2009-03-13 10:29:41

अर्जेंटिना के चीन सवाल के विशेषज्ञ ने तिब्बत सवाल की चर्चा की

यह साल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना 50वीं वर्षगांठ है। इस महिने में पेइचिंग में आयोजित 11वें चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के 2वें पूर्णाधिवेशन और चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के 2वें पूर्णाधिवेशन में तिब्बत का विकास सवाल दोनों सम्मेलनों के केंद्रीय विषयों में से एक बन गया है। विदेशी मीडिया और चीन सवाल के विशेषज्ञों ने इधर के 50 सालों में तिब्बत में हुए परिवर्तन व भावी विकास पर बहुत ध्यान दिया है।

अर्जेंटिना के राष्ट्रीय साल्वाडो विश्वविद्यालय के चीन सवाल के विशेषज्ञ प्रोफैसर मालैना ने संवाददाता को इन्टरव्यू देते समय कहा कि 13वीं शताब्दी के मध्य में तिब्बत चीन का एक भाग बन गया था और इस के बाद तिब्बत की स्थानीय सत्ता चीनी केंद्रीय सरकार के कारगर प्रशासन में रही है, इस दौरान तिब्बत जाति और हान जाति के बीच गहरी मित्रता स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना ने तिब्बत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है। मालैना ने कहा कि वर्ष 1959 से तिब्बत की अर्थ व संस्कृति का कायाकल्प शुरु हुआ , चीनी केंद्रीय सरकार के नेतृत्व में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश ने बड़ी आर्थिक प्रगति की है और आधुनिकीकरण साकार किया है।

मालैना का मानना है कि इधर के 50 सालों में तिब्बत में प्राप्त प्रगति से देखा जा सकता है कि तिब्बत के प्रति चीन सरकार द्वारा उठाए गए कदम कारगर रहे हैं। उन्होंने दोहराया कि तिब्बत में हुआ विकास और प्रगति मौजूद है, तब कि कुछ पश्चिमी मीडिया की रिपोर्टें असत्य हैं, उन्होंने कहा कि पश्चिमी मीडिया हमेशा चीनी सरकारी खबर छोड़कर उन संवाददाताओं को रिपोर्ट कार्यवाहियों में शामिल होता है जिन के पास प्रोफैशनल ज्ञान नहीं है।

अर्जेंटिना में एशिया सवाल अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रसिद्ध विद्वान गिराडो ने कहा कि तिब्बत व थाईवान सवाल चीन का अंदरूनी मामला है, किसी भी देश को चीन के अंदरूनी मामले में दखलांजी करने का अधिकार नहीं है।(होवेइ)