2009-03-28 15:41:01

कल के भूदास त्सोन्ड्रे ने कहा कि तिब्बती दस लाख भूदासों का मुक्ति दिवस मनाना तिब्बती भूदासों के दिल की आवाज़ है

28 तारीख को दस लाख तिब्बती भूदासों का मुक्ति दिवस  मनाने का समारोह ल्हासा में आयोजित हुआ । समारोह में अतीत के भूदास   69 वर्षीय तिब्बती बंधु त्सोन्ड्रे ने दस लाख भूदासों की ओर से भाषण देते हुए कहा कि इस दिवस की स्थापना   मुक्ति पाने वाले तिब्बती भूदासों के दिल की आवाज़ है , हम इस का पूरा समर्थन करते हैं ।

तिब्बती बंधु त्सोन्ड्रे का जन्म एक भूदास परिवार में हुआ । उन्हों ने अपनी आपबीती  की याद करते हुए कहा  कि बचपन में वे सेरा मठ में एक भिक्षु तो थे  , लेकिन वास्तव में मठ का एक भूदास थे । पूराने तिब्बत में स्तरीय व्यवस्था बहुत कड़ी थी, त्सोन्ड्रे जैसे भूदास परिवार से जन्मे गरीबी भिक्षुओं को मठ में गुलामों की तरह कठोर  श्रम करना पड़ता था और कोई प्रतिष्ठित स्थान नसीब भी न था वे  । सुबह से रात तक काम करसे ही   पेट भर खाने व कपड़े पहनने को भी नहीं मिलता ।

त्सोन्ड्रे ने कहा  कि वर्ष 1959 में अंधकारमय सामंती भूदास व्यवस्था को समाप्त किया गया, दस लाख भूदासों व गुलामों को मुक्ति मिली । पचास वर्षों में उन के जन्मस्थान में भारी परिवर्तन आया, आम नागरिकों का जीवन ज्यादा से ज्यादा बेहतर हो रहा है । उस ने कहा कि दलाई ग्रुप मातृभूमि को अलग करना और हमारे आज के सुखमय जीवन को नष्ट करना चाहता है । हम इस का स्वीकार नहीं कतई करते ।(श्याओ थांग)

 
 

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040