2009-04-16 10:15:55

भारत में लोकसभा का चुनाव शुरू

भारत में लोकसभा चुनाव का पहला दौर 16 अप्रैल को शुरू हुआ ।विश्लेषकों के विचार में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के कुछ लाभ हैं ,पर किसी पार्टी द्वारा लोकसभा में बहुमत प्राप्त करने की संभावना बहुत कम है ।इस से एक अस्थिर संयुक्त सरकार पैदा होने की बडी आशा है ।

भारतीय चुनाव आयोग के फैसले के अनुसार मौजूदा आम चुनाव एक महीने तक चलेगा ।पूरे देश के 543 चुनाव इलाकों में पांच दौरों में मतदान आयोजित होगा ।16 तारीख को आयोजित पहले दौर का मतदान उत्तर व पूर्वी और दक्षिण भारत में होगा ,जिस से लोकसभा की 543 सीटों में से 124 तय किये जाएंगे ।आम चुनाव का मतगणना 16 मई को होगा ।नयी लोकसभा जून के शूरू में स्थापित होगी ।

एक महीने वाले आम चुनाव में भारत के 73करोड मतदाता देश के 8लाख अधिक मतदान स्टेशनों में वोट डालेंगे ।कुल 1055 पार्टियों के उम्मीदवार लोकसभा की 543 सीटों के लिए स्पर्द्धा करेंगे ।स्थानीय विश्लेषक का कहना है कि आम चुनाव का प्रमुख मुकाबला कांग्रेस नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक संघ के बीच होगा ।पिछले साल मुंबई में हुए आतंकवादी हमले और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट व आर्थिक मंदी के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी दोनों ने सुरक्षा व आर्थिक मुद्दे पर प्राथमिकता दी ।

चुनाव प्रचार में कांग्रेस पार्टी ने 76 वर्षीय मनमोहन सिंह फिर प्रधान मंत्री के उम्मीदवार खडे किये और गांधी परिवार के सब से जवान प्रतिनिधि व पार्टी के 39 वर्षीय महासिव राहुल गांधी को उत्तराधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया ताकि कांग्रेस पार्टी की सुधार व विकास की छवि स्थापित की जीए ।क्योंकि भारत के अधिकांश मतदाता गांव में बसे हैं ,कांग्रेस पार्टी का प्रचार मुख्तय तौर पर गरीब लोग ,किसान ,अल्पसंख्यक जातियों व निम्न वर्ग की जातियों से केंद्रित रहा ।

भारतीय जनता पार्टी के समर्थक शहर के मध्यवर्ग व जवानों में ज्यादा हैं ,इसलिए उस के चुनाव पत्र में शहर के विकास व वाणिज्य मुद्दों पर ज्यादा ध्यान दिया गया ,जैसे मार्गों के सुधार और जल बिजली की सप्लाई व इत्यादि ।भारतीय जनता पार्टी से प्रस्तुत प्रधान मंत्री के उम्मीदवार 81 वर्षीय पार्टी नेता एल के अदवानी है ।गुजरात के मुख्य मंत्री नरेंद्र मोदी अडवानी के उत्ताधिरकारी माने जाते हैं ।

इस के अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी , द फोर्वर्ड ब्लोक व समाजवादी क्रांतिकारी प्राटी समेत दसेक वाम पार्टियों व स्थानीय पार्टियों से गठित तीसरा मोर्चा भारतीय मतदाताओं के लिए तीसरा विकल्प है ।तीसरे मोर्चे ने चुनाव पत्र में चार सिद्धांत प्रस्तुत किये यानी आर्थिक नीति बदलना ,राजनीति व धर्म को अलग करना ,स्वतंत्र विदेशी नीति और केंद्रीय व स्थानीय संबंधों का पुनर्निमाण ।

वर्तमान में आम चुनाव के ठोस परिणाम का अनुमान लगाना मुश्किल है ,पर अधिकांश विश्लेषकों के विचार में कांग्रेस पार्टी और भारतीय जनता पार्टी चुनाव में दो सब से बडे विजयता बननेंगे ।कुछ ताजा जनमत सर्वे के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले संघ पराजित करने की संभावा थोडी ज्यादा है , पर दोनों पार्टी इस आम चुनाव में आधे से अधिक सीटें प्राप्त नहीं कर सकती ।इस का मतलब है कि सरकार की स्थापना के लिए किसी बडी पार्टी को छोटी पार्टियों के साथ सहयोग करना होगा ।छोटी पार्टियां व स्थानीय पार्टियां सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी ।इस स्थिति से देखा जाए आम चुनाव के बाद भारत के राजनीतिक मंच में अस्थिर तत्व मौजूद होंगे और भावी सरकार के गठन का अनुमान बहुत कठिन है ।