2009-04-15 09:56:43

विभिन्न पक्षों ने जनवादी कोरिया से वार्ता मेज के पास लौटने की अपील की

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 13 तारीख को जनवादी कोरिया द्वारा एक उपग्रह छोडे जाने पर अध्यक्ष ब्यान जारी कर उस की निंदा की ।इस के बाद जनवादी कोरिया के विदेश मंत्रालय ने 14 तारीख को इस का विरोध व्यक्त किया और कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय सवाल पर 6 पक्षीय वार्ता से हटने ,नाभिकीय संस्थापनों की बहाली और अंतरराष्ट्रीय नाभिकीय संस्था के साथ सहयोग ठप्प करने की घोषणा की ।लोकमत के विचार में इस संवेदनशील वक्त पर 6 पक्षीय वार्ता और कोरियाई प्रायद्वीप की गैर नाभिकीकरण प्रक्रिया को बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है ।

जनवादी कोरिया ने पांच अप्रैल को क्वांग म्योगं सोंग 2 परीक्षात्मक दूर संचार उपग्रह छोडा ।संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 13 तारीख को इस मामले को लेकर एक अध्यक्ष ब्यान जारी किया ।इस ब्यान में कहा गया कि जनवादी कोरिया की कार्रवाई सुरक्षा परिषद के नंबर 1718 प्रस्ताव के खिलाफ है ।सुरक्षा परिषद इस की निंदा करता है और जनवादी कोरिया से फिर ऐसी कार्रवाई न करने की मांग करता है ।ब्यान में कहा गया कि सुरक्षा परिषद 6 पक्षीय वार्ता यथाशीघ्र ही बहाल करने का समर्थन करता है और 6 पक्षों से 19 सितंबर 2005 को संपन्न हुए समान वक्तव्य व संबंधित दस्तावेजों को पूरी तरह लागू कर कोरियाई प्रायद्वीप और उत्तर व पूर्वी एशिया की शांति व स्थिरता को बनाए रखने का अनुरोध करता है ।

14 तारीख को जनवादी कोरिया के विदेश मंत्रालय ने ब्यान जारी कर संयुक्त सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ब्यान की निंदा की और इस का विरोध व्यक्त किया ।ब्यान में कहा गया कि जनवादी कोरिया अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार स्वतंत्रता से बाहरी अंतरिक्ष के इस्तेमाल का अधिकार निभाएगा ।स्वतंत्रता व प्रभुसत्ता की समानता का सम्मान 19 सितंबर संयुक्त ब्यान का आधार है ।इस भावना को पूरी तरह नकारा जाने की स्थिति में जनवादी कोरिया 6 पक्षीय वार्ता में भाग नहीं लेगा और 6 पक्षीय वार्ता में संपन्न समझौतों से प्रतिबंधित नहीं होगा ।ब्यान में कहा गया कि जनवादी कोरिया आत्मरक्षा के लिए नाभिकीय निरोधक शक्ति को मजबूत करने की भरसक कोशिश करेगा ।इस लिए जनवादी कोरिया नाभिकीय संस्थापन की बहाली करेगा और हल्के जल रेएक्टर का अध्ययन करेगा ।

अमरीकी ह्वाट हाउस के प्रवक्ता रोरब्रट गिब्बस ने 14 तारीख को कहा कि 6 पक्षीय वार्ता से हटने और नाभिकीय योजना बहाल करने का जनवादी कोरिया का रूख गलत दिशा में उठाया गया गंभीर कदम है ।अमरीका जनवादी कोरिया से भडकाऊ धमकी बंद करने का अनुरोध करता है ।अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रोबर्ट वूड ने उसी दिन जनवादी कोरिया से 6 पक्षीय वार्ता में लौटने की अपली की .

रूसी विदेश मंत्रालय ने 14 तारीख को ब्यान जारी कर कहा कि रूसी पक्ष जनवादी कोरिया द्वारा 6 पक्षीय वार्ता से हटने और नाभिकीय योजना बहाल करने पर खेद प्रकट करता है और जनवादी कोरिया से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नंबर 1718 प्रस्ताव और 6 पक्षीय वार्ता में संपन्न संयुक्त ब्यान व संबंधित दस्तावेजों का पालन कर वार्ता मेज के पास लौटने की अपील की ताकि कोरियाई प्रायद्वीप का गैर नाभिकीकरण साकार करने और उत्तर व पूर्वी एसिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने का उपाय ढूंढा जाए ।

कोरिया गणराज्य सरकार ने 14 तारीख को जनवादी कोरिया के रूख पर खेद प्रकट किया ।कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ब्यान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांग प्रतिबिंबित की है ।जनवादी कोरिया को इस ब्यान का पालन कर 6 पक्षीय वार्ता में भाग लेना चाहिए ताकि कोरिया प्रायद्वीप की शांति व स्थिरता पूरी की जाए ।

जापान सरकार ने 14 तारीख को जनवादी कोरिया से 6 पक्षीय वार्ता में लौटने की अपील भी की ।जापानी विदेश मंत्री हिरोफुमी लाकासोन ने 14 तारीख के तडके ब्यान जारी कर कहा कि अध्यक्ष ब्यान जापान समेत उत्तर व पूर्वी एसिया की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है ।जापान जनवादी कोरिया से इस ब्यान को स्वीकार कर सुरक्षा परिषद के नंबर 1718 प्रस्ताव का पालन करने की मांग करता है ।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता च्यांग यू ने 14 तारीख को कहा कि चीन सुरक्षा परिषद में जनवादी कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपण पर प्रस्ताव पारित करने का समर्थन नहीं करता है और जनवादी कोरिया के खिलाफ नया प्रतिबंध लगाने पर सहमत नहीं है ।चीन के विचार में सुरक्षा परिषद कोरियाई प्रायद्वीप और उत्तर पूर्वी एशिया की शांति व स्थिरता की समग्र स्थिति की दृष्टि से 6 पक्षी वार्ता व कोरियाई प्रायद्वीप का गैर नाभिकीकरण बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए ।चीन की आशा है कि संबंधित पक्ष संयम रखकर मिलकर इस क्षेत्र की शांति व स्थिरता बनाए रखेंगे और 6 पक्षीय वार्ता व कोरियाई प्रायद्वीप के गैरनाभिकीकरण को आगे बढाएंगे ।यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय और इस क्षेत्र के सभी देशों के समान हित में है ।