2009-03-27 18:04:43

जीवित बुद्ध शिंगत्सा तेन्ज़िन चोड्राक ने कहा कि तिब्बत ने जातीय व क्षेत्रीय विशेषता के अनुकूल आधूनिक शिक्षा कार्य का विकास किया

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति के उपाध्यक्ष  जीवित बुद्ध शिंगत्सा तेन्ज़िन चोड्राक ने 27 तारीख को पेइचिंग में कहा कि वर्ष 1959 जनवादी सुधार के बाद तिब्बत ने जातीय व क्षेत्रीय विशेषता के अनुकूल आधुनिक शिक्षा कार्य का विकास किया है, जिस से तिब्बत की विभिन्न जातियों के बच्चों को शिक्षा पाने का अवसर मिला है ।

चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के तिब्बती प्रतिनिधि मंडल ने इसी दिन संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर अमरीका व कनाडा की यात्राओं   से अवगत कराया । जीवित बुद्ध शिंगत्सा तेन्ज़िन चोड्राक ने प्रतिनिधि मंडल के अध्यक्ष के रूप में संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान   तिब्बती विद्यार्थी प्राइमरी स्कूली शिक्षा में मुख्यतः तिब्बती भाषा सीखते हैं, जबकि मीडिल स्कूली शिक्षा में चीनी हान भाषा सीखते हैं । इस के साथ ही कुछ स्कूलों में  अंग्रेज़ी भाषा भी पढ़ायी जाती है ।

यह पूछे जाने पर कि बच्चों को मठों में भेजा जाता है, तो जीवित बुद्ध शिंगत्सा तेन्ज़िन चोड्राक ने कहा कि वर्तमान नियम के अनुसार नौ वर्ष की अनिवार्य शिक्षा पाने के बाद बच्चों को मठों में पहुंचाया जाता है ।(श्याओ थांग)