चीन तिब्बत में निशुल्क शिक्षा की नीति लागू करता है। तिब्बती जातीय छात्र के लिए प्राइमरी स्कूल से उच्च शाक्षालय तक की शिक्षा फीस सरकार द्वारा दी जाती है, चीन की यह उदार नीति अकेले तिब्बत में लागू होती है।
20वीं शताब्दी के पचास के दशक में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित व्यवस्था वाला सामंती भूदास सत्ता का तिब्बत पिछड़े और बाहर से बंद हुई आवस्था में था । इस जमाने में केवल मठों और तिब्बती स्थानीय सरकार द्वारा भिक्षु अधिकारियों व कुलीन संतानों के लिए स्थापित कुछ स्कूल और धनी लोगों की संतानों के लिए खुले नीजि शिक्षालय थे। स्कूल उम्र वाले बच्चों का केवल 2 प्रतिशत भाग स्कूल में दाखिल हो सकता था, जबकि युवा प्रौढ निरक्षरता 95 प्रतिशत ऊंची थी।
तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद 50 सालों के विकास के बाद अब तिब्बत में शिशु शिक्षा, प्राइमरी व मिडिल स्कूली शिक्षा,माध्यमिक तकनीक शिक्षा और उच्च शिक्षा व व्यवसाय तकनीक शिक्षा, प्रौढ शिक्षा एवं टीवी शिक्षा वाली शिक्षा प्रणाली कायम हुई है। 80 वाले दशक के बाद केन्द्रीय और स्थानीय सरकार ने बड़े पैमाने पर शिक्षा में पूंजी का निवेश बढ़ाया और अनेक उदार नीतियां अपनायीं। मसलन् निशुल्क शिक्षा ,जिस के तहत तिब्बती जातीय छात्रों की प्राइमरी स्कूल से लेकर विश्वविद्याल की शिक्षा तक की सभी फील सरकार देती है । कुछ तिब्बती जातीय प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में खाने , पहनने और रहने की मुफ्त व्यवस्था होती है । ग्रामीण और चरवाही क्षेत्रों में बोर्डिंग व्यवस्था लागू होती है । देश के विकसित प्रांतों व शहरों से शिक्षक चुन कर तिब्बत के शिक्षा कार्य का समर्थन किया जाता है । देश के अच्छी स्थिति वाले प्रांतों और शहरों में तिब्बती मिडील स्कूल और कक्षाएं खोले जाते हैं और तिब्बती छात्रों को पढ़ाई और रहनसहन में विशेष उदारता प्रदान की जाती है।
2008में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 885 प्राइमरी स्कूल हैं, जिनमें 311997छात्र पढ़ते हैं। जुनियर मिडिल स्कूल 96 हैं, जिनमें 139920 छात्र हैं। प्रदेश में स्कूली उम्र वाले बच्चों की दाखिला दर 98.5 प्रतिशत पहुंची, जुनियर मिडिल स्कूल की दाखिला दर 92.2 ,निरक्षरता निवारण दर 100 प्रतिशत है और युवा प्रौढ निरक्षरता निवारण दर 2.4 प्रतिशत घट गयी, सारे प्रदेश में औसत व्यक्ति शिक्षा अवधि 6.3 साल की है । प्रदेश में सीनियर मिडिल स्कूलों की संख्या 23 ,जिन में 44593 छात्र पढ़ते हैं, जबकि 2008 में 15468 छात्र दाखिल हुए , हाई स्कूल की दाखिला दर 51.2 प्रतिशत है।
2008 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में उच्च शिक्षालय 6 है जिन में 29409 छात्र पढ़ते हैं , उच्च शिक्षा की दाखिला दर 19.7 प्रतिशत है। विभिन्न उच्च शिक्षालयों में तिब्बत की वास्तविक स्थिकि के मुताबिक विशेषता वाली शिक्षा का विकास किया जाता है, जिस में तिब्बती चिकित्सा और औषधि, तिब्बती जातीय संगीत और ललित कला आदि शामिल है । उच्च शिक्षालयों में विज्ञान अनुसंधान की शक्ति लगातार बढ़ती गयी और तीन उच्च शिक्षालय शिक्षा मंत्रालय के अकादमिक स्तर के मापदंढ पर खरे उतरे हैं। वर्तमान तिब्बत में उच्च शिक्षालयों में चार साल की कुल 126 विषयों की शिक्षा तथा तीन साल के शिक्षा के विषय 126, तीन इकाइयों में मास्टर की उपाधि प्रदान की जाती है और मास्टर उपाधि प्रदान केन्द्र 18 हैं। स्नातकोत्तर शिक्षा पहले नहीं थी, इस साल कायम हो चुकी है, जहां 520 छात्र पढ़ते हैं।
तिब्बत की शिक्षा में गहरी धार्मिक सांस्कृतिक परंपरा बनी है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने बौद्ध धार्मिक कालेज के निर्माण पर बड़ा ध्यान दिया है। धार्मिक कालेज में प्रसिद्ध जीवित बुद्ध और विद्वान पढ़ाते हैं और बौद्ध धर्म के क्लासिकल विषयों तथा इतिहास के बारे में शिक्षा देते हैं । विभिन्न धार्मिक कालेजों में सूत्र अध्ययन कक्षाएं हैं। दैनिक सामान्य शिक्षा के अलावा हर साल अनेक बार बड़े पैमाने पर सूत्र व्याख्यान और बहस गतिविधियां आयोजित होती हैं । कुछ बड़े बड़े मठों में खुद सूत्र छपाया जाता है। इसलिए तिब्बत की वर्तमान शिक्षा में आधुनिक सभ्यता का समावेश है और तिब्बती जाति की संस्कृति भी बनी रहृती है।