2009-03-19 18:28:19

तीव्र गति से विकसित हो रहा तिब्बत का शिक्षा कार्य

नवीनतम आंकड़ो से पता चला है कि इधर के 30 सालों में चीनी केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत के शिक्षा कार्य के लिए कुल 22 अरब य्वान की धनराशि डाली है। वर्तमान तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बुनियादी तौर से किंडरगार्टन शिक्षा समेत प्राइमरी व मिडिल स्कूल शिक्षा, विशेष शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, उच्चतम शिक्षा तथा व्यस्क शिक्षा तक की एक पूरिपूर्ण आधुनिक जातीय शिक्षा व्यवस्था की स्थापना की जा चुकी है। तिब्बत का शिक्षा कार्य इतिहास विकास के सबसे अच्छे काल में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज के इस कार्यक्रम में हम आप को तिब्बत शिक्षा के आज और कल पर कुछ जानकारी देगें। (आवाज 1) हाएसा प्राइमरी स्कूल तिब्बत स्वयात्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में स्थित है। इस स्कूल के अधिकतर छात्र आस पास के किसान व चरवाह परिवारों से आए हैं। स्कूल के प्रिन्सिपल छ्यानपायुनतान ने जानकारी देते हुए कहा कि हाएसा प्राइमरी स्कूल ने पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक से छात्रों के खाने ,रहने व शिक्षा के खर्चों को उठाने की शिक्षा नीति अपनाना शुरू किया था, बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए आना वर्तमान परिवारों के लिए एक बोझ नहीं रह गया है। उन्होने कहा(आवाज2) हमारे स्कूल ने 1985 से बच्चों के खाने, रहने व शिक्षा के खर्चों को उठाने की नीति लागू की थी। इस पहलु में देश ने इधर के सालों में लगातार भारी धनराशि डाली हैं, फिलहाल हरेक छात्र का प्रति स्मीस्टर में स्कूल में रहने, खाने व पढ़ने की निशुल्क शिक्षा का औसतन खर्चा 1200 य्वान बनता है। शहरी म्युनिसिपल सरकार भी हरेक छात्रों को 15 य्वान की अतिरिक्त सब्सीडी प्रदान करती है। छात्रों से हम एक पैसा भी वसूल नहीं करते हैं, उन्हे किसी चीज के लाने की जरूरत नहीं है, केवल टूथब्रश, टूथपेस्त लाना ही उनके लिए काफी है।

हाएसा प्राइमरी स्कूल तिब्बत के हजारों स्कूलों का मात्र एक मिसाल है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के शिक्षा ब्यूरो के उप प्रबंधक तू च्येन कुंग ने जानकारी देते हुए कहा कि चीन सरकार ने बीस साल पहले से ही छात्रों के रहने, खाने व शिक्षा के खर्चों को पूरी तरह उठाने की नीति अपनाना शुरू कर दिया था, जिस से तिब्बत चीन की मुख्यभूमि में पहला शिक्षा खर्चे में सरकार की पूरी सब्सीडी पाने वाला प्रांत व प्रदेश बन गया है। इस उम्दा नीति ने स्थानीय किसान व चरवाह परिवारों के बच्चों की शिक्षा के हौसले को बुलन्द किया है। श्री तू च्येन कुंग ने कहा(आवाज 3) इधर के पांच सालों में देश ने प्राइमरी व मीडिल स्कूलों की शिक्षा व बोर्डिंग के खर्चे में कुल 1 अरब 13 करोड़ य्वान की धनराशि डाली है, इस से 2 लाख 65 हजार छात्रों को वस्तुगत लाभ मिला है। 2007 के अन्त तक स्कूली उम्र के बच्चों की स्कूल दाखिला दर 98.2 प्रतिशत तक जा पहुंची , मिडिल स्कूलों की स्कूल दाखिला दर 90.8 प्रतिशत रही है। अब तक पूरे प्रदेश में अनिवार्य शिक्षा लोकप्रिय हो चुकी है और बुनियादी तौर से युवाओं के बीच असाक्षरता को मिटा देने के लक्ष्य को हासिल कर लिया गया है।

