2009-04-10 16:32:58

चीन एशियाई देशों के साथ मिलकर वित्तीय संकट का मुकाबला करेगा

10 अप्रैल के दोपहरबाद चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ थाईलैंड में पूर्वी एशिया के नेताओं के विभिन्न सम्मेलनों में भाग लेने के लिए विशेष विमान द्वारा पेइचिंग से रवाना हुए। यह जी 20 के लंदन शिखर सम्मेलन के बाद दस दिन के भीतर चीनी नेता की और एक अहम विदेश यात्रा है। श्री वन चापाओ पूर्वी एशिया के विभिन्न देशों के नेताओं के साथ वित्तीय संकट का मुकाबला करने तथा समान रूप से विकास को बढ़ावा देने के अहम मामलों पर विचार विमर्श करेंगे और पूर्वी एशिया के साथ सहयोग के लिए चीन के सुझाव पेश करेंगे ।

आसियान के वर्तमान अध्यक्ष देश थाईलैंड के प्रधान मंत्री अबहिसिट के निमंत्रण पर चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ 10 से 12 अप्रैल तक थाईलैंड के पाट्टाया में आयोजित होने वाले चीनी व आसियान नेताओं के 12वे सम्मेलन, आशियान और चीन, जापान व कोरिया गणराज्य के नेताओं के 12वें सम्मेलन तथा चौथे आसियान शिखर सम्मेलन और चीनी, जापानी व दक्षिण कोरियाई नेताओं के नाश्ता सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। श्री वन चापाओ मौजूदा सम्मेलनों में भाग लेंगे और पूर्वी एशिया के व्यवहारिक सहयोग की मजबूति तथा अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के साझे मुकाबले के बारे में चीन के मतों और सुझावों पर प्रकाश डालेंगे।

श्री वन चापाओ की यात्रा की चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय के मंत्री सहायक श्री हु जङयाओ ने कहा कि यह विश्वास व सहयोग बढ़ाने वाली यात्रा है।

प्रधान मंत्री वन चापाओ की मौजूदा यात्रा पड़ोसी देशों के साथ चीनी नेताओं की अहम राजनयिक कार्यवाही है, जिस का पूर्वी एशिया के सहयोग के विकास पर सकारात्मक और दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। चीन विश्वास बढाने तथा सहयोग गहरा करने की भावना में सम्मेलनों में भाग लेगा और विभिन्न पक्षों के साथ मिल कर विचार विनिमय में सक्रिय भाग लेगा और संयुक्त रूप से सम्मेलनों में अच्छी व व्यवहारिक उपलब्धियां प्राप्त करने की कोशिश करेगा, विकास के लिए एशियाई देशों का विश्वास बढाएगा, पूर्वी एशिया क्षेत्र में व्यवहारिक सहयोग बढाएगा, सक्रिय रूप से विकासशील देशों के हितों की रक्षा करेगा और अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की चुनौति का सामना करेगा।

आज से दसेक साल पहले हुए एशियाई वित्तीय संकट में एशियाई देशों ने सहयोग करके चुनौतियों का मुकाबला किया था । उस समय, चीन ने चीनी मुद्रा रन मिनबी का अवमूल्यन नहीं करने का वचन दिया, जिसकी आसियान समेत एशियाई देशों ने खूब प्रशंसा की । वर्तमान विश्व वित्तीय संकट में एशिया की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ी और विभिन्न देशों के सामने गंभीर चुनौति खड़ी हुई है। मौजूदा सम्मेलन में चीन पर पूर्वी एशियाई देशों की काफी उम्मीद है । चीनी आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय संबंध अध्ययन प्रतिष्ठान के शोधकर्ता श्री चांग ह्वी कांग ने कहा कि चीन एशियाई देशों को मंदी से बाहर उद्धारने पर विश्वास बढ़ाने में समर्थ है । श्री चांग ने कहाः

अब चीन का भारी विदेशी मुद्रा संचय है और उपभोक्ता का विशाल घरेलू बाजार है और वित्तीय स्थिति भी स्वस्थ और सुव्यवस्थित है । इसलिए इस साल चीन की आर्थिक वृद्धि दर 8 प्रतिशत होने की संभावना है। चीन सब से पहले विश्व वित्तीय संकट के प्रभाव से बाहर निकल सकेगा। इसलिए एशिया के आर्थिक पुनरुधार में चीन की भागीदारी से और बड़ा विश्वास बढ़ेगा।

मौजूदा सम्मेलनों में विभिन्न पक्षों से चीन की यह आशा बंधी है कि वे समान रूप से चुनौतियों का सामना करेंगे, साझी सफलता बढ़ाने की कोशिश करेंगे और सहमति व सहयोग बढ़ाकर विश्व को सकारात्मक संदेश भेजेंगे।

मौजूदा सम्मेलनों में चीन और आसियान के बीच पूंजी निवेश समझौता संपन्न होगा और चीन आसियान मुक्त व्यापार क्षेत्र 2010 में खुलेगा। इस पर श्री चांग ने कहाः

वर्तमान वित्तीय संकट में चीन और आसियान के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर से जाहिर है कि चीन हमेशा समानता के सम्मान तथा आपसी लाभ, सहयोग और साझी सफलता के सिद्धांत का पालन करता रहता है और आस पड़ोस के देशों और आसियान देशों के साथ सहयोग बढ़ाएगा । वित्तीय संकट के दौरान चीन व्यापार संरक्षणवाद नहीं करेगा और चीन अपने खुले बाजार का और विस्तार करेगा तथा द्विपक्षीय व्यापार सहयोग को गति देगा । इस का प्रतीकात्मक व सार्थक महत्व होगा।