दोस्तो , चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पांच तिब्बती प्रतिनिधियों से गठित सद्भावना मंडल ने 17 मार्च को अमरीका स्थित चीनी दूतावास में मीडिया के साथ साक्षात्कार किया और अपनी आपबीती के जरिये चीनी व अमरीकी पत्रकारों को तिब्बत के जनवादी सुधार के पिछले 50 सालों में हुए परिवर्तनों और तिब्बत के वर्तमान आर्थिक व सामाजिक विकास से अवगत कराया । यह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधियों से गठित सदभावना मंडल प्रथम बार विदेश यात्रा पर गया है ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की स्थायी कमेटी के उपाध्यक्ष , तिब्बत के जीवित बुद्ध शिनत्सा टेंजिंगचोड्राक ने 1965 में तिब्बती जन प्रतिनिधि सभा की स्थापना से लेकर अब तक की परिस्थितियों का परिचय दिया । उन्हों ने कहा कि जन प्रतिनिधि सभा की प्रणाली तिब्बत में जनता के अपने देश का मालिक बनने की वास्तविक स्थिति की अभिव्यक्ति की है , यह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा की संरचना से देखा जा सकता है ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधियों में तिब्बती प्रतिनिधियों का अनुपात 70 प्रतिशत से अधिक है । कांऊटी व टाऊशिप स्तरीय प्रतिनिधियों में तिब्बती प्रतिनिधियों का अनुपात क्रमशः 76 प्रतिशत और 82 प्रतिशत है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा के जितने भी ज्यादा अध्यक्ष हैं , वे सब के सब तिब्बती जाति के हैं ।
तिब्बत की राजधानी ल्हासा शहर के छंगक्वान डिस्ट्रिक्ट के नाचेन टाऊंशिप के तामा गांव की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की उप शाखा की सचिव केलजांग ड्रोलकार ने कहा कि एक बुनियादी इकाई की चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की प्रतिनिधि की हैसियत से वे तन मन से प्रतिनिधि का दायित्व निभाकर जन जीवन का ख्याल रखती हैं और जन समुदाय की अभिलाषा व मांग को महत्व देती हैं । उन्हों ने कहा कि तिब्बत के जनवादी सुधार के पिछले 50 सालों में ग्रामीणों का जीवन स्तर लगातार उन्नत होता गया है , विशेषकर इधर सालों में यह सुधार और बड़ा हो गया है ।
मेरा गांव ल्हासा शहर से 1.5 किलोमीटर दूर है , पूरे गांव में 680 परिवारों की 1772 आबादी है । चालू वर्ष में हमारे गांव के 230 परिवार सरकार द्वारा ग्रामीणों व चरवाहों के लिये स्थापित नये मकानों में स्थानांतरित हो चुके हैं, अब हमारे गांव में प्रति व्यक्ति के हिस्से में 50 वर्गमीटर क्षेत्रफल वाला मकान मिला है और ये नये मकान हमारी तिब्बती जाति की वास्तु विशेषताओं से युक्त हैं । साथ ही नयी बस्ति में मार्गों , बिजली और पानी जैसे बुनियादी संस्थापन बहुत सुविधापूर्ण हैं । गत वर्ष पूरे गांव में प्रति व्यक्ति के हिस्से में औसत आमदनी 6800 य्वान तक पहुंच गयी , जो तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के औसत स्तर से अधिक है ।
केलजांग ड्रोलकार ने आगे कहा कि उन्हों ने गत जनवरी में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की नवीं जन प्रतिनिधि सभा के दूसरे अधिवेशन में भाग लिया , अधिवेशन के 382 प्रतिनिधियों ने 23 मार्च को दस लाख तिब्बती भूदासों का मुक्ति दिवस बनाने पर मतैक्य प्राप्त किया । अधिवेशन के बाद उन्हों ने यह खबर बुजुर्ग गांववासियों को बतायी , तो वे बड़ी मुश्किल से प्राप्त वर्तमान सुखमय जीवन से अत्यंत प्रभावित हुए हैं ।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नाग्छू प्रशासनिक क्षेत्र के उप डायरेक्टर भूदान की संतान हैं । उन्हों ने कहा कि दस लाख तिब्बत भूदास मुक्ति दिवस की सुनिश्चितता भूदास काल से गुजरने वाले लोगों व युवाओं के लिये भारी महत्व रखती है ।
दस लाख भूदास मुक्ति दिवस का लोगों और आने वाली पीढियों को तिब्बत के इतिहास को समझाने के लिये बड़ा महत्व है । अतीत के भूदास मुक्त होकर समाजवादी नये तिब्बत का मालिक बन गये हैं , यह व्यक्तिगत व पारिवारिक जीवन के लिये बहुत महत्वपूर्ण है ।
जीवित बुद्ध शिनत्सा के नेतृत्व में इस सद्भावना मंडल ने 16 व 17 मार्च को वाशिंगटन में अमरीकी सरकार , संसद व अकादमिक जगत के व्यक्तियों से मुलाकात की । अमरीका के विभिन्न जगतों के व्यक्तियों ने कहा कि तिब्बत के चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधियों के साथ आमने सामने बैठकर आदान प्रदान से तिब्बत के बारे में उन की जानकारी बढाने के लिये मददगार सिद्ध होगा ।
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