2009-03-12 16:30:03

चीन सक्रियता से खाद्यपदार्थों व औषधियों की सुरक्षा का जाल बुन रहा है

वर्ष 2008 में मिलेमाइन तत्व ने चीनी लोगों के भोजन मेज पर एक बुरी छवि छोड़ी है, प्रदूषित दूघ पाउडर ने करीब तीन लाख से अधिक परिवारों को क्षति पहुंचायी है, मासूम बच्चों के दुखद मुखड़े को देखते हुए देश को भी भारी दुख हुआ है, लेकिन इस घटना ने खाद्यपदार्थ सुरक्षा कानून के निर्धारण की गति को भी तेज किया है, उक्त कानून पहली जून से औपचारिक रूप से प्रभाव में डाला जाएगा। भविष्य में हमें स्वस्थ्य को लेकर हरेक आदमी के लिए एक सुरक्षित जाल बुनना है। सब्जी बाजारों व सुपर मार्केटों में हमने लोगों के मुह से सुना टमाटर यदि सख्त या मोटा हो तो मैं उसे नहीं चुनती हूं, क्योंकि मैने किसानों को रासायनिक दवा छिड़कते देखा है, यह इस दवा से जल्दी पक जाते हैं। ---2. आशा है कि देश इस संबंध पर कानून को कड़ा करेंगे, हमें नकली पदार्थों में मनमानी ढंग से अनेक तत्व मिलाने की कार्यवाहियों का गंभीरता से निपटारा करना चाहिए।

हमारे संवाददाता अक्सर लोगों की जुबान से ये बाते सुनते हैं। चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने अपनी 5 तारीख की सरकारी रिपोर्ट में कहा कि इस साल खाद्यपदार्थों व औषधियों की सुरक्षा पर विशेष अभियान चलाया जाएगा, उत्पादों की गुणवत्ता के मानकीकरण को स्वस्थ करने के साथ उसे लागू किया जाएगा, बाजार प्रवेश अनुमति व्यवस्था व उत्पादन गुणवत्ता के उद्गम स्थलों का पता लगाने की व्यवस्था को भी कड़ा किया जाएगा, ताकि हमारी जनता बेफिक्र होकर उच्च गुणवत्ता वाले खाद्यपदार्थों का उपभोग कर सकें और उसका इस्तेमाल कर सकें।इन बातों ने सरकार के जनता के प्रति जिम्मेदाराना रूख को निखारा है।

इधर के 20 सालों में चीन का खाद्यपदार्थ उद्योग प्रति वर्ष 10 प्रतिशत की गति से विकसित होता जा रहा है, कुछ उद्योग अपनी खपत को कम करने के लिए, बड़ी मात्रा में गैर कानूनी रूप से इजाजत न दी जाने वाले तत्वों को पदार्थों में मिला रहे हैं। हाल में जारी खाद्यपदार्थ सुरक्षा कानून में निश्चित किया गया है कि बिना इजाजत तत्वों को उत्पादों में मिलाना एक गैर कानूनी कार्यवाही है. वर्तमान मनमानी ढंग से खाद्यपदार्थों में बिना इजाजत दी जाने वाले मिलावटी व संरक्षित तत्व में रोकथाम डालने का अभियान पूरे देश में जोरो से चल रहा है।

