2009-04-09 09:34:32

छोमोलांमा होटल में कार्यरत तिब्बती लड़कियां

तिब्बत के ल्हासा से आई लड़की ज़ा सांग ने वर्ष 2003 से पेइचिंग छोमोलांगमा होटल में काम करना शुरू किया। वह यहां आकर काम करने वाली पहले खेप की लड़कियों में से एक है। उस समय छिंगहाए तिब्बत रेल मार्ग नहीं था। वह केवल हवाई ज़हाज से ल्हासा व पेइचिंग के बीच आती-जाती थी। हालांकि हवाई जहाज की गति बहुत तेज़ है, लेकिन उस का दाम भी बहुत महंगा है। उन्होंने हमें बताया:

"उस समय ल्हासा में रेल मार्ग नहीं था, मैं केवल हवाई जहाज से पेइचिंग आती थी। टिकट का दाम बहुत महंगा है, लगभग 2400 य्वान चाहिंए, लेकिन अब रेल मार्ग से आने जाने के केवल 1600 य्वान ही काफ़ी हैं। और बस की अपेक्षा रेल गाड़ी ने हमारा बहुत समय बचाया है। पहले हमें बस से जाने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए था, लेकिन अब हम रेल गाड़ी से केवल 48 घंटे में ही पहुंच जाते हैं। इस वर्ष के तिब्बती नये साल के सुअवसर पर मैंने छिंगहाए तिब्बत रेल गाड़ी द्वारा घर वापस करके मां-बाप के साथ नये साल की खुशी मनाई। मुझे लगता है कि यह रेल मार्ग जनता के लिये बहुत सुविधाजनक व सस्ता है।"

पेइचिंग में अपने काम व जीवन की चर्चा में ज़ा सांग ने हमें बताया कि हम यहां काम करती हैं, रहने और खान-पान सभी निःशुल्क है। हर महिने हमारा वेतन एक हजार य्वान से ज्यादा है। और हर साल हमें एक महिने की छुट्टी भी मिल सकती है। इसलिये मैं हर बार ल्हासा अपने मां-बाप के साथ तिब्बती नया वर्ष बिताती हूं। और होटल हर वर्ष हमें पर्यटन करने का मौका भी देता है। इसलिये मैंने ऑलंपिक पार्क, बर्डनेस्ट व्यायामशाला, लंबी दीवार, समर पैलेस, शानशन आदि पेइचिंग के बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थानों का दौरा किया है।

जब ज़ा सांग पहली बार पेइचिंग आयी, तो उस समय पेइचिंग बोली न समझने के कारण उसे लगता था कि जीवन ज़रा असुविधाजनक होगा। लेकिन बाद में उस के साथियों व मित्रों की मदद से इस समस्या का समाधान जल्द ही हो गया। उन्होंने हमें बताया:

"यहां के नेता व साथी हमारी खूब देखभाल करते हैं। अगर कोई बीमार हो जाता है, तो नेता व साथी उसे देखते हैं, और उस का इलाज करने के लिये पैसे देते हैं। ऐसी बातों से हम बहुत प्रभावित हैं।"

रेनछिंग चोदरोन भी ल्हासा से आई एक तिब्बती लड़की है। क्योंकि उसे भोजन का बड़ा शौक है। इसलिये हमारी बातचीत इसी से शुरू हुई। उन्होंने हमें बताया कि अब ल्हासा के रास्ते में तरह-तरह के रेस्तरां मिल सकते हैं। उदाहरण के लिये आप को भारतीय भोजन, नेपाली भोजन, पश्चिमी भोजन और चीन की मुख्य भूमि की अन्य जगहों का विशेष भोजन भी मिल सकता है। और अब ज्यादा से ज्यादा तिब्बती युवा दुनिया देखने के लिये तिब्बत से बाहर जाने लगे हैं। इसलिये रेनछिंग चोदरोन ने पेइचिंग में बहुत तिब्बती मित्र भी बनाए हैं। हर तिब्बती नये वर्ष के सुअवसर पर वे पेइचिंग में तिब्बती रेस्तरां में इकट्ठे होकर गाना गाते हैं, नृत्य करते हैं, बातचीत करते हैं, और फ़ोन पर अपने परिवार जनों को नये साल की शुभकामनाएं देते हैं। छुट्टी में रेनछिंग चोदरोन अक्सर आसपास के इन्टरनेट बार में जाकर इन्टरनेट पर ल्हासा में स्थित अपने मित्रों के साथ बातचीत करती है। तिब्बत में दूर संचार उद्योग के विकास की चर्चा में रेनछिंग चोदरोन ने कहा:

"मुझे लगता है कि अब तिब्बत में दूर संचार उद्योग का बड़ा विकास हुआ है। जब मैं शेनशी प्रांत के श्येनयांग में मीडिल स्कूल में पढ़ती थी, तो उस समय मैं केवल पत्र भेज कर अपने परिवार जनों का हाल मालूम कर सकती थी। इस के बाद घर में फ़ोन आया, तो हम फ़ोन से बातचीत करने लगे। अब इन्टरनेट से संपर्क करना और भी ज्यादा सुविधाजनक हो गया है ।"

इन्टरव्यू समाप्त हो गया, लेकिन तिब्बती लड़ियों की मिट्ठी आवाज़ अभी तक हमारे दिमाग में गूंज रही है। उन लड़कियों में हम शायद तिब्बत का भविष्य देख सकते हैं। विश्वास है कि तिब्बत का भविष्य ज़रूर और उज्ज्वल, समृद्ध व शांतिपूर्ण होगा ।