पाकिस्तान के पूर्वी भाग में स्थित लाहौर शहर का एक पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र 30 मार्च को अज्ञात सशस्त्र तत्वों के हमले की निशाना बना, इस से पुलिस और सशस्त्र शक्तियों के बीच देर तक भीषण गोलीबारी चली, अंत में पाक सुरक्षा टुकड़ी सशस्त्र शक्तियों पर काबू पाने में कामयाब हो गयी । इस घटना से सौ से अधिक लोग हताहत हुए, इस तरह पाकिस्तान में दिनोंदिन बिगड़ती जा रही सुरक्षा स्थिति पर लोगों की चिंता और बढ़ गयी ।
पाक मीडिया के अनुसार 30 मार्च की सुबह कुछ अज्ञात नाम वाले सशस्त्र तत्वों ने लाहौर शहर के एक पुलिस प्रशिक्षण केन्द्र में जबरन घुस कर वहां सामान्य ट्रेनिंग ले रहे पुलिसकर्मियों पर आकस्मिक हमला बोला। इन सशस्त्र तत्वों में आधे लोग पुलिस वर्दी में थे, उन्हों ने पहले प्रशिक्षण केन्द्र के दरवाजे पर हथगोले फेंके, फिर राइफलों से गोलियां बरसायीं , इस बीच उन्हों ने कुछ पुलिसकर्मियों को बंधक भी बनाया और प्रशिक्षण केन्द्र में फायदामंद स्थलों पर कब्जा कर पुलिस के खिलाफ लड़ाई लड़ी । पाक सरकार ने तुरंत सुरक्षा टुकड़ी, कमांडो और फोजी हैलिकाप्टर भेजे और सशस्त्र शक्तियों को घेर लिया, दोनों पक्षों के बीच आठ घंटों तक गोलीबारी चली, अंत में सशस्त्र तत्वों ने आत्मसमर्पण किया। पाक गृह मंत्रालय के सलाहकार रहमान मालिक ने संवाददाताओं को बताया कि चार सशस्त्र तत्व मारे गए और कुछ गिरफ्तार किए गए । लेकिन उन्हों ने सशस्त्र तत्वों की कुल संख्या नहीं बतायी।
पाक राष्ट्रपति जरदारी और प्रधान मंत्री गिलानी ने इस हमला घटना की कड़ी निन्दा की और संबंधित विभागों को घटना की जांच करने और जल्दी ही अपराधियों को कानूनी सजा देने का निर्देश दिया । श्री मालिक ने कहा कि यह एक सुनियोजित आतंकी हमला है, जिस का मकसद पाकिस्तान की स्थिरता व सुरक्षा को भंग करना था। पाक ने इस की जांच के लिए एक विशेष कमेटी गठित की और संबंधित रिपोर्ट तीन दिन के भीतर घोषित की जाएगी । इस के साथ ही पाक ने देश में सुरक्षा की सतर्कता भी बढ़ायी।
हालांकि पाक सुरक्षा टुकड़ी और पुलिस ने सशस्त्र शक्तियों को काबू में रख दिया है, फिर भी हमले से 26 लोग मारे गए और 90 से अधिक घायल हुए हैं, इस से पाक की अस्थिर सुरक्षा पर चिंता काफी बढ़ गयी है। श्री मालिक ने कहा कि प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह आतंकी हमला पाक के उत्तर पश्चिम के कबाइली इलाके के दक्षिण वजिरिस्तान द्वारा रचा गया था। पकड़े गए आतंकियों में एक अफगान आदमी भी है। श्री मालिक ने कहा कि आतंकी लोग सुप्रशिक्षित और अच्छे हथियारबंद हुए थे, इस हमले के पीछे विदेशी शक्तियों का हाथ होने की भी आशंका है।
श्री मालिक की बातों से लाहौर शहर में हुए एक दूसरे आतंकी हमले की याद फिर ताजा हो गयी। मार्च की तीसरी तारीख को लाहौर में क्रिकेट मैच में भाग ले रही श्रीलंकाई टीम पर अज्ञात नाम वाली सशस्त्र शक्तियों ने गोली चलायी,जिस में श्रीलंका के क्रिकेट खिलाड़ियों समेत दस से अधिक लोग हताहत हुए । अभी तक ये हमलावर नहीं पकड़े गए हैं। एक महीने से भी कम समय में ही लाहौर में लगातार दो आतंकी हमले हुए और हमले का पैमाना भी बड़ा बढ़ा और हताहती भी ज्यादा गंभीर हुई है। इस प्रकार के आघात ने पाक की सुरक्षा पर लोगों की चिंता बढ़ायी है । लाहौर के अलावा पाकिस्तान के अन्य स्थानों में भी अशांति मच रही है । मार्च की 27 तारीख को उत्तर पश्चिम कबाइली इलाके के एक मस्जित में एक आत्मघाती हमला हुआ, जिस से कम से कम 50 लोग मरे और 100 से अधिक जख्म हुए। मार्च की 23 तारीख को इस्लामाबाद के एक पुलिस थाने के द्वार पर आत्मघाती हमला हुआ, अनेक लोग हताहत हो गए।
ध्यान देने की बात यह है कि अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा ने 27 मार्च को अफगानिस्तान व पाकिस्तान के बारे में नयी रणनीति घोषित की । अमरीका ने आतंक विरोधी युद्ध में पाक की भूमिका पर बल दिया । ओबामा ने कहा कि अलकायदा पाक अफगान सीमांत क्षेत्र में सक्रिय है और पाक अफगानिस्तान से जुड़ा हुआ है ,इसलिए अमरीका आतंक पर प्रहार करने में पाक की क्षमता उन्नत करने के लिए उसे फोजी साजो सामान व ट्रेनिंग देने पर शक्ति केन्द्रित करेगा। उन्हों ने अमरीकी कांग्रेस से पांच सालों के भीतर पाक को एक अरब 50 करोड़ अमरीकी डालर की प्रत्यक्ष पूंजी देने की अपील की । अमरीका की इस नयी रणनीति का पाक सरकार ने स्वागत किया, पर लोकमत का कहना है कि इस नयी रणनीति के कारण आतंकी शक्तियां पाक के अन्दर और अधिक हमले बोलेंगी और अमरीका व पाक सरकार को चुनौति प्रदर्शित करेंगी।
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