जी 20 का दूसरा वित्तीय शिखर सम्मेलन 2 अप्रैल को लंदन में संपन्न हुआ। सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष आदि अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में पूंजी बढ़ाने और वित्तीय निगरानी को मजबूत करने जैसे वित्तीय संकट के मुकाबले के विषय पर अनेक उपलब्धियां प्राप्त की हैं। चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने सम्मेलन में भाषण देते हुए एक साथ मिल कर विश्व आर्थिक वृद्धि को पुनः जीवित करने, विभिन्न रूपों के संरक्षणवाद के विरोध तथा संबंधित सुधार कर पुनः अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था कायम करने पर बल दिया ।
जी 20 वित्तीय शिखर सम्मेलन के बाद सम्मेलन के मेजबान देश ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ब्राउन ने संवाददाताओं के सामने घोषणा की है कि सारी दुनिया द्वारा वित्तीय संकट का मुकाबला करने पर सहमति प्राप्त हुई है। उन्हों ने कहाः
हमें विश्वास है कि नयी शताब्दी में हमारी समृद्धि एक दूसरे से अलग नहीं होती है। विश्वव्यापी संकट को सारी दुनिया द्वारा दूर किया जाना चाहिए, अनवरत विकास समान विकास होना है और व्यापार पुनः वृद्धि के लिए प्रेरक शक्ति होना चाहिए।
श्री ब्राउन ने कहा कि जी 20 के नेताओं ने यह समान वचन दिया है कि एक साथ मिल कर पूरे विश्व के सामने मौजूद समस्याओं को हल किया जाएगा तथा आर्थिक वृद्धि बहाल करने और वित्तीय व्यवस्था पर जनता का विश्वास बहाल करने के लिए पूर्ण कोशिश की जाएगी ताकि संकट को दोहराने से रोका जा सके।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने सम्मेलन में अहम भाषण दिया । उन्हों ने अपने भाषण में वित्तीय निगरानी को मजबूत करने, अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा पद्धति के सुधार को तेज करने के महत्व पर बल दिया ।
श्री हु चिनथाओ ने स्पष्टतः कहा कि चीन अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा संगठनों में पूंजी बढ़ाने का समर्थन करता है और विभिन्न पक्षों के साथ विचार विमर्श करने तथा अपना योगदान देने को तैयार है। उन्हों ने कहा कि चीन का मत है कि नयी बढ़ायी गयी पूंजी का अविकसित देशों में प्रयोग करने पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए और त्वरित व कारगर अन्तरराष्ट्रीय बचाव व सहायता प्रणाली स्थापित कर कर्ज लेने वाले देशों का वस्तुगत, वैज्ञानिक व संपूर्ण आकलन किया जाना चाहिए।
श्री हु चिनथाओ ने अपने भाषण में कहा कि विभिन्न रूपों के व्यापार संरक्षणवाद का विरोध किया जाए और मुक्त व स्वतंत्र व्यापारिक निवेश वातावरण बनाए रखने की कोशिश की जाए ।
चीनी वाणिज्य मंत्री छन ते मिंग ने शिखर सम्मेलन के बाद चीनी विदेशी पत्रकारों के सामने व्यापार संरक्षणवाद का विरोध करने का चीन का दृढ़ रूख दोहराया। उन्हों ने कहाः
जी 20 के लंदन शिखर सम्मेलन में अन्तरराष्ट्रीय समुदाय को समान रूप से वित्तीय संकट का मुकाबला कराने के लिए सिलसिलेवार सक्रिय व व्यवहारिक उपलब्धियां प्राप्त हुई हैं। मेरा इस पर ध्यान हुआ है कि सम्मेलन में न केवल वित्तीय बाजार स्थिर करने व वित्तीय व्यवस्था के सुधार को गति देने के सवाल पर उपलब्धियां प्राप्त हुईं, साथ ही संरक्षणवाद के विरोध में स्पष्ट रूख प्रकट किया गया और दोहा वार्ता बढ़ाने की बात कही गयी है। इतिहास से जाहिर है कि संरक्षणवाद से वित्तीय संकट और अधिक गंभीर हो सकता है।
सम्मेलन के बाद नेताओं के वक्तव्य में कहा गया है कि जी 20 के नेतागण अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी बढ़ाने पर सहमत हुए । ब्रिटिश प्रधान मंत्री ब्राउन ने कहाः
हम ने पहली बार विश्व बैंकिंग व्यवस्था सुधारने का सिद्धांत कायम करने के लिए समान कदम उठाया है । हम ने अन्तरराष्ट्रीय लेखा जोखा मापदंड बनाने तथा साख आकलन संस्थाओं को सुधारने पर सहमति प्राप्त की है, ताकि मुठभेड़ से बच जाए।
जी 20 के नेताओं ने वर्तमान वित्तीय स्थायित्व मंच की जगह एक नयी वित्तीय स्थायित्व कमेटी गठित करने का निर्णय किया, जो सारे विश्व की समग्र अर्थव्यवस्था व वित्तीय बाजार के जोखिम पर निगरानी का काम करेगी और पूर्वचेतावनी देगी।
चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने सम्मेलन में कहा कि चीन हमेशा सक्रिय रूप से विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले में अन्तरराष्ट्रीय सहयोग में भाग लेता रहेगा । इससे खुलेपन पर कायम रहने तथा विश्व आर्थिक वृद्धि को बहाल करने का चीन का दृढ रूख जाहिर हुआ है । चीन अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के साथ समग्र अर्थनीति पर समन्वय करके अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय सुधार को बढावा देगा और आर्थिक वृद्धि के लिए अपना योगदान देगा।
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