पिछली बार हम इसी कार्यक्रम में आप को दक्षिण पश्चिम चीन के युननान प्रांत से गुजरने वाली नू च्यांग नदी घाटी के दौरे पर ले चुके हैं , आज हम फिर इसी नू च्यांग का दौरा करने जा रहे हैं । बाघ छलांग के बारे में एक पौराणिक कथा आज भी प्रचलित है , कहा जाता है कि बहुत पहले यहां के राजकुमार को एक खूबसूरत लड़की से प्रेम हो गया , पर एक राक्षसी ने मंत्र फूंक कर इस राजकुमार को बाघ के रुप में बदल दिया , यह बाघ जोखिम भरी छलांग लगाकर अपनी प्रेमिका से मिलने गया , उस की ईमानदारी से भगवान ने प्रभावित होकर उसे फिर राजकुमार का रुप दिया । ऊंचे पर्वत व तेज धारा पानी से नू च्यांग नदी के दोनों किनारों पर पहले कोई पक्का पुल नहीं था , सिर्फ एक जंजीर पुल इस नदी के दोनों किनारों को जोड़ा गया । आज नू च्यांग के दोनों किनारों पर लटका पुल व जंजीर पुल देखने को बहुत कम मिलता है ।
पिछली बार हम इसी कार्यक्रम में आप को दक्षिण पश्चिम चीन के युननान प्रांत से गुजरने वाली नू च्यांग नदी घाटी के दौरे पर ले चुके हैं , आज हम फिर इसी नू च्यांग का दौरा करने जा रहे हैं ।
बाघ छलांग के बारे में एक पौराणिक कथा आज भी प्रचलित है , कहा जाता है कि बहुत पहले यहां के राजकुमार को एक खूबसूरत लड़की से प्रेम हो गया , पर एक राक्षसी ने मंत्र फूंक कर इस राजकुमार को बाघ के रुप में बदल दिया , यह बाघ जोखिम भरी छलांग लगाकर अपनी प्रेमिका से मिलने गया , उस की ईमानदारी से भगवान ने प्रभावित होकर उसे फिर राजकुमार का रुप दिया । ऊंचे पर्वत व तेज धारा पानी से नू च्यांग नदी के दोनों किनारों पर पहले कोई पक्का पुल नहीं था , सिर्फ एक जंजीर पुल इस नदी के दोनों किनारों को जोड़ा गया । आज नू च्यांग के दोनों किनारों पर लटका पुल व जंजीर पुल देखने को बहुत कम मिलता है । इस पर्यटन क्षेत्र के कर्मचारी श्री ली वान लिन ने परिचय देते हुए कहा कि नू च्यांग की प्रथम खाड़ी की विशेषता है कि उस की मोड़ इतनी बड़ी है कि नदी के इसी भाग को मोड़ मोड़ कर एक छोटा सा टापू बनाया गया । नदी के घाटी क्षेत्र में लहलहा खेत व्यवस्थित रुप से नजर आते हैं । पौ फटते ही पूरे पर्यटन स्थल में सभी गांव व मकान मडराते हुए बादलों में झलकते हैं ।
पिंग चुंग लो पर्यटन स्थल के उत्तर छोर पर नू च्यांग नदी के दोनों किनारों पर काउ ली कुंग पर्वत व पीलोश्यो पर्वत आमने सामने खड़े हुए हैं , इन दोनों गगनचुम्बी पर्वतों की आकाश से बाते करने वाली सीधी चट्टानों ने पांच सौ मीटर ऊंचे व दो सौ मीटर चौड़े पत्थर गेट का रूप दिया है । ठीक जैसा एक चीनी कहावत है यहां पर एक रक्षक रहने पर भी दस हजार व्यक्ति अंदर जाने में समर्थ होते हैं । स्थानीय वासी इसे नाइछांग कहते हैं , अर्थ है देवता होने पर भी उसे पार करना भी असम्भव है ।
पत्थर गेट दर्रा बहुत भव्यदार है , उस की ऊंचाई करीब पांच सौ मीटर है , दूर से देखा जाये , वह बिलकुल एक विशाल गेट जान पड़ता है और यह पत्थर दर्रा चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में प्रविष्ट होने का अहम मार्ग ही है ।
नू च्यांग क्षेत्र के पिंग चुंग लो टाऊनशीप का प्राकृतिक दृश्य इतना अनुपम है कि वह मानव जाति व देवताओं के साथ साथ रहने के क्षेत्र के नाम से नामी है । गगनचुम्बी पर्वतों पर गहरी बर्फ साल भर में ढकी हुई है , जबकि ऊंचे पर्वतों के नीचे लहलहा खेत हवाओं के झोकों में लहराते हुए दिखाई देते हैं , इतना ही नहीं , सरसों के पीले रंग के खिले हुए फूल लहलहा खेतों को और सुंदर बना देते हैं , इसी बीच भूरे रंग वाले पक्के पत्थर मकान हरे भरे दृश्य में जडे हुए हैं , देखते ही देखते एक बेहद आरामदेह व सुखद ग्रामीण माहौल एकदम सामने आ जाता है । बहुत से पर्यटक यहां के शांतिमय रमणीक प्राकृतिक दृश्य देखकर सभी परेशानियों को भूल जाते हैं ।
दसेक साल पहले एक पर्यटक घूमने यहां आ पहुंचा , तत्काल में एक स्थानीय बुढ़ा मां ने उस की अगवानी की । बाद में इस पर्यटक ने इंटरनेट पर लेख लिखकर स्थानीय वासियों की मेहमाननवाजी व नम्रता की खूब प्रशंसा की , जिस से अधिकाधिक पर्यटक यहां आने लगे हैं । वर्तमान में पिंग चुंग लो टाऊंशिप ने मलेशिया , जापान , जर्मनी , कोरिया गणराज्य , ब्रिटेन , फ्रांस व स्वीटजरलैंड समेत दसेक देशों से आये मेहमानों की अगवानी की है ।
स्थानीय अल्पसंख्यक जातीय लोगों ने शराब पेश करने का गीत गाकर दूर से आये मेहमानों के सम्मान में अपनी दिली बात बतायी ।
गीत का भावार्थ है कि नू च्यांग नदी आने पर आप का स्वागत है , आप को देखकर हमें बड़ी खुशी हुई है , खुशी के मारे हमें थिरकने का ठिकाना न रहा है । कृपया आप फिर से हमारे यहां आये ।
जी हां , उक्त पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त नू च्यान महा घाटी के भीतर समद्र की सतह से कोई चार हजार मीटर की ऊंचाई पर बीस से अधिक पर्वत भी खड़े हुए हैं , पर्वत की तलहटी से पर्वत के ऊपर पर नाना प्रकार वाली वनस्पति और अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखने को भी मिलते हैं ।