2009-04-16 17:32:51

बोऔ एशियाई मंच का 2009 वार्षिक सम्मेलन एशियाई देशों में विश्वास बढने के लिये मददगार सिद्ध होगा

दोस्तो , बोओ एशियाई मंच का 2009 वार्षिक सम्मेलन 17 से 19 अप्रैल तक दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत के बोऔ कस्बे में आयोजित हो रहा है । एशिया और अन्य विभिन्न महा द्वीपों से आने वाले हजार से अधिक सरकारी शासनाध्यक्ष , वाणिज्य जगत की हस्तियां और विद्वान विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले पर विचार विमर्श करेंगे । चीनी अंतर्राष्ट्रीय सवाल के विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान में विश्व वित्तीय संकट का फैलाव हो रहा है , बोओ मंच का आयोजन संकट के सामने एशियाई देशों में विश्वास बढ़ने के लिये मददगार सिद्ध होगा । 

हालांकि बोओ मंच की स्थापना के बाद पिछले एक साल से भूमंडलीय आर्थिक पर्यावरण सब से खराब नजर आया है , लेकिन मौजूदा वार्षिक सम्मेलन का सभी तैयारी कार्य सुभीते से चल रहा है , सम्मेलन के हिस्सेदार सरकारी शासनाध्यक्षों की संख्या बरकरार है और उद्यम जगत के जाने माने व्यक्ति भी बेहद उत्साहित हैं । चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री च्यांग यू ने परिचय देते हुए कहा बोऔ एशियाई मंच के निमंत्रण पर चीन के प्रधान मंत्री श्री वन च्या पाओ भी हाईनान प्रांत में आयोजित बोओ सम्मेलन में उपस्थित होंगे और भाषण भी देंगे । पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी , कजाकिस्तान के राष्ट्रपति नाजरबायेव , डोगो के राष्ट्रपति फोरे और मंगोलिया , म्येंमार , वियतनाम , फीनलैंड , अल्बानिया , न्यूजीलैंड , बाबुया न्यू गिनी के प्रधान मंत्री व थाइलैंड के उप प्रधान मंत्री भी निमंत्रण पर मौजूदा सम्मेलन में भाग लेंगे । इस के अतिरिक्त अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जोर्ज डब्ल्यू बुश और जापान के पूर्व प्रधान मंत्री फासुओ फुकुदा भी सम्मेलन में भाग लेंगे ।

विश्व वित्तीय संकट की आम पृष्ठभूमि में विभिन्न एशियाई देशों की आर्थिक वृद्धि दर धीमी दिखाई पड़ी है । चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के एशियाई प्रशांत अनुसंधान प्रतिष्ठान की अनुसंधानकर्ता सुश्री चाइ यू ने कहा कि मौजूदा सम्मेलन का मुख्य मुद्दा आर्थिक संकट और एशियाः चुनौति व संभावना । सम्मेलन के हिस्सेदार वित्तीय संकट तले एशिया के सामने खड़ी चुनौयों के मुकाबले पर विचार विमर्श करेंगे और नयी वित्तीय आविष्कार , खुले द्वार व निगरानी के संतुलन की खोज करेंगे और चालू वर्ष की भूमंडलीय आर्थिक परिस्थिति की विकास प्रवृति का आकलन कर देंगे । उन का विचार है कि इसी तरह का विचार विमर्श एशियाई देशों में विश्वास बढ़ने और विश्व वित्तीय संकट के कुप्रभाव से शीघ्र बी बाहर निकलने के लिये मददगार सिद्ध होगा । 

बोओ एशियाई मंच का वार्षिक सम्मेलन ठीक ही पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन स्थगित होने के तुरंत बाद आयोजित हो रहा है । इस से कुछ हद तक पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन के स्थगन से पैदा खेद की पूर्ति हो गयी है । इस के अलावा हिस्सेदार आम तौर पर एशियाई देशों या एशियाई प्रशांत क्षेत्र के सरकारी अधिकारी या वाणिज्य हस्तियां है , जिस से वित्तीय संकट व वित्तीय संकट तले क्षेत्रीय विकास पर विचार विमर्श के लिये एक अनुकूल स्थिति तैयार हो गयी है , इस का निश्चित हद तक एशिया का विश्वास पुनः स्थापित करने के लिये भारी महत्व है ।

चाइ यू ने कहा कि गत सदी के 90 वाले दशक में हुए एशियाई संकट में एशियाई देशों ने हाथ मिलाकर चुनौतियों का सामना कर लिया है । उस समय चीन सरकार ने चीनी मुद्रा रन मिन पी का मूल्य गिरने न देने का वायदा किया और सिलसिलेवार नीतिगत कदम भी उठा दिये , इस से जिम्मेदाराना बड़े देश की छवि को विश्व में सर्वमान्य मान्यता व प्रशंसा मिली ।

सुश्री चाइ यू ने कहा कि एशियाई अर्थव्यवस्था में चीन की सकारात्मक भूमिका का ख्याल रखने के साथ साथ यह देखना भी जरूरी है कि चीनी आर्थिक वृद्धि को विभिन्न एशियाई देशों से समर्थन प्राप्त करने की जरूरत हो । 

बोओ एशियाई मंच के अतीत के विकास से देखा जा सकता है कि चीन ने क्षेत्रीय आर्थिक वृद्धि में अत्यंत कुंजीभूत व केंद्रित पार्ट अदा किया है । दूसरी तरफ क्षेत्रीय आर्थिक विकासक्रम पारस्परिक लाभ और समान जीत का संबंध है , चीनी आर्थिक वृद्धि को अपने आप पर निर्भर रहने के बजाये पासपड़ोस के सभी देशों के जबरदस्त समर्थन की आवश्यकता है । इसी प्रकार का संबंध बोओ एशियाई मंच में दोहराना और आगे विकसित करना अत्यावश्यक है ।