2009-04-13 18:10:07

सुन पाओकांग का बधाई संदेश

एन पी सी उपाध्यक्ष आदरणीय चांग जङ हवा जी,

भारतीय राजदूत आदरणीय सुश्री राव जी,

बंगलादेश के राजदूत आदरणीय अहमद जी,

सी आर आई के आदरणीय नेता ,बहनो, भाइयो और मित्रोः

नमस्ते ।

15 मार्च 1959 को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन सरकार के तवोज्जह और समर्थन से चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिन्दी सेवा के औपचारिक प्रसारण का श्रीगणेष हुआ। सी आर आई हिन्दी सेवा की पचासवीं जयंती के इस सुअवसर पर आज से पचास साल पहले के हिन्दी प्रसारण शुभारंभ की याद करना ज़रुरी है ।

पिछले पचास साल में सी आर आई हिन्दी सेवा ने अनेक उतार चढाव देखे हैं। हिन्दी सेवा के शुरूआती काल में यद्यपि चीन भारत संबंध शीतावस्था में रहा, फिर भी हमें भारत के विभिन्न स्थानों से बहुत पत्र मिलते रहे। बहुत से श्रोताओं ने अपने पत्रों में हिन्दी सेवा की सराहना करते हुए कहा कि वह ज्ञान हासिल करने तथा चीन के बारे में जानकारी पाने वाला सुगम माध्यम है। वर्तमान में चीन भारत मित्रता लगातार बढ़ रही है, सी आर आई हिन्दी सेवा भारतीय जनता को चीन के बारे में जानकारी देने तथा पारस्परिक समझदारी बढ़ाने वाला उत्तम मंच बन गया है।

अनेक साल गुज़रे, हम पुरानी पीढ़ी के लोगों ने रेडियो प्रसारण काम को विदा कहा, हमारी जगह नयी पीढी के लोगों ने हिन्दी प्रसारण सेवा का काम संभाला । अब जोश और यौवन से भरे इन नए चेहरों को देखकर मुझे पक्का विश्वास है कि हमारा प्रसारण कार्य निश्चय ही दिन-दूनी रात-चौगुनी तरक्की करेगा।

पुराने सादे रेडियो भवन से सी आर आई की नयी बिल्डिंग तक, पुरानी रिकार्डिंग मशीन से नए ओडियो कार्य स्टेशन तक, टाइप राइटर से कम्प्यूटर तक, बड़ी ईंट नुमा टेप रिकार्डर से डिजिटल रिकार्डर तक और परंपरागत प्रसारण प्रणाली से मल्टी मीडिया तक--- नव उच्च विज्ञान तकनीक के तेज निरंतर विकास के साथ-साथ अन्तरराष्ट्रीय रेडियो प्रसारण भी डिजिटल युग में प्रवेश कर गया है। चीनी अन्तरराष्ट्रीय ब्रोडकास्टिंग कार्य में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं, इस बीच सी आर आई हिन्दी सेवा भी बेतार प्रसारण, ऑन लाइन सेवा और हिन्दी पत्रिका युक्त बहुमुखी मीडिया संस्था बन गयी है।

मुझे पक्का विश्वास है कि हिन्दी विभाग के सभी सदस्य अवश्य युग की गति से पग मिलाते हुए चीनी व भारतीय जनता की परंपरागत मैत्री, आपसी समझदारी और परस्पर विश्वास बढ़ाने के लिए और बड़ा योगदान देंगे।

धन्यवाद ।