आप सुन रहे हैं पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक उद्धाटन समारोह में एक कार्यकर्म का रिकार्डिंग । स्वर्ग लोक नामक इस कार्यक्रम में एक मंगल और आलोक सूचक सूर्य पक्षी आकाश से नीचे उड़ते हुए उतरी है। जब सूर्य पक्षी एक सुनहरे घास मैदान में आ पहुंची, तो वहां खड़े नेत्रहीन गायक यांग हाई थाओ ने अपनी आकर्षक आवाज में स्वर्ग लोक नामक मधुर गीत गाया।
पैरा ओलंपिक उद्घाटन के बाद उद्घाटन समारोह के कार्यकारी महा निर्देशक श्री जांग जी कांग ने इस गीत के अर्थ को समझाते हुए कहाः
यांग हाई थाओ की गायन शैली की एक विशेषता है कि वे अपनी पूर्ण मन भावना से गाते हैं, जो हमें बहुत प्रभावित कर सकता है। स्वर्ग लोक नामक गीत ने जीवन के प्रति दिल की अभिलाषा व्यक्त की है। गीत में कहा जाता कि हालांकि वे देख नहीं सकते, लेकिन वे फूल का सुगंध सूंघ सकते हैं। उन्हें मालूम है कि लड़की उन के पास खड़ी है, उन्हें जीवन को बहुत सुन्दर महसूस होता है।
गाना समाप्त करने के बाद नेत्रहीन गायक यांग हाई थाओ ने उद्घाटन समारोह में उपस्थित सभी लोगों से कहा कि अगर मुझे तीन दिन की ज्योति लौटायी गयी , तो मैं कह सकता हूं कि मैं मेरे पिता जी, माता जी और उपस्थि आप लोगों को देखना चाहता हूं । उन की इस अभिलाषा से सभी लोगों को असाधारण प्रभावित हो गए हैं।
पेइचिंग पैरा-ऑलंपिक उद्धाटन समारोह में सभी कार्यक्रम इस प्रकार प्रभालकारी और हृदयस्पर्शी हुए हैं। श्री जांग जी कांग ने इस के संदर्भ में कहाः
पूरे उद्धाटन समारोह की शैली बाल कथा नुमा होती है। मेरे विचार में पैरा-ऑलंपिक का उद्धाटन समारोह सादगी एवं कुलीनता के साथ सुरुचि व रोमांचक एवं मर्मस्पर्शी होना चाहिये। इस प्रकार से यह सिद्ध हो सकता है कि सभी प्राण मूल्यवान है और हर जीवन में सपना है । इस अवधारणा में विकलांग लोगों द्वारा स्वस्थ लोगों के साथ मिलजुल कर अपनी कोशिशों से सुन्दर जीवन तैयार करने का अर्थ शामिल है। हम ने खुशगवार तरीके से इस अवधारणा को प्रदर्शित कर बताया है।
पेइचिंग पैरा ओलंपिक के उद्धाटन समारोह में कुल 400 विकलांग कलाकारों ने भाग लिया। उद्धाटन समारोह के अच्छी तरह आयोजन के लिये श्री जांग जी कांग और उन की टीम ने बारंबार विकलांग कलाकारों व खिलाड़ियों के साथ कला व जीवन के महत्व पर विचार विमर्श के लिये बैठक बुलायी। विकलांग कलाकारों व खिलाड़ियों में जीवन के प्रति गहरी समझ ने श्री जांग जी कांग और उन की टीम को गहन रूप से प्रभावित कर दिया है। इसलिये उन्होंने पैरा-ऑलंपिक उद्धाटन समारोह में प्राण की सृष्टि, मानवता व मानतावाद का गुणगान करने वाले दृश्य दिखाने की भरपूर कोशिश की है।
उदाहरण के लिये समारोह में कभी न थमते कदम नामक एक कार्यक्रम है। इस के बारे में परिचय देते हुए श्री जांग जी कांग ने कहा कि पूर्व योजनानुसार इस कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए चीनी विकलांग कला मंडली के सदस्य को चुना गया था। लेकिन 12 मई को वनछ्वान भूकंप आया, जिस से 11 वर्ष की लड़की ली यू की बाईं टांग खो गयी। नृत्य के प्रेमी सुश्री ली यू ने अपना संकल्प बताते हुए कहा था कि हालांकि भूंकप में मेरा एक पैर कट गया है, लेकिन मैं अपना बैल्ले नाचने का सपना कभी नहीं छोड़ूंगी । इस छोटी लड़की के दृढ़ स्वभाव से जांग जी कांग बेहद प्रभावित हुए है। उन्होंने कहा कि उस क्षण में मैं ने कभी नहीं थमते कदम के लिए ली यू को चुना। (रूपा)