वास्तव में पिछली शताब्दी के 50 वाले दशक में यानी तिब्बत की मुक्ति से पहले , पूरे तिब्बत में आधुनिक नाम तक का एक औपचारिक स्कूल ही नहीं था। तिब्बत प्रशासन को धर्म के साथ जोड़ने वाली सामांतवादी गुलाम व्यवस्था ने तिब्बत को लम्बे अर्से से पिछड़ेपन व पूरी बन्द स्थिति में डाल रखा था। केवल मठों व तिब्बत की स्थानीय सरकारों के अधिकारियों व कुलीन परिवारों के बच्चों को शिक्षा पाने का ही हक था। उस समय तिब्बत में स्कूली उम्र के बच्चों की स्कूल दाखिला केवल 2 प्रतिशत ही थी, युवाओं की असाक्षरता 95 प्रतिशत थी।

तिब्बत की शान्तिपूर्ण मुक्ति के बाद से तिब्बत शिक्षा विकास के दौर में चीन की केन्द्रीय सरकार शुरू से ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आयी है, तिब्बत की शिक्षा में भारी धनराशि लगाने के साथ चीन सरकार ने अनेक उदार नीतियां भी लागू की हैं। मिसाल के लिए, छात्रों की शिक्षा के दौरान उनके खाने, रहने व शिक्षा पाने का खर्चा सरकार पूरी तरह उठाएगी। और तो और ग्रामीण व पशु पालन इलाकों में बोर्डिंग स्कूल व्यवस्था लागू करने के साथ तिब्बती छात्रों को प्राइमरी स्कूल से यूनिवर्सिटी तक के शिक्षा दौर का पूरा खर्चा सरकार पूरी तरह उठाएगी। इस के अलावा, चीन सरकार ने तिब्बत शिक्षा के आधारभूत संस्थापनों के निर्माण में धनराशि प्रदत्त करने की शक्ति को भी प्रबल किया है। तिब्बत स्वयात्त प्रदेश के शिक्षा ब्यूरो के उप प्रबंधक तू च्येन कुंग ने जानकारी देते हुए कहा कि केवल 2001 से 2006 तक के दौरान, चीन ने तिब्बत शिक्षा के निर्माण में 2 अरब 30 करोड़ य्वान की धनराशि डाली हैं। इन में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के पुरानी इमारतों की मरम्मत करना, तिब्बत यूनिवर्सिटी के नए कैंपस निर्माण की परियोजना लागू करना तथा प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में आधुनिक दूर शिक्षा आदि परियोजनाओं को बखूबी अंजाम देना आदि परियोजनाए शामिल हैं, इन कारगर व सार्थक कार्यवाहियों ने तिब्बत की शिक्षा स्थिति व गुणवत्ता को उल्लेखनीय रूप से उन्नत किया है। उन्होने कहा(आवाज4) वर्तमान तिब्बत के पूरे प्रदेश में 880 प्राइमरी स्कूल हैं और छात्रों की संख्या 3 लाख 33 हजार जा पहुंची हैं, प्रदेश के भीतर जूनियर व सिनीयर मिडिल स्कूलों की संख्या अलग अलग तौर से एक लाख 45 हजार और 59 हजार हैं। यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले तिब्बती छात्रों की संख्या 27 हजार जा पहुंची है। गैर सरकारी स्कूल व निरंतर शिक्षा तथा आधुनिक दूर शिक्षा ने भी नयी प्रगति हासिल की हैं।

