2009-03-28 16:37:22

तिब्बत में दस लाख भूदासों की मुक्ति की 50 वीं वर्षगांठ की खुशियां

दोस्तो , चालू वर्ष के जनवरी में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव पारित कर 50 वर्ष पहले हुए जनवादी सुधार की स्मृति में हर वर्ष के 28 मार्च को दस लाख तिब्बती भूदास मुक्ति दिवस सुनिश्चित कर दिया ।

आज यानी 28 मार्च को प्रथम दस लाख तिब्बती भूदास मुक्ति दिवस का दिन है , ल्हासा शहर में हुए समारोह में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के सचिव चांग छिंग ली ने कहा कि पिछले 50 सालों में तिब्बत में जमीन आसमान का भारी परिवर्तन आया है और जनता सुखी जीवन बिताने में मस्त है । आगामी 2020 तक तिब्बत खुशहाल समाज का निर्माण करने का लक्ष्य पूरा कर लेगा । 

आज के समारोह में तिब्बत की विभिन्न जातियों व जगतों से आये 13 हजार से अधिक प्रतिनिधि शरीक हुए , 69 वर्षिय बुजुर्ग त्सोनड्रे ने समारोह में अपनी शोचनीय आपबीती की याद करते हुए कहा पुराने तिब्बत में मुझ जैसे बेशुमार भूदास व गुलाम पीढी दर पीढ़ी कुलीनों व जागीरदारों के क्रूर अत्याचार व शोषण का शिकार बनकर गायों व घोड़ों से कहीं बदतर जीवन बिताते थे ।

उस समय तिब्बत की कुल जनसंख्या का पांच प्रतिशत से कम बनने वाले भूदास मालिकों के पास अधिकतर उत्पादन सामग्री थी , जबकि जनसंख्या का 95 प्रतिशत से अधिक बनने वाले भूदास व गुलाम समूचे समाज के सब से नीचे वर्ग के थे , उन के पास न तो बुनियादी उत्पादन सामग्री थी और शारीरिक स्वतंत्रता व प्राणों की गारंटी भी नहीं थी ।

1951 में चीन की केंद्रीय सरकार और तिब्बत की स्थानीय सरकार के बीच तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बारे में समझौता संपन्न कर तिब्बत में शांतिपूर्ण मुक्ति साकार हो गयी । लेकिन साम्राज्यवादियों के उकसावे व समर्थन में 1959 में तिब्बत के ऊपरी शासक गुट ने उक्त समझौते को धज्जियां उड़ाकर सशस्त्र विद्रोह छेड़ा , केंद्रीय सरकार ने दृढ़ता से इस सशस्त्र विद्रोह को शांत करने के साथ साथ एक जोरदार जनव्यापी जनवादी सुधार आंदोलन चलाया और सामती भूदास व्यवस्था को जड़ से काट दिया । 28 मार्च को ठीक ही जनवादी सुधार शुरु करने का दिन है ।

उस एतिहासिक वक्त की याद करते हुए तिब्बत स्वायत प्रदेश की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के सचिव चांग छींग ली ने इस के महत्व का मूल्यांकन करते हुए कहा पूर्ण रुप से सामंती भूदासी व्यवस्था रद्द करके तिब्बत के लाखों भदासों को मुक्त कराना चीन की नयी जनवादी क्रांति का महत्वपर्ण संगठनात्मक भाग है और विश्व में भूदासी व्यवस्था को रद्द करने का महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।यह अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्य की महत्वपूर्ण प्रगति है और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तथा चीनी जनता द्वारा विश्व के लोकतंत्र, स्वतंत्र व मानवाधिकार कार्य के लिये महान योगदान भी है , तिब्बत के विकास के इतिहास , चीनी आधुनिक इतिहास और मानव जाति के सामाजिक इतिहास का युगांतर अर्थ है।

इस युगांतर अर्थ के क्षण ने तिब्बत के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। इस के बाद के 50 वर्षों में यह भारी परिवर्तन इस बर्फीली पठार पर निरंतर हो रहे हैं। भूदास त्सोन्ड्रे के जीवन में भी भारी परिवर्तन आये हैं।

पिछले 50 वर्षों में हमारी जन्मभूमि में बड़े परिवर्तन हुए हैं। जनता का जीवन बेहत्तर हो गया है। आज, सड़क अपने घर के द्वार तक पहुंची है। हरेक परिवार में टी वी व टेलिफोन हैं। बच्चे स्कूल में पढ़ पाते हैं। हरेक परिवार को नयी इमारत उपलब्ध हो गयी है।

वर्ष 2008 में तिब्बत में कुल उत्पादन मूल्य 39 अरब 60 करोड़ था, जो वर्ष 1959 की तुलना में 65 गुन्ना अधिक है। तिब्बत स्वायत प्रदेश में विभिन्न स्तरीय कर्मचारियों में तिब्बती व अन्य अल्पसंख्यक जातियों का अनुपात लगभग 78 प्रतिशत है। चीन की केंद्र सरकार ने भारी धन राशि जुटा कर पोताला महल जैसे सांस्कृतिक धरोहरों की मरम्मत व रक्षा की। तिब्बती शास्त्र अनुसंधान कार्य में भी अभूतपूर्व विकास हुआ है। विभिन्न जातियों की औसत आयु 35.5 से बढ़ कर 67 तक पहुंची है।पुराने तिब्बत में लाखों भूदासों के पास मकान नहीं थे, अब तिब्बत में प्रति व्यक्ति के हिस्से में औसत मकान 33 वर्गमीटर तक पहुंचा है।

तिब्बत स्वायत प्रदेश की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की कमेटी के सचिव चांग छींग ली ने तिब्बत के भावी मिशनों की चर्चा में कहा कि हमारा शानदार लक्ष्य है कि 2020 तक सर्वांगीर्ण रूप से खुशहाल समाज का निर्माण किया जाये और नये चीन की स्थापना की सौं वीं वर्षगांठ तक मूलतः आधुनिकीकरण साकार किया जाये ।