2009-04-28 14:41:03

चीनी व यूरोपीय प्रतिनिधि विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले में

दोस्तो , चीनी व यूरोपीय राजनीति व विद्या के जगतों के प्रतिनिधियों ने 27 अप्रैल को ब्रुसेल्स में इकट्ठे होकर चीन यूरोप संबंध के विकास और विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले पर विचार विमर्श किया । 

मौजूदा संगोष्टी यूरोपीय संसद के पोलिश सांसद गोलिक के प्रस्ताव पर बुलायी गयी है , जिस का प्रमुख विषय यूरोप व चीन दोनों पक्षों द्वारा समान रूप से विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला किया जाना है । यूरोपीस संघ स्थित चीनी अधिकारियों , यूरोपीय आयोग के अधिकारियों और चीन व यूरोप दोनों पक्षों के राजनीतिक व आर्थिक अनुसंधान क्षेत्रों के विद्वानों समेत करीब सौ लोग संगोष्ठी में शरीक हुए । यूरोपीय संघ स्थित चीनी प्रतिनिधि मंडल के नेता राजदूत सुंग च्ह ने कहा कि चीन व यूरोप के बीच समन्वय व सहयोग को मज़बूत बनाना अंतर्राष्ट्रीस समुदाय के संकट को दूर करने के विश्वास को बढाने के लिये भारी महत्व रखता है ।

सौ सालों में कम देखने को मिलने वाले वित्तीय संकट से न सिर्फ चीन व यूरोप समेत विश्व के विभिन्न देशों के आर्थिक स्थिरता व वृद्धि पर कुप्रभाव पड़ता है , बल्कि अंतर्राष्ट्रीय राजनीति , अर्थव्यवस्था व सुरक्षा की परिस्थिति को भी प्रभावित किया जाता है । मेरा विचार है कि भूमंडलीकरण व अंतर्राष्ट्रीय परिस्थिति में तेज बदलाव आने की पृष्ठभूमि में चीन यूरोप संबंध द्विपक्षीय दायरे को पार कर भूमंडलीय रणनीतिक महत्व रखता है । चीन व यूरोप के बीच समन्वय व सहयोग की मजबूती अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के एकताबद्ध सहयोग करने और वित्तीय संकट को दूर करने के विश्वास को बड़ी हद तक बढावा देगी ।

यूरोपीय सूत्रों ने उक्त विचार पर सहमति जतायी । उन्हों ने कहा कि यूरोप व चीन का सहयोग हालांकि मूल तौर पर वर्तमान संकट हालत को नहीं बदल सकता है , पर दोनों पक्षों का यह सहयोग समूचे विश्व के लिये फिर भी अनिवार्य है । यूरोपीय संघ के नीति केंद्र की एशियाई मामलात विशेषज्ञ सुश्री शादा ने कहा विश्व वित्तीय संकट के प्रभाव में यूरोप व चीन के बीच सहयोग का महत्व उत्तरोत्तर स्पष्ट हो गया है । हालांकि यूरोपीय संघ व चीन पर निर्भर रहकर वर्तमान संकट को दूर करने में असमर्थ है , पर दोनों पक्षों का सहयोग किये बिना इस संकट के जारी रहने का समय लोगों की कल्पना से कहीं अधिक लम्बा होगा ।

यूरोपीय संघ के मौजूदा अध्यक्ष देश चेक के प्रतिनिधि मंडल के नेता पावलिचेक ने मौजूदा यूरोप चीन सहयोग की स्थिति का मूल्यांकन करते हुए कहा कि यूरोप व चीन दोनों पक्षों का वार्तालाप व सहयोग निरंतर गहरा हो रहा है ,रूझान बेहतर है । 

यूरोपीय संघ व चीन का साझेदार संबंध विशाल दायरे के भीतर गहन रूप से विकसित हो रहा है , अध्यक्ष देश चेक का मानना है कि यूरोप व चीन के बीच आपसी समझ अपने साझेदार संबंध का महत्वपूर्ण तत्व है और वह दोनों पक्षों के मूल हितों से जुड़ा हुआ है । और महत्वपूर्ण बात यह है कि यूरोप चीन संबंध अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय क्षेत्र में आदान प्रदान भी स्थिर रूप से बढ़ता गया है ।

2004 में यूरोपीय संघ अमरीका को पीछे छोड़कर चीन का प्रथम व्यापार साझेदार बनने के बाद 2007 में फिर चीन का प्रथम बड़ा निर्यातित बाजार बन गया , जनवरी 2009 के बाद यूरोपीय संघ पहली बार जापान को पार कर चीन का प्रथम आयातित उद्गम स्थल बन गया । चीनी राष्ट्रीय आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान प्रोफेसर फान कांग ने संगोष्ठी में तीन सूत्रीय सुझाव दिये । 

सर्वप्रथम , चीन व यूरोप दोनों पक्षों को नीतियों के निर्धारण और केंद्रीय बैंकों के बीच वार्तालाप को मजबूत बनाना चाहिये , दूसरी तरफ दोनों पक्षों को संरक्षणवाद के पैदा होने की रोकथाम करनी चाहिये । तीसरी तरफ विश्व वित्त व मुद्रा व्यवस्था के सुधार पर सहयोग सुदृढ़ बनाना जरूरी है ।

चालू वर्ष की शुरुआत में चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ की यूरोपीय संघ के मुख्यालय व यूरोपीय देशों की विश्वसनीय यात्रा के बाद यूरोप चीन संबंध फिर से स्थिर विकास के पथ पर लौट आया है । चालू वर्ष के वसंत में चीनी व्यापार खरीददारी मंडल व निवेश निरीक्षण मंडल ने विशेष तौर पर यूरोप जाकर यूरोपीय देशों के साथ भारी रकम वाले सहयोग समझौते संपन्न किये । लोगों के पास विश्वास का यह तर्क है कि एक बेहतरीन आधारभूत चीन यूरोप संबंध अवश्य ही विश्व वित्तीय संकट को दूर करने और आर्थिक स्थिर वृद्धि को साकार बनाने में योगदान कर देगा ।