2009-03-24 16:25:19

जनवादी सुधार से तिब्बती जनता को पेट भर खाने को छोड़कर अतिरिक्त अनाज भी नसीब

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के संबंधित विभाग के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2008 में तिब्बत में कृषि फसलों की पैदावार  नौ लाख 50 हज़ार टन पहुंच गयी, और लगातार नौ वर्षों तक नौ लाख टन को पार कर गया ।

पुराने तिब्बत में राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित सामंती भूदास व्यवस्था लागू होने से उत्पादन शक्ति के विकास में बाधा पड़ी । पुराने तिब्बत में आदिम तरीके से खेतीबाड़ी की जाती थी, कृषि औजार बहुत पिछड़े थे और व्यापक भूदासों का जीवन बहुत दूभर था, भूख व सर्दी से मरने वालों की संख्या बहुत थी । लेकिन जनवादी सुधार किए जाने के पिछले 50 वर्षों में तिब्बत में जमीन व्यवस्था व उत्पादन तरीकों में सुधार आया  , और तिब्बत की कृषि उत्पादन शक्ति लगातार बढ़ी  । अब तिब्बत में उत्पादित अनाज बुनियादी तौर पर तिब्बती जनता की आपूर्ति कर सकता है, मुक्त हुए तिब्बती भूदासों का जीवन भूखमरे दिनों से अतिरिक्त अनाज वाले समय तक परिवर्तित हो गया

वर्ष 1959 से ही तिब्बत में भूमि सुधार लागू किए गए, करीब एक लाख 90 हज़ार हैक्टर जमीन को आठ लाख भूदासों में बांटा गया । जमीन सुधार से तिब्बती नागरिकों के उत्पादन व जीवन की सक्रियाता बढ़ी है। (श्याओ थांग)