जानकारी के अनुसार, प्रत्यक्ष पूंजी निवेश के अलावा, चीन सरकार ने तिब्बत की शिक्षा को सहायता देने की अनेक विवेकपूर्ण व उदारपूर्ण नीतियां भी तैयार की हैं, इन में अपेक्षाकृत विकसित प्रांतों व शहरों के प्रगतिशील शैक्षिक स्थलों में तिब्बती कक्षाओं की स्थापना करना तथा तिब्बती छात्रों के पढ़ने व जीवन की विशेष उदार नीतियां प्रदान करना भी शामिल है।

इस के अतिरिक्त चीनी शिक्षा मंत्रालय ने तिब्बत के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के अध्यापकों की प्रशिक्षण योजना भी तैयार की है। 2007 से हर साल तिब्बत के 1000 आदर्श प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के अध्यापकों को प्रशिक्षण दिया जाता है। यूनिवर्सिटी पहलु में अनेक प्रांतो की तरफ से तिब्बत की शिक्षा विकास व अनुसंधान मुददों में सहायता देने के साथ उच्च शिक्षालयों की प्रयोगशालाओं के निर्माण और विश्वविद्यालयों के सुयोग्य प्रबंधकों को तिब्बत की उच्च शिक्षा में हाथ बटाना भी शामिल हैं।

हमारे संवाददाता ने यह भी जानकारी हासिल की कि तिब्बत शिक्षा विभाग तिब्बती भाषा की शिक्षा व पढ़ाई को भारी महत्व देती है और फिलहाल तिब्बत में दुभाषीय शैक्षिक नीति लागू की जा रही हैं, ताकि जातीय संस्कृति का और अच्छी तरह संरक्षण किये जाने के साथ उसे निरंतर आगे भी बढ़ाया जा सके। जानकारी के अनुसार, तिब्बती की विभिन्न सरकारों ने तिब्बती भाषा पर भारी बल दिया है, उन्होने अलग अलग तौर से पांच तिब्बती भाषा पाठयक्रमों का संपादन किया है। इस के अलावा, प्राइमरी व मिडिल स्कूल में तिब्बती भाषा एक अनिवार्य पाठ निश्चित किया गया है, व्यवसायिक व मिडिल स्कूलों तथा यूनिवर्सिटियों की प्रवेश परीक्षा में तिब्बती भाषा परीक्षा एक मुख्य पाठ नियुक्त किया गया है। विभिन्न विश्वविद्यालयों व कालेजों में तिब्बती भाषा को एक एक अनिवार्य पाठयक्रम के रूप में तय किया गया है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तिब्बती भाषा कार्य कमेटी के उप निदेशक लोसानथूमए ने जानकारी देते हुए कहा(आवाज 5) लोकतांत्रिक सुधार के बाद चीन की केन्द्रीय सरकार ने तिब्बत में विभिन्न किस्मों के कई हजार स्कूल स्थापित किए हैं, प्राइमरी स्कूलों से यूनिवर्सिटी तक सभी शिक्षा स्तरीय स्कूल मौजूद हैं, इन स्कूलों में तिब्बती भाषा एक प्रमुख पाठ है। तिब्बती भाषा का अध्ययन वर्तमान अपने एक फलते फूलते काल में प्रवेश कर रहा है। तिब्बती भाषा सीखने व उसका विकास करने के लिए, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने तिब्बती भाषा के प्रयोग व विकास की नियमवलियां व योजनाए निर्धारित की हैं, जिन्हे कानूनी सुनिश्चता प्रदान है।

तिब्बती की प्रचुर व गहन धार्मिक संस्कृति परम्परा को देखते हुए, तिब्बत स्वयात्त प्रदेश की सरकार ने सरकारी धनराशि डाल कर बौद्ध कालेजों की भी स्थापना की हैं, जहां मशहूर जीवित बौद्ध और बौद्ध शास्त्री छात्रों की पढ़ाई का कमान संभालते हैं और बौद्ध धर्म की आदर्श ग्रंथो व धार्मिक इतिहास के आधार पर छात्रों को बौद्ध की पूर्ण औपचारिक शिक्षा प्रदान की जाती हैं।