2009-03-18 17:05:51

हौलैंड --विश्व मशहूर फुटबाल कोचों का हामटाउन

हौलैंड पश्चनी यूरोप का एक छोटा सा देश है ।उस की जनसंख्या सिर्फ 1करोड 60लाख है । पर फुटबाल जगत में होलैंड एक बडा साम्राज्य है ।

हौलैंड में बडी संख्या वाले विश्व स्तर वाले फुटबाल स्टार पैदा हुए हैं ।वहां बहुत विश्व मशहूर फुटबाल कोचों का हामटाउन भी है ,जैसे गूस हिद्दिंक ,मार्को वान बास्टेन ,फ्रांक रिजकार्द और इत्यादि ।वर्ष 2006 जर्मनी में हुए विश्व कप फुटबाल की स्पर्द्धा में चार देशों की टीमों के प्रमुख कोच हौलैंड के हैं ।वान बास्टेन हौलैंड फुटबाल टीम के मुख्य कोच थे ।हिद्दिंक आस्ट्रेलियाई टीम के मुख्य कोच थे ।बीन हाक्कर ट्रिननिदाद एंड टोबागो की फुटबाल की कमान संभालते थे और दिक अदवोकाट दक्षिण कोरियाई टीम के मुख्य कोच थे ।चार टीमों ने इस विश्व कप में शानदार प्रदर्शन किया और अपने अपने देश के फुटबाल प्रेमियों का दिल जीत लिया ।इस संदर्भ में सिर्फ फुटबाल किंगडम ब्राजील हौलैंड के आगे रहता है ।उस समय पांच ब्राजीली कोच विभिन्न देशों की राष्ट्रीय टीमों के प्रमुख कोच थे ।

वर्ष 2008 यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप में भाग लेने वाली 16 फुटबाल टीमों में से तीन टीमों के मुख्य कोच हौलैंड से आये ।वान बास्टेन हौलैंड टीम के मुख्य कोच थे ।हिड्डिंक युवा खिलाडियों से गठित रूसी टीम को सेमी फाइनल में ले आयी ।बीन हाक्कर ने पोलैंड की फुटबाल टीम लेकर इस चैंपियनशिप में भाग लिया ।

वर्ष 2006 विश्व कप और वर्ष 2008 यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिप से यह साबित हुआ कि हौलैंड के फुटबाल कोच पूरे विश्व में लोकप्रिय है ।हौलैंड पेशेवर फुटबाल कोच संगठन या सी बी वी के लगभग 400 सदस्य हैं ,जिन में से आधे सदस्य विदेशों में काम करते हैं ।

1करोड 60लाख जनबादी वाले देश के नाते फुटबाल जगत में हौलैंड की सफलता असाधारण है ।यूरोपीय फुटबाल चैंपियनशिपों की वरीयताक्रम में हौलैंड दूसरे स्थान पर रहता है । जर्मनी इस वरीयता क्रम में पहले स्थान पर है ,पर उस की जनसंख्या 8करोड 20 लाख है ।विश्व कप की कुल उपलब्धियों की वरीयता क्रम में हौलैंड विश्व में दूसरे स्थान पर रहता है । वर्ष 1974 और वर्ष 1978 विश्व कप फुटबाल में हौलैंड की फुटबाल टीम दो बार फाइनल के मैदान पर दिखायी गयी । चालू साल की अंतरराष्ट्रीय फुटबाल संघ की वरीयता क्रम में हौलैंड पांचवे स्थान पर रहा है ।हौलैंड के फुटबाल क्लबों ने 6 बार यूरोपीय चैंपिय़न कप का खिताब जीता था ।

फुटबाल मैदान पर शानदार उपलब्धियों के कारण हौलैंड के कोच यूरोप ,एशिया ,अफ्रीका ,उत्तर व मध्य अमरीका जैसे क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय हैं ।विश्व में हौलैंड के फुटबाल कोचों की लोकप्रियता का दूसरा कारण मैच के प्रति उन का संजीदगीपूर्ण रूख और गहरी समझ है ।फुटबाल मैदान पर जीत व हार पर हौलैंड के कोचों का विशिष्ट विचार है ।परिणाम की तुलना में वे मैंच की प्रक्रिया पर अधिक महत्व देते हैं ।उन के लिए मैच का आनंद उठाना फुटबाल के आकर्षण का स्रोत है ।

1974 विश्व कप के फाइनल में हौलैंड जर्मन गणराज्य से 1--2 से हार गया ।उस समय हौलैंड की फुटबाल टीम विश्व में सब से शक्तिशाली फुटबाल टीम मानी जाती थी ।यह हार हौलैंट की फुटबाल टीम के लिए एक बडा धक्का था ।तत्कालीन हौलैंड़ टीम के कप्टान व सूपर स्टार क्रुयिफ ने फाइनल मैच के बाद मीडिया को बताया था कि हौलैंड टीम को इस हार से निकलने के लिए लंबे समय लगेगा ।लेकिन एक विश्व मशहूर कोच बनने के बाद इस हार के प्रति क्रुयिफ के विचार में बडा बदलाव आया ।उन का कहना है कि उस हार के कुछ समय के बाद हमें धीरे धीरे समझ आयी कि उस मैच की शानदार प्रक्रिया जीत व हार से अधिक महत्वपूर्ण है ।लोगों ने इस मैच के परिणाम के बजाये इस मैच की सुनहरी प्रक्रिया याद किया ।पूरे विश्व को हौलैंड फुटबाल टीम का नाम याद किया ।

