28 मार्च को तिब्बत के दस लाख भूदासों का मुक्ति दिवस है। यूरोपीय संघ में स्थित चीनी दूत मंडल के प्रधान राजदूत सोन ज़े ने यूरोपीय संसद के सब सांसदों के नाम खुला पत्र जारी करके लोकतांत्रिक सुधार लागू किये जाने से अब तक तिब्बत में हुई बड़ी प्रगति और दलाई लामा के प्रति चीन सरकार की नीति का परिचय दिया।
सोन ज़े ने पत्र में बड़ी संख्या में तथ्यों और आंकड़ों से साबित कर दिखाया है कि 50 साल पहले तिब्बत में हुआ लोकतांत्रिक सुधार तिब्बत के इतिहास में सब से व्यापक,सब से गहरा और सब से महान सामाजिक सुधार है और मानव जाति के इतिहास और विश्व मानवाधिकार के विकास में बड़ी प्रगति भी है। पत्र में कहा गया है कि वर्तमान में तिब्बत का विकास इतिहास के सब से अच्छे दौर में है।
सोन ज़े ने साथ ही कहा कि सामंती जागीरदारों के महाप्रतिनिधि के रुप में दलाई लामा ने मातृभूमि का विभाजन करने की कार्यवाई कभी नहीं रोकी है।
सोन ज़े ने दोहराया कि तिब्बत चीन का अभिन्न भाग है, तिब्बत से संबंधित सवाल चीन का अंदरूनी मामला है। चीन किसी देश व संस्था को तिब्बत से संबंधित सवाल का प्रयोग करके चीन के अंदरूनी मामलों में दखलांजी करने का विरोध करता है। उन की आशा है कि यूरोपीय संसद के सांसद वर्तमान आम स्थिति को ध्यान में रखते हुए चीनी राजकीय प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता का समादर कर सकेंगे और समान रुप से चीन-यूरोप संबंध की रक्षा कर सकेंगे।(होवेइ)