एक समय ऐसा था की आम चीनी के लिए साईकिल यातायात का मुख्य साधन हुआ करता था। इस वजह से चीन बाइसाईकिल किंगडम की नाम से जाना जाता था। लेकिन आज बढ़ती हुई कारों की संख्या और तेज रफ्तार से बढ़ती हुई हाईवे की दौर में बाईसाईकिलों की लोकप्रियता को गहरा झटका
लगा है। कुछ शहरों में तो रास्तों में जाम का मुख्य कारण साईकिल और साईकिल चालक माने जाते हैं।
ली सेन जो निर्माण मंत्रालय में कार्य करते हैं, आज से 20 वर्ष पूर्व पेइचिंग आए थे। उनका कहना है की पिछली बार वे अपने साईकिल का प्रयोग कब किये थे । उन्हें याद नहीं है। लेकिन आज वे उन दिनों की एक खास आनंद के साथ याद करते हैं जब वे अपने पहला वेतन से एक साईकिल खरीदी थी और जब भी अनकाश का समय प्राप्त होता था वे अपने साईकिल पर सवार हो कर थिआन-आन-मन जाते थे और दोस्तों के साथ वहां पर गप लड़ाते थे। ऐसे सुनहरे पल आज उनके और उनके दोस्तों के लिए महज एक याद बन कर रह गयी है। उस समय पेइचिंग की सड़कों पर कारों की संख्या बहुत कम थी और इस वजह से यहाँ की आबोहवा की गुणवत्ता उच्च स्थर कि हुआ करती थी पर आज यहाँ की सड़कों में बढ़ती कारों की तादाद की वजह से यहाँ की आबोहवा और पर्यावरण की स्थर में काफी बढ़ा गिराव आया है। कारों की इस्तेमाल से जो धुएँ निकलती हैं उससे पर्यावरण काफी दूषित हो गयी है। इसके इलावा आज पेइचिंग में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से, सड़कों की चौढ़ाई से जुड़े कार्यों की वजह से, और साईकिल के जरिये यातायात करने के लिए उपलब्ध जगह भी कम होते जा रही है।
कार में कार्यालय जाना आम तौर पर सुविधाजनक माना जाता है पर पेइचिंग में ली की अनुभव यह रही है की दफ्तर जाने के लिए आज कार होने के बावजूद दफ्तर पहुँचने में असुविधा होती है। सड़कों में गाड़ियों की लंबी कतारें होने के कारण उन्हें आज उतना ही समय लगता है जितना उन्हें पहले साईकिल में जाने के लिए लगता है। ली का अनुभव चीन के दूसरे शहरों में रहने वाले लोगों के अनुभव के साथ मिलताजुलता है। शहरीकरण के साथसाथ कारों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। पेईचिंग में आज दस लाख से भी अधिक कारें हैं। औऱ यह संख्या की वार्षिक तौर पर10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। इसके विपरीत साईकिलों की संख्या दिन पर दिन कम होते जा रही है। आज से दस वर्ष पहले चीन के 60 प्रतिशत लोग साईकिल में कार्य-स्थल जाते थे जबकि आज ऐसे लोगों की संख्या केवल 20 प्रतिशत है। कुछ लोगों का यह मानना है कि निकट भविष्य में शायद एक ऐसा दिन आए जब चीन की बाईसाईकिल किंगडम वाली उपाधि उससे छिन जाए।
लेकिन साथ ही दूसरे कई लोगों का ये मानना है की दूसरे बहरहाल कुछ लोगों का ये मानना है की यातायात के कुछ नये संसाधनों के उपलब्धि से यह निष्कर्ष कतई नहीं लगाया जा सकता कि लोग साईकिल में सवारी करना बंद कर देंगे। पर्यावरण और सेहत के प्रति बढ़ति जागरुक्ता के कारण कई लोगों को जहां तक हो सके साईकिल की सवारी करने के प्रति दिलचस्पि बढ़ति जा रही है।
आज सारे विशव में वाहनों की लंबी कतारों के कारण हुई सड़कों में जाम एक भारी समस्या बन गई है। यह समस्या चीन में औऱ ज्यादा नाजुक है क्यों कि चीन आज भी एक विकासशील देश है। हालांकि कारों कि खरीददारी करने वाले लोगों की संख्या आज भी काफी कम है, बढ़ती जनसंख्या, यातायात के सुविधाओं का गलत परिपालन, प्राचीन यातायात संसाधन आदि कुछ ऐसी दिक्कतें हैं जिसकी वजह से सार्वजनिक यातायात सुविधाओं में सुधार लाने के लिए कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है।
