2009-03-26 15:05:33

तिब्बत में कृषि और पशुपालन का विकास

चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की विस्तृत भूमि पर 23 लाख से ज्यादा किसान जीवन बिताते हैं। यह संख्या तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पूरी जन संख्या के 80 प्रतिशत से अधिक है। इतिहास में वे सब लोग पशुपालन करके जीवनयापन करते थे। लेकिन अब इस यहां बड़ा परिवर्तन हुआ है। अगर आप तिब्बत जाएं तो आप तिब्बती लोगों के नए जीवन को देख सकेंगे।

  तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के ल्होका क्षेत्र के नेडोंग कस्बे में लोग गाय पालन करते थे। लेकिन यहां गायों से दूध का उत्पादन बहुत कम होता है। यहां के लोगों को अपनी चाय बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों से दूध खरीदना पड़ता था। नेडोंग कस्बे के कृषि ब्यूरो ने इस स्थिति को सुधारने के लिए पेइचिंग से नयी तकनीक हासिल कर नयी प्रकार की गाएं किसानों को उपलब्ध करवाईं । सन् 2008 में स्थानीय सरकार की सहायता से नेडोंग कस्बे में गाय पालन केंद्र स्थापित किया गया जिस से यहां की गायों के दूध का उत्पादन पहले से तीन गुना व पांच गुना तक बढ़ गया है। नेडोंग कृषि व पशुपालन कंपनी के नेता होउ शू बिन ने कहा:

   "इन सालों में हमारे नेडोंग कस्बे में लहसुन के उत्पादन का विकास किया गया है। हम ने नयी प्रकार की गायों का पालन करने और लहसुन का उत्पादन करने के काम को संयुक्त रुप से करने का उपाय किया जिस से किसानों द्वारा लहसुन का उत्पादन करने के साथ-साथ सरकार ने भी उन्हें नयी प्रकार की गाएं देने में मदद की।"

नेडोंग कस्बे का लहसुन बहुत प्रसिद्ध है। देश विदेश में बहुत लोग नेडोंग के लहसुन को पसंद करते हैं। यहां के किसानों ने लहसुन का उत्पादन करने के साथ-साथ नयी प्रकार की गाएं भी प्राप्त कीं जिस से यहां की कृषि व पशुपालन की स्थिति सुधरी है।

नेडोंग कस्बे के ट्रानडरूक टाउनशिप के गांव के किसान नगावांग ट्सेरिंग को भी इस उपाय से लाभ मिला है। गत वर्ष की मई में उस ने गाय पालन केंद्र से एक नयी प्रकार की गाय खरीदी। इस गाय का दूध बेचने से उस ने 3000 से ज्यादा य्वान की कमायी की है। उन्होंने यह कहा:

"नयी प्रकार की गाय बहुत अच्छी है। इस के दूध की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। हर दिन एक गाय 7.5 किलोग्राम दूध दे सकती है।"

उस ने कहा कि हर वर्ष में वह लहसुन का उत्पादन करने और गाय का पालन करने से 40 हजार य्वान से ज्यादा कमा सकता है।

नेडोंग कस्बे के कृषि व पशुपालन कंपनी के नेता होउ शू बिन ने भी यह कहा कि उन की कंपनी किसानों को दूध बेचने में मदद करेगी और गाय केंद्र का विस्तार करके किसानों को अधिक लाभ पहुंचाएगी।

सन् 2009 से हमारी कंपनी किसानों से दूध प्राप्त करके लोहका में दूध कंपनियों के साथ संपर्क करने लगी है। हमारा लक्ष्य है कि 5 साल इस क्षेत्र के आस पास के 8000 परिवारों को संयुक्त करके एक साथ दूध उत्पादन किया जा सके।