पेइचिंग में भाग ले रहे राष्ट्रीय जन राजनीतिक सलाहाकर सभा के वार्षिक सम्मेलन के सदस्य , रासायनिक विश्लेषण विशेषज्ञ ये च्येन नुंग का मानना है कि खाद्यपदार्थों में कृत्रिम ओर्गेनिक मिलावट की मात्रा प्रति वर्ष बढ़ती जा रही है, इन में अधिकतर विषाक्त मात्रा का अब तक पूरे तौर से अनुमान नहीं लगाया जा सका है, इस लिए गैर इजाजत वाले तत्वों की मिलावट कार्यवाहियों का सर्वेक्षण करना बहुत ही जरूरी है। उन्होने कहा हमारी सूची में बिना इजाजत दिए जाने वाले मिलावट तत्व विषाक्त है या नहीं, इस का कभी कभी लम्बे समय के प्रयोग के बाद पता लगता है और हमारे वैज्ञानिक अनुसंधान के तरीके से इन तत्वों में मौजूद विषाक्त प्रभाव को ढूंढ निकाले के लिए भी समय लगता है, इन उत्पादों की सुरक्षा को सुनिश्चत करने के बाद ही हम लोगों के स्वस्थय से अनुकूल तत्वों के पदार्थों में संरक्षित रखने की इजाजत दे सकते हैं।

उद्योगों की कार्यवाहियों को मानकीकृत करने के साथ सरकार के संबंधित विभागों को भी निगरानी की जिम्मेदारी सुदृढ़ करना चाहिए। भविष्य में स्वास्थ्य मंत्रालय संबंधित विभागों के साथ मिलकर मानकीकृत नियम निर्धारित करेगी। और तो और गुणवत्ता परीक्षण, खाद्यपदार्थों व औषधियों की निगारनी करने वाले विभिन्न विभागों को अलग अलग तौर से खाद्यपदार्थ के उत्पादन, प्रचलन व व्यंजन आदि गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी। कुछ विशेषज्ञों ने सुझाव रखा है कि प्रदूषित दूध पाउडर घटना से बचने के लिए, दूध स्टेशन की रखवाली करने के सवाल पर हमें अमरीका , जापान आदि देशों के अनुभवों से सीखना चाहिए।

खाद्यपदार्थों की तरह औषधियों की गुणवत्ता व सुरक्षा भी जनता के स्वस्थ्य से घनिष्ठ संबंध रखती है। चीनी खाद्यपदार्थ व औषधि निगरानी प्रबंधन ब्यूरो के उत्पाद पंजीकरण विभाग के निदेशक चांग वए ने हमें जानकारी देते हुए कहा कि 2008 में पूरे देश में नयी औषधियों के पंजीकरण आवेदन की संख्या 3413 रही, जो पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत कम थी, औषधि अनुसंधान विभाग व औषधि निर्मित उद्योग फिलहाल सुव्यवस्थित रूप से उत्पादों के निर्माण में संलग्न हैं।

गत वर्ष कुछ जगहों में विशेषज्ञ चिकित्सालय के नाम से नकली औषधियों बेचने की कार्यवाही पर चर्चा करते हुए राष्ट्रीय जन राजनीतिक सलाहकार के वार्षिक सम्मेलन में भाग ले रहे चीनी औषधि विज्ञान अकादमी के प्रमुख अनुसंधानकर्ता सी ते चो ने सुझाव रखा कि प्रवेश अनुमति पर कड़ी नजर रखने के साथ, सरकार को औषधियों के प्रचलन क्षेत्रों की निगरानी प्रबंध को प्रबल करना चाहिए, ताकि जनता सुरक्षित दवाओं का उपभोग कर सकें। उन्होने कहा हमारे देश में एक दवा के बाजार में प्रवेश करने से पहले अनेक निगरानी लागू की जाती हैं, परन्तु बाजार में प्रवेश कर लेने के बाद इस दवा का मूल्यांकन व इस से उत्पन्न बुरे प्रभाव की निगरानी रिपोर्ट व्यवस्था अब भी परिपूर्ण नहीं हैं, हमें इन दवाओं के बाजार में प्रवेश कर लेने पर उनके मूल्यांकन पर अधिक बल देना चाहिए। खाद्यपदार्थ व औषधि के सुरक्षा की जिम्मेदारी समाज कल्याण का अहम कार्य हैं, हमें इन के प्रबंधन व निगरानी की शक्ति को प्रगाढ़ कर लोगों की सेहत को अधिक सुनिश्चता प्रदान करने की कोशिश करनी चाहिए।