत बेचैन हो उठी है । अमरीकी उच्च स्तरीय अधिकारियों ने लगातार पाकिस्तान पर दबाव डाल दिया है । 22 अप्रैल को अमरीकी विदेश मंत्री हिलेरी ने खुलेआम पाकिस्तान सरकार की तालिबान के साथ ज्यादा रियायतें देने पर आलोचना की और यह चेतावनी देते हुए भी कहा कि तालिबान का प्रभाव उत्तर पश्चिम पाकिस्तान में विस्तृत होता जा रहा है , यदि पाक सरकार सार्थक कदम नहीं उठायेगी , तो परिस्थिति बेकाबू रहेगी । उन का मानना है कि वर्तमान पाक परिस्थिति अमरीका और विश्व के लिये एक घातक खतरा बन गयी है । 25 अप्रैल को श्रीमती हिलेरी ने फिर दावा किया कि अमरीका को चिन्ता है कि यदि तालिबान सशस्त्र शक्तियां पाक सरकार का तख्ता उलटने में सफल होंगी , तो पाक न्यूक्लीयर शस्त्र गोदाम आंतकवादी तत्वों के हाथों में पड़ेगा । लोकमत का विचार है कि यह तालिबान सशस्त्र शक्तियों की गतिविधियों और पाक सुरक्षा स्थिति का ज्यादा ख्याल रखने का अमरीका का कारण ही है ।

अमरीकी दबाव तले पाक सरकार ने देश के भीतर तालिबान सशस्त्र शक्तियों पर प्रहार करने पर विवश किया है और अमरीका को आतंक विरोधी सवाल पर अपना दृढ़ रवैया दिखा दिया है । पाक राष्ट्रपति जरदारी ने 27 अप्रैल को जताया कि पाकिस्तान का न्यूक्लीयर संस्थापन बहुत सुरक्षित है , विभिन्न देशों को पाक न्यूक्लीयर सुरक्षा के प्रति निश्चिंत करनी चाहिये ।

श्री जरदारी आगामी मई में वाशिंगटन में अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ वार्ता करेंगे । पता चला है कि अमरीका हर वर्ष पाकिस्तान को एक अरब 50 करोड़ अमरीकी डालर प्रदान करने की सोच में है । ऐसे मौके पर पाक सेना ने जो तालिबान पर दलबल सहित हमला किया है , वह निससंदेह जरदारी द्वारा वाशिंगटन को भेंट किये जाने का बड़ा गिफ्ट है और वह पाक अमकीकी शिखर वार्ता को सफल बनाने का एक अहम तत्व भी है ।

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