लोहका क्षेत्र में कृषि व पशुपालन का विकास तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विकास का एक अच्छा उदाहरण है। लोहका क्षेत्र नेडोंग कस्बे के कृषि व पशुपालन ब्युरो के उत्पादन विभाग के प्रधान लो होंग फेंग ने परिचय देते हुए कहा कि सन् 2000 से पहले तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बहुसंख्यक लोग परंपरागत कृषि व पशुपालन करते थे। लोगों ने उत्पादन के उपाय सुधारने पर ध्यान नहीं दिया। उस समय कृषि व पशुपालन करने की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। सन् 2004 में इस क्षेत्र में परंपरागत कृषि व पशुपालन की व्यवस्था सुधरने लगी। गांवों में बहुत परियोजनाओं का निर्माण किया गया। नयी उत्पादन व्यवस्था स्थापित की जाने लगी। इस क्षेत्र में लोगों की जीवन स्थिति पहले से सुधरी । उन्होंने कहा:

"अब तक ल्होका क्षेत्र में कृषि और पशुपालन में 25 प्रतिशत नगदी फसल उगाई जाती है। कृषि और पशुपालन की व्यवस्था सुधरने के बाद ज्यादा फसलें पायीं जा सकती हैं। कुछ उत्पादों की संख्या पहले से तीन गुना बढ गयी हैं।"

अब बहुत क्षेत्रों में लहसुन और गाय के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन के उपाय अपनाए गए हैं जिस से सरकार के समर्थन और नागरिकों की कोशिश संयुक्त रुप से की गयी है। संवाददाता ने नेडोंग कस्बे के जेटांग क्षेत्र में 34 वर्षीय तिब्बती महिला येशे ड्रोलकार को देखा। वह ल्होका क्षेत्र में सब से ज्यादा मुर्गियोंका पालन करने वाली व्यक्ति है। उस ने पति के साथ चीन के हु बेई प्रान्त में मुर्गियों के पालन की तकनीक सीखी है और सन् 2003 में मुर्गियों का पालन करने लगी। सरकार ने उसे भूमि देने में मदद की। कई सालों की कोशिश करने के बाद सन् 2008 में उस ने मुर्गी पालन से 1 लाख य्वान रन मिन ही तक की कमायी की। उस ने 10 स्थानीय किसानों के साथ मुर्गी पालन करने का तकनीकी सहयोग संघ भी गठित किया और अन्य लोगों को पशुपालन की मुश्किलें दूर करने में मदद की। गत वर्ष कस्बे के कृषि व पशुपालन ब्युरो ने भी उस की कंपनी में पूंजी निवेश किया। उस ने प्रसन्नता से कहा:

"अब हमारे गांव में 500 से ज्यादा परिवार पशुपालन करने लगे हैं। सन् 2008 में हम सब ने मिलकर 5 लाख से 6 लाख मुर्गियां बेची हैं। हम पैसे कमाते हैं और बहुत खुश है।"

हालांकि अभी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विशेष कृषि व पशुपालन का विकास प्रारंभिक दौरान में है। नेडोंग कस्बे के कृषि व पशुपालन ब्युरो के प्रधान लो होंग फेंग के मन में कृषि और पशुपालन के विकास की योजना स्पष्ट है। उन्होंने कहा:

"तिब्बत के मौसम की अपनी विशेषता है। यहां के कृषि उत्पाद बहुत अच्छे हैं जिन की गुणवत्ता बहुत बढिया है। सब लोग इन को पसंद करते हैं। अब हमें ज्यादा कृषि केंद्रों का निर्माण करना चाहिए, ज्यादा बड़े प्रोग्राम शुरू करने चाहिंए जिस से तिब्बत में कृषि व पशुपालन के विकास को आगे बढ़ाया जा सकेगा।"

परिचय के अनुसार चीन सरकार तिब्बत में कृषि व पशुपालन का विकास करने के लिए तकनीकी सहायता दे रही है। इस वर्ष चीन सरकार ने तिब्बत में कृषि व पशुपालन का विकास आगे बढ़ाने के लिए खरबों य्वान पूंजी निवेश का समर्थन करने की योजना बनायी है और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 1000 से ज्यादा विशेष तकनीकी व्यक्तियों को भेजा जाएगा।