चीन एक बड़ा कृषि प्रधान देश है। ग्रामीण क्षेत्र चीन की प्रादेशिक भूमि का अधिकांश भाग बनता है और ग्रामीण जन संख्या देश की कुल जनसंख्या में अधिकतर है । इधर के वर्षों में चीन सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में सिलसिलेवार सांस्कृतिक परियोजना लागू की हैं और आधारभूत संस्थापनों के निर्माण पर जोर दिया है तथा समृद्ध सांस्कृतिक गतिविधि आयोजित की है, जिसे ग्रामीणों से व्यापक स्वागत मिला है।
पूर्वी चीन के जांग सू प्रांत के ल्यान युन कांग शहर की तोंग हाई काऊंटी के शा ह कस्बे में रहने वाले किसान ह यी शङ को प्लास्टिक छतबंद क्वारी में सब्जी उगाते हुए दस साल हो गये हैं। वे मुखतः टमाटर की खेती करते हैं। खेतीबाड़ी के बारे में समृद्ध अनुभव प्राप्त होने के बावजूद ह यी शङ को सब्जी उगाने में अक्सर किसी न किसी समस्या का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहाः
किसानों के लिये विज्ञान व तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। मैं टमाटर की खेती करता हूं, लेकिन उस में जो रोग पड़ा , मैं उस का इलाज नहीं जानता हूं। इस के कारण ग्रामीण क्षेत्र में उच्च कारगरता के कृषि का विकास करने की बहुत बड़ी आवश्यकता है । मैं चाहता हूं कि विज्ञान व तकनीक गांव में लाया जाए, मैं इस के बूते सब्जी खेती का विकास करूंगा।
चीन के व्यापक ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञान, तकनीक व सूचना के आभाव से समृद्धि पाने में किसानों को अक्सर बाधा का सामना करना पड़ता है। चीन के आर्थिक व सामाजिक विकास के दौरान ग्रामीण सांस्कृतिक निर्माण में बहुत कठिनाइयां मौजूद हैं।
किसानों में पुस्तक पढ़ने व फिल्म व टीवी देखने और वैज्ञानिक व तकनीकी प्रशिक्षण व सांस्कृतिक कार्यवाहियों में भाग लेने की समस्याओं के समाधान के लिये चीन सरकार ने ग्रामीण सांस्कृतिक निर्माण को प्राथमिकता दी है।
चीनी संस्कृति मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने कुछ साल पहले संयुक्त रूप से राष्ट्रीय सांस्कृतिक सूचना व संसाधन के समान उपभोग की परियोजना लागू की और उपग्रह, इंटरनेट व विडियो के जरिये व्यापक किसानों को समृद्ध व तेज सुविधापूर्ण डिजिटल सांस्कृतिक सेवा प्रदान की है। अनुमान है कि 2010 तक देश में सभी 6 लाख प्रशासनिक गांवों में डिजिटल सांस्कृतिक सेवा व्यवस्था की स्थापना की जा सकेगी।
दूसरी तरफ, चीन सरकार की इस मांग कि हर साल शिक्षा, स्वास्थ्य व संस्कृति आदि क्षेत्रों में लगने वाली अतिरिक्त धनराशि का मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में प्रयोग किया जाए, को भी अमल में लाया गया है, जिस से ग्रामीण आधारभूत सांस्कृतिक संस्थापनों की स्थिति में बड़ा सुधार आया है और ग्रामीण बुनियादी सांस्कृतिक सेवा व्यवस्था के निर्माण को बढ़ावा दिया गया है। चीनी उप संस्कृति मंत्री ओ यांग ज्यान ने परिचय देते हुए कहाः
अब हम बुनियादी पब्लिक सांस्कृतिक सेवा व्यवस्था का निर्माण कर रहे हैं, जिन में सब से मुश्किल और सब से महत्वपूर्ण काम ग्रामीण क्षेत्रों में इस व्यवस्था का निर्माण करना है। इधर कुछ वर्षों में हमारे काम का जोर ग्रामीण क्षेत्रों पर लगाया गया है और काऊंटियों व कस्बों में बहुविष्यक सांस्कृतिक स्टेशनों की स्थापना की गयी है, जिस के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित सांस्कृतिक गतिविधि आयोजित होती हैं। यह काम अगले साल तक पूरा हो जाएगा।
योजनानुसार 2010 तक चीन में हरेक कस्बे में बहुविष्यक सांस्कृतिक स्टेशन स्थापित होने का लक्ष्य साकार होगा। इस लिये चीन ने 2005 से ग्रामीण बहुविष्यक सांस्कृतिक स्टेशनों का निर्माण व विस्तार करने के लिये 4 अरब य्वान की पूंजी प्रदान की है।(रूपा)