हौलैंड फुटबाल मैच के आकर्षण ,गति ,तकनीक व हमले पर अधिक ध्यान देता है ।वह फुटबाल प्रेमियों को अधिकाधिक खुशी व उमंग लाना चाहता है ।हौलैंड के अधिकांश कोच प्रतियोगिता में प्रबल हमले पर जोल लगाते हैं ।उन के विचार में फुटबाल का प्राथमिक लक्ष्य हमला है ,न कि प्रतिरक्षा ।क्रुयिफ मैच में अकसर तीन या चार फोर्वार्डों का इस्तेमाल करते हैं ।मैच के निर्णायक वक्त चार फोर्वर्डों का इस्तेमाल करना हौलैंड के कोचों का एक परंपरा बना है ।

कुछ लोगों का कहना है कि हौलैंड के फुटबाल कोचों की विशिष्ट शैली वास्तव में हौलैंड की भावना प्रतिबिंबित करती है ।हौलैंड उत्तर सागर के एक छोर पर स्थित है ।कई सदी से पहले पश्चिमी यूरोप में हौलैंड वासियों ने सब से पहले विश्व भर जहाजरानी शुरू की ।हौलैंड एक बहुत खुला देश है और हौलैंड के लोगों की अपरिचित वातारण से मेल खाने की असाधारण क्षमता है ।यह विदेशों में हौलौंड के कोचों की बडा सफलता का महत्वपूर्ण कारण भी है ।

विश्वविख्यात फुटबाल कोच हिड्डिंक विभिन्न सांस्कृतिक वातावरणों में सफलता पाने वाला एक मिसाल है ।वर्ष 1998 में उन के नेतृत्व वाली हौलैंड की फुटबाल टीम विश्व कप के सैमिफाइनल में पहुंची ।चार साल के बाद उन्होंने दक्षिण कोरियाई फुटबाल टीम को सैमिफाइनल में ले जाने में सफलता हासिल की ।दक्षिण कोरिया फुटबाल के इतिहास में यह सब से बडी उपल्बधि थी ।इस जीत से अनेक एशियाई देशों में फुटबाल के प्रति अभूतपूर्व उत्साह पैदा हुआ ।वर्ष 2006 में हिड्डिंक के नेतृत्व में आस्ट्रेलियाई फुटबाल टीम विश्व कप के अंतिम सोलह टीमों में घुस गयी ।वर्ष 2008 यूरोपीय कप में हिड्डिंग के नेतृत्व वाली रूसी टीम ने अपनी तेज व व्यावहारिक हमलावर तरीके से फुटबाल प्रेमियों पर गहरा प्रभाव डाला ।रूसी टीम ने क्वोटरफाइनल में हौलैंड को हराया ।सैमिफाइनल में रूसी टीम स्पेन से हार गयी ।

रूस ,दक्षिण कोरिया व आस्ट्रेलिया में हिड्डिंक ने स्थानीय कोचों व खिलाडियों के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित किया और उन का विश्वास हासिल किया ।यह हिड्डिक की बडी सफलता से अलग नहीं हो सकता ।क्रुयिफ ,हिड्डिंक ,रिजकार्द जैसे कोचों की शानदार सफलता से विश्व के अधिकाधिक टीमें हौलैंड की खोज करने लगीं यहां तक कि विश्व फुटबाल के शक्तिशाली देश जर्मनी व स्पेन की टीमों ने हौलैंड के कोच की खोज में बडी रूचि भी दिखायीं ।

हौलैंड के फुटबाल में जीवनी शक्ति ,साहस व सृजन प्रयाप्त रूप से जाहिर होती है ।कुछ विश्लेषकों के विचार में हौलैंड के लोगों को अदवेंटर करना पसंद है ।इसलिए हौलैंड का फुटबाल अधिक हमलावर ,अधिक कलात्मक और अधिक आकर्षक है ।हौलैंड फुटबाल फैशन बन रहा है ।कई बार की हार से यह ऱूझान नहीं बदलएगा ।

हौलैंड के कोच फुटबाल प्रतिभा संपन्न युवा खिलाडियों को ढूंढने व तैयार करने के विशेषज्ञ भी हैं ।हौलैंड के फुटबाल क्लब युवा खिलाडियों के प्रशिक्षण से विश्व में मशहूर है ।बहुत चोटी स्तर वाले यूरोपीय फुटबाल क्लब अपनी युवा टीमों के लिए हौलैंड के कोच निमंत्रित करते हैं ।इंग्रैलंड की सूपर लीग के मैंचस्टर युनाइटिड ,चैल्सी व लिवरपूल जैसे क्लबों की युवा टीमों के कोच सभी हौलैंड के हैं ।