2009-04-13 18:16:10

चीन स्थित भारतीय राजदूत सुश्री निरूपमा राव का बधाई संदेश

आदरणीय च्य़ांग चन ह्वा , चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के पूर्व उपाध्यक्ष व चीन भारत मैत्री संघ के अध्यक्ष

आदरणीय वांग कंग न्येन ,चाइना रेडियो इंटरनेशनल के अध्यक्ष

आदरणीय मुंशी फैज़ अहमद ,चीन स्थित बंगलादेश के राजदूत

दोस्तो ,

चाइना रेडियो इंटरनेशल की हिंदी प्रसारण सेवा की 50वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लेने पर मैं बहुत खुश हूं ।इस अवसर पर मैं हिंदी विभाग के दोस्तों को हार्दिक बधाई देती हूं ।

चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं ,जिन्होंने मानव के विकास के लिए बडा योगदान दिया है ।चीन भारत मैत्री का इतिहास भी बहुत लंबा है ।यह सर्वविदित है कि चीनी मशहूर भिक्षु ह्वेन त्सांग 7वीं सदी में बौद्ध धर्म सीखने के लिए भारत गये थे और वहां दसेक साल ठहरे ।इस दौरान उन्होंने लगभग पूरे भारत का दौरा किया ।चीन वापस लौटने के बाद उन्होंने बडी संख्या में बौद्ध धर्म पुस्तकों का अनुवाद किया ,जिस से चीन और भारत के सांस्कृतिक आदान प्रदान को असाधारण बढावा मिला ।ह्वेन त्सांग ने अपने अनुभवों के अनुसार थांग राजवंश में पश्चिम की यात्रा नामक पुस्तक भी लिखी ।एक हजार वर्ष से अधिक समय बीतने के बाद भी यह पुस्तक भारत के इतिहास का अध्ययन करने वाली अत्यतं मूल्यवान सामग्री है ।भारत में ह्वेन त्सांग का बडा नाम है ,जो चीन भारत मैत्री का प्रतीक है ।पिछली सदी के पचास के दशक में भारत के बिहार के नालंदा में ह्वेन त्सांग का स्मृति भवन स्थापित हुआ ।दो साल पहले दोनों देशों की कोशिशों से ह्वांग चांग स्मृति भवन का जीर्णोद्धार पूरा हुआ और देशी विदेशी पर्यटकों के लिए यह खुला ।चीन भारत मैत्री के इतिहास में यह सिर्फ एक मिसाल है ।

इधर कुछ सालों में चीन भारत संबंधों का तेज विकास हुआ है।विभिन्न क्षेत्रों में चीन और भारत के बीच घनिष्ठ आवाजाही बढ रही है ।दोनों देशों की जनता एक दूसरे को जानने ,समझने की तीव्र इच्छा रखती है ।दोनों देशों के मीडिया इस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं ।गहरी पारस्परिक समझ मैत्री की नीवं है और दोनों देशों की जनता की मैत्री दोनों देशों की मैत्री का आधार है ।यह जानकर मैं बहुत खुश हूं कि चाइना रेडियो इंटरनेशल की हिंदी सेवा ने पिछले पचास वर्षो में चीनी जनता व भारतीय जनता की पारस्परिक समझ व मैत्री के लिए बहुत काम किया है और योगदान दिया है ।

अंत में एक बार फिर मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिंदी सेवा को बधाई देती हूं और शुभकामना करती हूं कि सी आर आई की हिंदी सेवा दिन दुगुनी रात चौगुनी तरक्की करे और चीन भारत मैत्री बढाने की दिशा में और योगदान दे ।

धन्यवाद