चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने 13 तारीख को पेचिंग में कहा कि दलाई लामा के साथ संपर्क जारी रखने की कुंजी उन की सदिच्छा पर निर्भर है ,वरना वार्ता में व्यावहारिक प्रगति प्राप्त नहीं होगी ।
वन चा पाओ ने राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के वार्षिक सम्मेलन के बाद हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तिब्बत चीन की भूमि का अभिन्न भाग है ।तिब्बत संबंधी सवाल चीन का अंदरूनी मामला है और विदेशी दखलदांजी की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी। दलाई लामा के प्रति चीन सरकार की नीति स्पष्ट और एक है ।अगर उन्होंने अलगाववादी गतिविधि छोडी ,तो केंद्रीय सरकार उन के प्रतिनिधि से संपर्क करेगी । वार्ता का द्वार हमेशा खुला है ।
वन चा पाओ ने कहा कि दलाई लामा एक आम धार्मिक व्यक्ति नहीं है ,बल्कि वे एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं ।इस के बारे में पर्याप्त सबूत हैं ।धर्मशाला में स्थापित तिब्बती निर्वासित सरकार वास्तव में दलाई लामा के नेतृत्व में एक गैरकानूनी सरकार है ।दलाई लामा अक्सर विभिन्न देशों का दौरा करते हैं और कुछ विदेशी राजनीतिज्ञों को भ्रम में डाला हुआ है ।उधर कुछ पश्चिमी देश भी उन का इस्तेमाल करते हैं ।दलाई लामा के प्रति हमें उन की बात सुनने के अलावा उन की करनी भी देखनी चाहिए ।