सड़कों में ट्रैफिक जाम का सबसे मुख्य कारण यह है कि जबकि यातायात के संसाधनों में आधुनिकीकरण हुई हैं लेकिन यातायात का ढाँचा आज भी काफी पुराना है। चीन की अर्थ-व्यवस्था की आधुनिकीकरण से चीन के लोगों को वाहन उद्योग में हुई प्रगति का फायदा हुआ है पर जिस रफ्तार से यह आधुनिकीकरण हुई है उस रफ्तार से शहरीकरण नहीं हो पाया है। पेइचिंग के इलावा, चीन के दूसरे शहरों में, जैसे कि शांगहाई, षीआन, कुआंगचोऊ में भी ट्रैफिक की समस्या हाल ही में एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभर कर आयी है। उदाहरण के तौर पर चीन के महानगरों को ही ले लीजिए जहाँ पर कारों कि रफ्तार अस्सी के दशक में 20 कि.मि प्रति घंटे होति थी। दक्षिण चीन के कुआंगचोऊ शहर कि पर्यावरण में 87 प्रतिशत कारबन मोनोक्साईड और 67 प्रतिशत नाईट्रोजन डाईओकेसाईड गैस की मात्रा कारों के द्वारा दूषित किया जाता है। ट्रैफिक जामों के कारण से आर्थिक नुक्सान कुछ करोड़ों कि संख्या में हुई है।
पिछले कुछ वर्षों से चीनी सरकार ने राष्ट्रिय मार्गों को बेहतर बनाने में बड़ी रख्म खर्च की है पर ट्रैफिक संबंधी सुधारों में उतनी ध्यान नहीं दिया जितना देना चाहिए। लि चिंग, जो चीनी इंजिनियिरंग अकादमी में अनुसंधान कर रहे हैं, कहते हैं कि जगह और संसाधनों और अलग किस्म कि सुविधाओं और अलग किस्म के सुविधाओं कि अनुपलब्धि के कारण चीन के लिए कारों की उपभोगिकरण एक हद के बाद अनुचित है। एक अमरीकी कंपनी के अनुसार अगर चीन में हर एक 1.3 लोगों के पास कार होता है, जैसे कि अमेरिका में है, चीन में 900 मिलियन कारें होंगी जो विशव के कारों कि संख्या में 40 प्रतिशत चीन में होंगी और विशव की 20 प्रतिशत तेल की उपभोक्ता चीन में सिर्फ कारों की उपभोक्ता से होगि। चीन इतनी बड़ी मात्रा में उर्जा की उपभोक्ता सिर्फ कारों कि वजह से करने में असमर्थ है। इसके इलावा अमेरिका में शहरों की एक-तिहाई जमीन सड़कों और पार्किंग के लिए आरक्षित किया जाता है पर चीन कि विशाल जनसंख्या और सीमित जमीन को देखा जाय तो यह शायद संभव नहीं है।
युरोपिय कार रहित दिवस जो वर्ष 2001 में आरम्भ हुई थी, आज लगभग युरोप की 800 शहरों पर काफी गहरा प्रभाव डाल चुकि है। जर्मनि में आज कई शहरों में रंगबिरंगे साईकिल इन शहरों कि सौंदर्यता पर चार चाँद लगा देता है। कई क्षेत्रिय सरकारों ने साईकिल कि अधिक मात्रा में उपयोग करने से संबंधी इनामों कि घोषणा भी कि है। पाओ षियाओवन जो हुआचुंग नोर्मल विशवविद्यालय से जुड़े हुए हैं मानते हैं कि कम दर, प्रदूषित न करने वाली और सुविधाजनक यातायात संसाधन होने के कारण, चीन कि शहरों में साईकिल कि महत्तवता को आज भी नकारा नहीं जा सकता। इस संदर्भ में
साईकिल चालन को प्रोत्साहित करने के लिए कई सारे गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा हैं। साईकिल जो एक आम आदमी की एक वाहन हुआ करती थी आज कई नये रुप धारण कर ली है। एक समय इसे गरीब आदमी की सवारी मानी जाती थी पर आज इसे शहरों में कई लोग इसे एक खेलकूद का जरिया बन गयी है।