2009-04-09 13:49:43

पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन वित्तीय संकट के मुकाबले का अहम मंच

दोस्तो , पूर्वी एशियाई नेताओं के सिलसिलेवार सम्मेलन दस से 12 अप्रैल तक पूर्वी थाईलैंड के प्रसिद्ध समुद्रतटीय शहर पाटिया में हो रहे हैं । मौके पर विभिन्न देशों के नेता क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने और विशेषकर वर्तमान विश्व वित्तीय संकट का समान रूप से मुकाबला करने पर विचार विमर्श करेंगे और संबंधित सिलसिलेवार दस्तावेज जारी करेंगे । लोकमत का आम विचार है कि मौजूदा सम्मेलन कुछ समय से पहले संपन्न जी बीस के लंदन वित्तीय शिखर सम्मेलन के बाद वित्तीय संकट का मुकाबला करने का और एक अहम मंच होगा ।

होने वाले सिलसिलेवार पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलनों में 12 वां आशियान व चीन जापान व कोरिया गणराज्य शिखर सम्मेलन , चौथा पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन और तीसरा आशियान व संयुक्त राष्ट्र के नेताओं का सम्मेलन आदि आदि शामिल होंगे । थाई विदेश मंत्रालय के अनुसार भारतीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह को छोड़कर आशियान के दस सदस्य देशों और चीन , जापान , कोरिया गणराज्य , आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के सरकारी शासनाध्यक्ष सिलसिलेवार सम्मेलनों में भाग लेंगे । इस के अतिरिक्त संयुक्त राष्ट्र महा सचिव , विश्व बैंक , अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष , एशियाई विकास बैंक और संयुक्त राष्ट्र व्यापार व विकास सम्मेलन जैसी संस्थाओं के जिम्मेदार व्यक्ति संबंधित सम्मेलनों में उपस्थित होंगे ।

थाई विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने हाल ही में संवाददाताओं के सम्मुख परिचय देते हुए कहा कि मौजूदा सिलसिलेवार सम्मेलनों का प्रमुख मुद्दा विश्वव्यापी चुनौतियों का मुकाबला है , विभिन्न देशों के सरकारी शासनाध्यक्ष विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले के माध्यमों पर मुख्य रूप से विचार विमर्श करेंगे । जिन में दस प्रस तीन सम्मेलन में दस प्रस तीन क्षेत्रीय विदेशी मुद्रा भंडार की स्थापना का महत्वपूर्ण फैसला किया जायेगा । गत फरवरी में दस प्रस तीन विशेष वित्त मंत्री सम्मेलन ने जारी आशियाई आर्थिक व वित्तीय स्थिरता कार्यवाही कार्यक्रम जारी किया , जिस में विभिन्न पक्ष विदेशी मुद्रा भंडारण 80 अरब से बढाकर एक करोड़ 20 अरब अमरीकी डालर तक पहुंचाने पर सहमत हुए हैं । अब विभिन्न पक्ष इसी काम को मूर्त देने की कोशिश कर रहे हैं । इस के अलावा पूर्वी एशिय़ाई शिखर सम्मेलन विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने के लिये समग्र नीतियों और ठोस कदमों जैसे क्षेत्रों पर सिलसिलेवार वक्तव्य , प्रस्तावों व समन्वित कार्यवाहियां प्रस्तुत कर देगा ।

व्यापार संरक्षणवाद का विरोध मौजूद सम्मेलनों का दूसरा अहम मुद्दा है । वित्तीय संकट की वजह से यूरोपीय व अमरीकी जैसे प्रमुख निर्यात बाजारों की मांग कमजोर हो गयी है , इस से पूर्वी एशियाई क्षेत्र के निर्यात को गम्भीर क्षति पहुंच गयी । जबकि व्यापार संरक्षणवाद के उत्थान व विकास से संकट अवश्य ही और गम्भीर रुप लेगा । ध्यान देने योग्य बात यह है कि आशियान स्थित चीनी राजदूत श्वे हान छिन ने 6 अप्रैल को संवाददाताओं के साथ बातचीत में कहा कि मौजूदा चीन व पूर्वी आशियान के शिखर सम्मेलन में दोनों पक्ष पूंजी निवेश समझौता संपन्न कर देंगे , यह इस बात का द्योतक है कि चीन पूर्वी आशियान मुक्त व्यापार क्षेत्र से जुड़ी वार्ता पूरी हो गयी है , आगामी 2010 में दोनों पक्ष ठीक समय पर चीन पूर्वी आशियान मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना कर देंगे ।

चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ पाटिया में होने वाले 12 वें चीन व पूर्वी आशियान के शिखर सम्मेलन और अन्य सिलसिलेवार सम्मेलनों में भाग लेंगे । पता चला है कि श्री वन चा पाओ उक्त सम्मेलनों में महत्वपूर्ण भाषण देंगे और पूर्वी एशिया के साथ सार्थक सहयोग बढाकर विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने के चीन के दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालेंगे । श्री वन चा पाओ क्रमशः कुछ देशों के नेताओं से भी भेंट करेंगे । चीनी सहायक विदेश मंत्री हू चंग य्वे ने 8 अप्रैल को मीडिया से कहा कि चीन विश्वास व सहयोग बढाने की भावना लिये सम्मेलनों में भाग लेगा और विभिन्न हिस्सेदारों के साथ पूर्वी एशियाई क्षेत्रीय सार्थक सहयोग बढाने और विकासशील देशों के हितों की रक्षा करने और विश्व वित्तीय संकट से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने को तैयार है ।