2009-03-23 10:37:54

पांचवां विश्व जल मंच समाप्त हुआ

पांचवां विश्व जल मंच सात दिन चलने के बाद रविवार को तुर्की के इस्टानबुल में समाप्त हुआ ।इस मंच पर जारी ब्यानों ने विश्व के विभिन्न देशों से मिलकर जल प्रबंधन का आपात कदम उठाने और सहयोग व वार्ता के जरिये जल वाद विवाद का हल करने की अपील की ताकि विश्व आर्थिक समृद्धि व सामाजिक स्थिरता को बढावा मिले ।

विश्व जल मंच विश्व जल परिषद द्वारा हर तीन साल में एक बार आयोजित होता है ,जो जल संसाधन क्षेत्र में सब से बडी अंतरराष्ट्रीय गतिविधि है ।इस मंच में चीन समेत 155 देशों व क्षेत्रों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के 25हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया ।इस मंच की थीम है कि जल समस्याओं पर संपर्क के पुल का निर्माण ।इस मंच में उपस्थित प्रतिनिधियों ने विश्व जल सवाल के समाधान पर व्यापक विचार विमर्श किया ।

इस मंच पर राजनीतिक स्तर पर विश्व जल सवाल के समाधान की कोशिश की गयी ।मंच में औपचारिक रूप से संयुक्त राष्ट्र विश्व जल विकास रिपोर्ट जारी की गयी ।इस में बल देकर कहा गया कि जल सवाल का समाधान एक नाजुक मुद्दा बन गया है ।विभिन्न देशों की सरकारों को फौरन कदम उठाना चाहिए ।रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2025 तक विश्व के चालीस से अधिक देशों व क्षेत्रों के 3 अरब 50करोड लोगों को जल अभाव का सामना करना पडेगा ।गंभीर हो रहा जल सवाल न सिर्फ विश्व आर्थिक व सामाजिक विकास को बाधित करेगा ,बल्कि पारिस्थितिकी पर्यावरण को और बडा नुकसान पहुंचाएगा यहां तक कि मानव की अस्थित्व के लिए भी एक बडा खतरा बन जाएगा ।कहा जा सकता है कि इस रिपोर्ट ने जल संकट का सारन बजायी है ।

इस मंच के पहले दिन में एक छोटा शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ ,जो विश्व जल मंच के इतिहास में पहली बार था । कुछ देशों के नेताओं ने जल सवाल के समाधान के उपायों पर विचार विमर्श किया ।तुर्की के राष्ट्रपति अब्दुलाह गुल ने शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जल संकट के समाधान को न सिर्फ तकनीक समर्थन ,बल्कि राजनीतिक पक्ष का ध्यान प्राप्त करने की जरूरत है ।शिखर सम्मेलन में जारी ब्यान में अपील की गयी कि विभिन्न देशों की सरकार जल प्रबंधन सवाल पर आपात कदम उठाकर अंतरराष्ट्रीय वायदा पूरा करें ,समुचित व प्रभावित जल नीति व रणनीति बनाएं और संबंधित संगठित व वित्तीय व्यवस्था का सुधार करें ।इस के साथ साथ विभिन्न देशों को वार्ता व सहयोग से सीमा पारीय जल समस्या का समाधान कर जल संसाधन का साझा करना चाहिए ताकि क्षेत्रीय समृद्धि व स्थिरता पूरी की जाए ।इस शिखऱ सम्मेलन में भाग लेने वाले विभिन्न देशों के नेता इस ब्यान को जी 8 शिखर सम्मेलन और संयुक्त राष्ट्र संघ को पेश करने पर सहमत भी हुए ताकि इस ब्यान का राजनीतिक प्रभाव बढाया जाए ।

जल सवाल पर मंत्री स्तरीय सम्मेलन चालू साल के मंच का एक अहम भाग भी है ।150 से अधिक देशों के जल व पर्यावरण मंत्री तथा वरिष्ठ अधिकारी इस में उपस्थित हुए ।मंत्री सम्मेलन ने 22 तारीख को ब्यान जारी कर कहा कि उपस्थित देश जल सवाल पर अपने अपने वायदे का पालन करते हुए विभिन्न पक्षों का समन्वय करेंगे और कृषि जल इस्तेमाल की कार्यकुशलता ,पानी प्रदूर्षण ,प्राकृतिक विपत्ति व जल निगरानी व्यवस्था के सुधार जैसे पक्षों में सहयोग बढाएंगे ।ब्यान में इस पर जोर लगाया गया कि पयजल की सुरक्षा व संबंधित स्वास्थ्य संस्थापन मानव की बुनियादी मांग है ।

चीन सरकार के प्रतिनिधियों ने इस मंच पर अनेक बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समंवय मजबूत कर अधिक प्रभावित कदम उठाने की अपील की ताकि मिलजुलकर जल सवाल की चुनौती का सामना किया जाए और विश्व की सामंजश्य व समृद्धि पूरी की जाए ।इस मंच के दौरान चीन ,जापान व दक्षिण कोरिया ने जल संबंधी मामलों पर तीन देशों के सहयोग के विस्तार के बारे में एक संयुक्त ब्यान जारी किया ।इस के अलावा चीन ने पहली बार एक बडे पैमाने वाले जल संसाधान उद्यमों का प्रतिनिधि मंडल भेजा ।चीनी उद्यमों ने अंतरारष्ट्रीय आवा जाही व सहयोग को मजबूत किया ।इस सब से जाहिर है कि चीन सरकार जल समस्या को बडा महत्व देती है ।

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