2009-03-25 19:55:03

मातृभूमि के पुनरेकीकरण की रक्षा  और विभाजन का विरोध करना तिब्बती विभिन्न जातियों की सब से बड़ी अभिलाषा है

चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष, चीनी तिब्बती सांस्कृतिक संरक्षण व विकास संघ के प्रधान रैडी ने कहा कि मातृभूमि के पुनरेकीकरण की रक्षा और विभाजन का विरोध करना तिब्बती विभिन्न जातियों की सब से बड़ी अभिलाषा है।

रैडी ने 26 मार्च प्रकाशित होने वाले जन दैनिक पर तिब्बत में जनवादी सुधार की 50वीं वर्षगांठ की स्मृति में लेख जारी किया। लेख में उन्होंने कहा कि वे तिब्बत के एक गरीब चरवाहे परिवार में जन्मे । जनवादी सुधार से पहले उन का जीवन बहुत दुखपूर्ण और मुश्किल था। लेकिन जनवादी सुधार के बाद भूदास व गुलाम देश व समाज का मालिक बने हैं। तिब्बत विकास व प्रगति के रास्ते पर चल निकला है , जो मानव समाज के इतिहास में एक रिकार्ड है।

रैडी ने कहा कि 1965 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना हुई और प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के प्रधान व सरकारी अध्यक्ष सब तिब्बती जाति के हैं। चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधियों में 20 तिब्बत स्वायत्त प्रदेश से आये हैं, देश में यह अनुपात सब से अधिक है।

रैडी ने कहा कि दलाई लामा गुट तिब्बत के विभाजन की कार्यवाही में संलग्न है। उन के और तिब्बती जनता के बीच हितों की मुठभेड मौजूद है। उन के विभाजन का उद्देश्य अतीत और वर्तमान में साकार नहीं हुआ तथा भविष्य में भी साकार नहीं होगा।(रूपा)