स्थानीय समय के अनुसार पहली अप्रैल के दोपहर को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ विशेष विमान द्वारा ब्रिटेन की राजधानी लंदन पहुंचे और दूसरी अप्रैल को वहां आयोजित जी 20 के नेताओं के दूसरे वित्तीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। लंदन पहुंचने के कुछ समय बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की । चीन और अमरीका दोनों देशों के राज्याध्यक्षों ने भेंटवार्ता में एक साथ मिल कर सक्रिय रूप से 21वीं शताब्दी के संपूर्ण सहयोग के चीन अमरीका संबंध के निर्माण पर सहमति जाहिर की ।
श्री हु चिनथाओ ने पहली अप्रैल के दोपहरबाद दो बजे अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा से मुलाकात की । उन की भेंटवार्ता मौजूदा लंदन शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं के बीच हुई भेंट वार्ताओं में सब से ध्यानाकर्षक बन गयी ।
भेंटवार्ता में श्री हु चिनथाओ ने ओबामा के अमरीकी राष्ट्रपति बनने के बाद चीन अमरीका संबंधों में प्राप्त अच्छी प्रगति का उच्च मूल्यांकन किया और कहा कि वर्तमान चीन अमरीका संबंध एक नयी शुरूआत पर विकास के अहम मौके का सामना कर रहा है । दोनों देशों को हाथ में हाथ डालकर साझे रूप से 21वीं शताब्दी में सक्रिय व संपूर्ण सहयोग के चीन अमरीका संबंध का निर्माण करना चाहिए। श्री हु चिनथाओ ने कहा कि चीन अमरीका संबंध सकारात्मक रिश्ता होना चाहिए, यद्यपि दोनों की सामाजिक व्यवस्था, इतिहास, सांस्कृतिक परंपरा और विकास के चरण भिन्न भिन्न है, तथापि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टि से एक दूसरे के साथ व्यवहार करना तथा विभिन्न क्षेत्रों में वार्तालाप व सहयोग बढ़ाने के लिए सक्रिय होना चाहिए। चीन अमरीका संबंध सहयोग का संबंध होना है, दोनों को मिलकर 21वीं शताब्दी में मानव समाज के सामने मौजूद विभिन्न जटिल व कांटेदार चुनौतियों व समस्याओं का मुकाबला करना चाहिए और आपसी लाभ वाले सहयोग कर साझा विकास पाने की कोशिश करनी चाहिए। चीन अमरीका संबंध संपूर्ण होना चाहिए। दोनों न केवल आर्थिक सहयोग करें, बल्कि आतंक विरोध, नाभिकीय अप्रसार, न्याय काम, ऊर्जा संसाधन और मौसल परिवर्तन आदि क्षेत्रों में भी सहयोग व आदान प्रदान करें। दोनों देशों की सेनाओं के बीच आवाजाही बढ़ायी जाए और अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में तथा विश्वव्यापी सवालों पर संपर्क व समन्वय किया जाए और दोनों की रिश्ता की रणनीतिक विषयवस्तु भरिपूर्ण की जाए।
अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने वर्तमान विश्व में चीन की अहम भूमिका की भूरि भूरि प्रशंसा की और अमरीका चीन संबंध के महत्व पर बल दिया। उन्हों ने कहा कि अमरीका चीन संबंध वर्तमान विश्व में सब से अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक है । दोनों का बड़ा घनिष्ठ आर्थिक संबंध भी है और अहम अन्तरराष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर बहुत से समान हित भी हैं। उन्हों ने कहाः
अमरीका चीन संबंध अब अत्यधिक रचनात्मक हो गया है, हम दोनों देशों के आर्थिक संबंध बहुत मजबूत हैं। मैं ने खुले तौर पर कहा था और अब भी मुझे विश्वास है कि अमरीका चीन संबंध दोनों देशों की जनता के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है और उस ने विश्व में विभिन्न चुनौतियों के मुकाबले में अनुकूल स्थिति भी तैयार की है।
श्री ओबामा ने विश्वास जताया है कि अमरीका चीन संबंध और मजूबत होगा। इस पर सहमति देते हुए श्री हु चिनथाओ ने कहा कि चीन अमरीका के साथ दोनों के संबंधों में और बड़ी पग्रति के लिए कोशिश करेगा। उन्हों ने कहाः
एक अच्छा चीन अमरीका संबंध दोनों देशों व दोनों की जनता के मूल हित से मेल खाता है और एशिया प्रशांत व विश्व की शांति, स्थिरता, समृद्धि के हितकारी है। चीन अमरीका के साथ चीन अमरीका संबंधों को और आगे बढ़ाने को तैयार है । खुद मैं राष्ट्रपति ओबामा के साथ बेहतर कार्य संबंध और निजी मित्रता कायम करने का इच्छुक हूं।
भेंटवार्ता में दोनों नेताओं ने चीन अमरीका रणनीतिक व आर्थिक वार्ता व्यवस्था की स्थापना को मंजूरी दी और 2009 के गर्मियों में वाशिंगटन में प्रथम वार्ता आयोजित करने का निर्णय लिया।
भेंटवार्ता में दोनों नेता व्यापक क्षेत्रों में आपसी लाभ वाले सहयोग को और गहरा करने पर सहमत हुए।
दोनों नेताओं ने बलपूर्वक कहा कि प्रमुख आर्थिक समुदाय के नाते दोनों देश विभिन्न देशों के साथ मिल कर विश्व आर्थिक पुनरुत्थान बढ़ाने तथा विश्व वित्तीय व्यवस्था को स्थिर बनाने को तैयार है।
श्री ओबामा ने कहा कि अमरीका सरकार एक चीन नीति पर डटकर कायम रहेगी, थाईवान जलडमरूमध्य के दोनों तटों के संबंधों के सुधार का स्वागत करती है और तिब्बत की स्वाधीनता का समर्थन नहीं करता है।
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