पांच दिवसीय 2009 चीनी विश्व ऊर्जा किफायत व प्रदूषण कटौती और नई ऊर्जा तकनीक विकास मेला 19 तारीख को पेइचिंग में उद्घाटित हुआ। मेले में चीन द्वारा स्वतंत्र रूप से विकसित अनेक उन्नतिशील तकनीकों का प्रदर्शन किया गया । चीनी विज्ञान तकनीक मंत्रालय के अधिकारियों ने उसी दिन कहा कि ऊर्जा किफायत व प्रदूषण कटौती को बढावा देना तथा नयी किस्म के ऊर्जा संसाधनों का विकास करना न केवल चीन के लिए वर्तमान विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने में फौरी जरूरी है, साथ ही चीन के अनवरत आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए भी आवश्यक विपल्प है।
2009 चीनी विश्व ऊर्जा किफायत व प्रदूषण कटौती और नयी ऊर्जा विज्ञान तकनीक मेला अब तक चीन द्वारा इस क्षेत्र में आयोजित सब से बड़ा मेला है। सौ से अधिक चीनी उपक्रमों और अनुसंधान संस्थाओं ने मेले में भाग लिया और मेले का कुल क्षेत्रफल 23 हजार वर्ग मीटर है।
प्रदर्शनी क्षेत्र में चीनी पेट्रोल रसाय कंपनी गुट की एक उत्पादन लाइन का मॉडल दर्शकों को आकर्षित कर रहा है । कंपनी के अधिकारी वांग ल्ये ने परिचय देते हुए कहा कि उत्पादन लाइन मॉडल के प्रदर्शन से दर्शक यह जान सकते हैं कि चीनी प्रट्रोल रसायन समूह की विभिन्न उत्पादन कड़ियों में कौन कौन सी ऊर्जा मितव्यय का कदम उठाया गया है । उन्हों ने गंदे औद्योगिक पानी के निपटारे के बारे में कहाः
हमारी कंपनी ने औद्योगिक गंदे पानी के निवारण में अनुसंधान किया और उस के शुद्धिकरण के बाद पुनः प्रयोग में लाया। हम ने टू मेमब्रान प्रोसेस की तकनीक से बड़ी मात्रा में औद्योगिक प्रयोग के लिए जल राशि हासिल की । इस तरह 2008 में हमारी कंपनी में ताजा पानी के प्रयोग में काफी कटौती हुई, जो 2007 से 32 करोड़ टन कम था।
श्री वांग ल्ये ने जो टू मेमब्रान प्रोसेस तकनीक की चर्चा की है, वह चीजों को एक दूसरे से अलग करने वाली नयी तकनीक है, जिस से गंदे औद्योगिक पानी को अलग कर शुद्ध बनाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार प्रदर्शनी में चीन द्वारा स्व अनुसंधान कर विकसित किये गए थरमोन्यूक्लियर रिएक्टर, फिजुल गैस ग्रहण प्रणाली, सौर ऊर्जा सड़क लैंप और पवन जनेरेटर सेट आदि शामिल हैं। चीनी विज्ञान तकनीक मंत्री वान कांग ने मेले के उद्घाटन समारोह में कहा कि मौजूदा मेले से पूर्ण रूप से चीन द्वारा ऊर्जा किफायत व प्रदूषण कटौती और नयी किस्मों की ऊर्जा के विकास में प्राप्त नवीनत्तम वैज्ञानिक उपलब्धियां प्रदर्शित हुई हैं।
श्री वान कांग ने कहा कि वर्तमान विश्व वित्तीय संकट के लगातार फैलने तथा आर्थिक संचालन पर दबाव बढ़ने की स्थिति में चीन सरकार ऊर्जा किफायत, प्रदूषण कटौती तथा नए ऊर्जा संसाधों के विकास पर बड़ा महत्व देती रही है और उसे आर्थिक ढांचे में समायोजन के लिए अहम कार्य बनाया है। भविष्य में चीन सरकार इस क्षेत्र को और अधिक समर्थन देगी।
उन्हों ने कहा कि हम उच्च क्षमता वाली ऊर्जा के विकास, वास्तु निर्माण में ऊर्जा के मितव्यय व नयी सामग्री के विकास, औद्योगिक काम में कारगर स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग , पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण व निवारण के क्षेत्र में कुंजीभूत तकनीकों के अनुसंधान का बंदोबस्ट करेंगे और पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा और जैवी ऊर्जा जैसी पुनरूत्पादीय ऊर्जा और उन्नतिशील न्यूक्लियर ऊर्जा, हाईड्रोजन ऊर्जा तथा ईंधन बैटरी आदि क्षेत्र में ज्यादा शक्ति लगाएंगे।
चीन की योजना के मुताबिक 2010 तक चीन की ईकाइ जी डी पी ऊर्जा खपत की दर 2005 से 20 प्रतिशत घटायी जाएगी और मुख्य प्रदूषण देने वाली निकासी चीजों में 10 प्रतिशत की कमी लायी जाएगी । श्री वान कांग ने कहा कि चीन समुन्नत व्यवहारिक तकनीकों का प्रसार करेगा और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाएगा, ताकि समान प्रयास से विश्व ऊर्जा संसाधन व पारिस्थितिकी पर तकनीकी सहयोग का मंच कायम हो। उन्हों ने कहाः
विश्व के एक जिम्मेदाराना बड़ा देश होने के नाते चीन खुले रूख से सक्रिय रूप से संसाधन किफायत, प्रदूषण कटौती के बारे में अन्तरराष्ट्रीय तकनीक मापदंड बनाने के काम में हिस्सा लेगा ।
सूत्रों के अनुसार चीन के अलावा विश्व के दस से ज्यादा देशों व क्षेत्रों ने मौजूदा मेले में भाग लिया और वे विभिन्न प्रकार की वैज्ञानिक प्रचार गतिविधियां करेंगे ।
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