2009-03-20 10:59:56

फिलिस्तीन के भीतर शांति वार्ता में प्रगति हासिल होने के बावजूद मतभेद मौजूद है

 फिलिस्तीन के भीतर दस दिवसीय शांति वार्ता 19 तारीख को मिस्र की राजधानी काहिरा में समाप्त हुई । फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों ने अनेक सवालों पर मतैक्य पाया, लेकिन नई सरकार स्थापना समेत महत्वपूर्ण सवालों में प्रगति नहीं हुई । विभिन्न पक्षों ने अनसुलझे सवालों पर विचार विमर्श करने के लिए शीघ्र ही काहिरा में नए दौर की वार्ता करने की मंजूरी दी ।
    मौजूदा वार्ता में अंतिम सुलह घोषणा पत्र न जारी किए जाने के बावजूद सिलसिलेवार सवालों पर सकारात्मक प्रगति हासिल हुई । सर्वप्रथम फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों ने फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के कारगर प्रचलन की गारंटी व आगे विकास की मंजूरी दी । दूसरा, वार्ता में यह समहति प्राप्त हुई कि अगले वर्ष की जनवरी की 25 तारीख के पूर्व फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष व कानून निर्माण समिति का चुनाव किया जाएगा, आम चुनाव के साथ ही नई फिलिस्तीनी राष्ट्रीय समिति का चुनाव भी किया जाएगा, इस के आधार पर फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन की कार्यकारी कमेटी चुनी जाएगी । तीसरा, फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों ने माना कि अस्थाई फिलिस्तीनी राष्ट्रीय एकता अंतरिम सरकार की स्थापना की जाएगी, जिस का कार्यकाल मौजूदा कानून निर्माण समिति के बराबर है । चौथा, फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों के बीच सुधार के बाद फिलिस्तीनी सुरक्षा संस्था में विभिन्न पक्षों के सदस्यों की संख्या, नाम और कर्तव्य आदि पर महमत हुए ।
   मौजूदा वार्ता में फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों के बीच मौजूद सारगत सवालों का समाधान नहीं किया गया,जो फिलिस्तीन के भीतर शांति वार्ता में प्रगति हासिल करने केलिए कुंजीभूत सवाल ही है । फिलिस्तीनी मुक्ति मोर्चा के महासचिव वासिल अबो युसेफ़ ने 19 तारीख को कहा कि फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों के बीच संयुक्त सरकार की स्थापना और उस के राजनीतिक कार्यक्रम, चुनाव कानून आदि सवालों पर मतभेद मौजूद है ।फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष श्री अब्बास ने 15 तारीख को कहा था कि भावी एकता सरकार को फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन और इजराइल के बीच संपन्न समझौतों का पालन करना चाहिए, जिन में इजराइल को मान्यता देना, हिंसक बल का प्रयोग बंद करना और वार्ता के जरिए फिलिस्तीन इजराइल मुठभेड़ का समाधान करना आदि शामिल हैं । लेकिन हमास ने कहा कि वह इजराइल को मान्यता नहीं देने और सशस्त्र प्रतिरोध नहीं छोड़ने पर डटा रहेगा । उस ने कहा कि वह फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन के सिद्धांत का समादर करेगा, न कि उस का पालन करेगा । इस के अलावा, नई सरकार के सदस्यों के सवाल पर श्री अब्बास इस बात का पक्षधर लेता है कि अंतरारष्ट्रीय मान्यता हासिल स्वतंत्र व्यक्तियों व विशेषज्ञों तथा विद्वानों से गठित सरकार की स्थापना की जाए । लेकिन दूसरे पक्ष प्रमुख सरकारी पदों को विभिन्न पार्टियों के व्यक्तियों द्वारा संभाले जाने पर डटे रहे । चुनाव व्यवस्था के सवाल पर भी विभिन्न पक्षों के बीच मतभेद मौजूद है ।
   वर्ष 2007 के जून माह में फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन यानी हमास ने बल का प्रयोग कर गाज़ा पट्टी पर नियंत्रण का अधिकार प्राप्त किया था, जिस से फिलिस्तीन के भीतर गंभीर विभाजन हुआ । इस के बाद मिस्र ने फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों के बीच सुलह की प्राप्त के लिए समन्वयक की भूमिका निभाई । इस वर्ष की फरवरी में फिलिस्तीन के विभिन्न पक्षों ने काहिरा में सुलह वार्ता पुनः शुरू की और पांच कार्य समितियां स्थापित कर इस माह की दस तारीख से ही राष्ट्रीय एकता सरकार की स्थपाना समेत महत्वपूर्ण सवालों को लेकर वार्ता करने का फैसला कर लिया , अब वार्ता में कुछ प्रगति हासिल हुई है ।
   चाहे अरब देश हो या अमरीका व युरोपीय संघ में फिलहाल फिलिस्तीन के भीतर सुलह की प्राप्ति के लिए हितकारी तत्व उभरे हैं । 11 तारीख को सऊदी अरब, मिस्र, सीरिया और कुवैत के नेताओं ने रियाद में लघु शिखर सम्मेलन आयोजित किया । सऊदी अरब, मिस्र और सीरिया के नेताओं ने फिलिस्तीन के भीतर सुलह प्राप्ति को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश करने का वचन दिया ।  अरब लीग का 21वां शिखर सम्मेलन इस माह के अंत में आयोजित होगा, अरब लीग के महासचिव श्री मुस्सा ने स्पष्ट रूप से कहा कि फिलिस्तीन के भीतर सुलह का सवाल मौजूदा शिखर सम्मेलन का महत्वपूर्ण विषय होगा । इस के अलावा, अमरीकी विदेश मंत्री सुश्री हिलेरी क्लिंटन ने पद संभालने के बाद प्रथम फिलिस्तीन व इजराइल यात्रा के दौरान बल दिया कि अमरीका सरकार फिलिस्तान व इजराइल की शांति प्रक्रिया और फिलिस्तीन देश की स्थापना को आगे बढ़ाएगी । 14 तारीख को युरोपीय संसद के प्रतिनिधि मंडल ने सीरिया की राजधानी में हमास के नेता के साथ वार्ता की और कहा कि मध्य पूर्व के विभिन्न पक्षों के बीच बातचीत करना वहां शांति की प्राप्ति का आवश्यक कदम है । उक्त सभी बाह्य तत्व फिलिस्तीन के भीतर सुलह के लिए हितकार सिद्ध होगा ।
   
 

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