चीनी जन दैनिक में 22 तारीख को छपे ब्रिटेन के वेस्टमिन्स्टर युनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर डिबाइश अनांड के लेख में कहा गया है कि ल्हासा अब दिनोंदिन जोरों से विकसित हो रहा एक शहर है वहां विकास की योजना और बाजारीकरण से स्थानीय लोग अधिक से अधित प्रभावित हो रहे हैं।
श्री अनांड ने कहा कि वे गत अक्तबूर में तिब्बत गए। उन्हों ने पेइचिंग से ल्हासा जाने के लिए रेल सेवा ली और देखा कि छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग सचमुच एक असाधारण महान उपलब्धि है । उन्हों ने दो बार तिब्बत की यात्रा की थी, इस के दौरान उन्हें यह गहरा अनुभव हुआ है कि तिब्बती संस्कृति जीवन शक्ति से ओतप्रोत है और विभिन्न जातियों और क्षेत्रों से गठित संस्कृति में विविधता और जीवंट शक्ति भरी हुई है।
उन्हों ने जोखांग मठ, रामूछी मठ, पुताला महल, नोर्बु लिंगका उद्यान और तिब्बती संग्रहालय को देखा। संग्रहालय में तिब्बत के इतिहास के बेशुमार मूल्यवान ऐतिहासिक अवशेष देखने को मिले । वे निमा काऊंटी भी गए, वहां खुद अपनी आंखों से देख पाया कि स्थानीय लोग किस तरह सक्रिय रूप से आर्थिक विकास की कोशिश कर रहे हैं । वे एक तिब्बती गाइड के इस वाक्य के हिमायत हैं कि हम न केवल अपने को एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित करते हैं और हमें प्रतिस्पर्धा करना भी सीखना चाहिए।