2009-04-07 12:34:43

रूसी प्रधान मंत्री पुतिन की सरकारी कार्य रिपोर्ट पर चीनी विशेषज्ञ की टिप्पणी

रूसी प्रधान मंत्री पुतिन ने 6 तारीख को राष्ट्रीय डुमा में वर्ष 2008 की सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की और वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए रूसी संघीय सरकार की योजना तथा वर्ष 2009 के वित्तीय बजट प्रारूप को राष्ट्रीय डुमा में रखा । यह पहली बार है कि रूसी संघीय सरकार के शिखर नेता ने राष्ट्रीय डुमा में सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की है। चीनी अंतरारष्ट्रीय सवाल अनुसंधान केंद्र के रूस व पूर्वी युरोप तथा मध्य एशिया अनुसंधान कार्यालय के प्रधान श्री छङ य्वी रोंग का विचार है कि रूस के प्रधान मंत्री बनने के बाद के एक साल में श्री पुतिन की कार्य उपलब्धियां और वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में रूस की आर्थिक स्थिति की वजह से इस सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विश्व का ध्यान आकर्षित हुआ है ।

पुतिन की सरकारी कार्य रिपोर्ट में रूस की आर्थिक स्थिति के उल्लेख पर श्री छङ य्वीरोंग ने टिप्पणी करते हुए कहा:

"श्री पुतिन ने वर्ष 2008 की सरकारी कार्य रिपोर्ट में माना है कि विश्व की आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में रूसी अर्थतंत्र पर भी कुप्रभाव  पड़ा है । देश में हुए वित्तीय संकट और परम्परागत निर्यात वस्तुओं की मांग में गिरावट आने से देश के बजट की आय भी बड़ी हद तक कम हुई है । विश्व के वित्तीय संकट के गंभीर होने के बावजूद वर्ष 2008 में श्री पुतिन के नेतृत्व वाली रूसी सरकार ने रूसी जनता का नेतृत्व कर विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक कामयाबियां हासिल कीं हैं, वर्ष 2008 में रूस का राष्ट्रीय उत्पादन मूल्य यानि जी.डी.पी. की वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत थी । श्री पुतिन ने अपनी कार्य रिपोर्ट में इस बात पर भी बल दिया है कि वर्ष 2008 में रूस में जन्म दर गत शताब्दी के 90 वाले दशक के बाद से लेकर सब से ऊंचे स्तर पर पहुंच गयी है, जबकि रूसियों की औसतन उम्र 68 हो गयी है। सिलसिलेवार मैक्रो आर्थिक सूचकांकों से देखा जाए, तो श्री पुतिन के नेतृत्व वाली रूसी सरकार ने वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में अच्छी उपलब्धियां प्राप्त कीं हैं।"

श्री छङ य्वी रोंग ने कहा कि वर्ष 2008 की सरकारी कार्य रिपोर्ट में श्री पुतिन ने बीते वर्ष में प्राप्त उपलब्धियों का सिंहावलोकन किए जाने के साथ वर्ष 2009 और भविष्य में रूस के विकास की प्रमुख दिशा पर विशेष जोर दिया है। श्री छङं ने कहा:

"श्री पुतिन ने बल देते हुए कहा कि वित्तीय संकट के मुकाबले और रूस के दीर्घकालिक विकास को जोड़ कर एक नयी व ज्यादा कारगर आर्थिक व्यवस्था की स्थापना की जानी चाहिए । मतलब यह है कि वर्तमान के प्रमुख उत्पादन क्षेत्रों को बरकरार रखने के साथ-साथ सृजनात्मक आर्थिक विकास की ओर रुख किया जाए। घरेलू मांग को समर्थन देने व प्रोत्साहित करने के साथ विकास की दीर्घकालिक योजना का कार्यान्वयन भी किया जाए, ताकि भविष्य में रूस के आर्थिक विकास के लिए और पुख्ता  नींव डाली जा सके ।"

श्री पुतिन ने वर्ष 2008 की सरकारी कार्य रिपोर्ट में विस्तृत रूप से रूस की आर्थिक स्थिति और आर्थिक व्यवस्था के बदलाव से अवगत कराया है । श्री छङ युवी रोंग ने कहा कि वित्तीय संकट ने वर्तमान रूस के सामने गंभीर सवाल पैदा किए हैं, गौर तलब है कि रुस ऊर्जा निर्यात पर निर्भर रहता है । इस तरह श्री पुतिन की रिपोर्ट से ऐसा देखा जा सकता है कि रूसी सरकार वित्तीय संकट का मुकाबला करने के साथ-साथ आर्थिक ढांचे के बदलाव को प्रधानता देगी । चीनी विशेषज्ञ श्री छङ य्वी रोंग ने कहा:

"रूसी बजट की आय का एक तिहाई भाग ऊर्जा क्षेत्र यानि तेल व गैस से आता है । लेकिन विश्व वित्तीय संकट के कारण ऊर्जा की मांग में कमी हुई है । अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में तेल के दाम में बड़े हद तक गिरावट आई है, जिस से रूसी बजट की आय में भी कमी हुई है । वर्तमान में रूसी कारोबारों के बाहरी ऋण की कुल मात्रा इधर के वर्षों में रूस द्वारा जमा सोने की विदेश मुद्रा भंडारण की कुल मात्रा के बराबर हो गयी । ऐसी स्थिति में भविष्य में विकास के दौरान वित्तीय संकट का सामना कैसे किया जाए और देश के आर्थिक विकास को कैसे उचित रूप से आगे बढ़ाया जाए , इन सवालों के समाधान के लिए रूस को  ऊर्जा पर निर्भरता के आर्थिक विकास के ढांचे को बदलना चाहिए । ऐसी स्थिति में सृजनात्मक व तकनीकी अर्थतंत्र का विकास कर अनुचित आर्थिक ढांचे का सुधार करना अपरिहार्य है ।"
 

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