कलेजे से उम्रभर प्रेम करो नाम की यह योजना चीन के लिवर की बीमारी बचाव कोष व चीनी राष्ट्रीय कलेजे से प्रेम नेटवर्क संघ द्वारा संयुक्त रूप से प्रवर्तित की गयी है, इस योजना तहत बीस सालों के समय में कलेजे की बीमारी के रोगियों को व समाज की जनता को कलेजे के रोग से बचने का सही ज्ञान देने व उसके बचाव की विचारधारा का निर्देशन करने में मदद प्रदान की जाएगी तथा इन मरीजों की देखरेख व अधिक पूरिपूर्ण इलाज व एक उम्दा जीवन पर्यवारण तैयार करने में हाथ बटाएगी । चीनी इंजीनीयरिंग विज्ञान अकादमी के चिकित्सा-औषधि स्वास्थ्य विभाग के अकादमिशन , एशिया प्रशांत लिवर बीमारी बचाव परिषद के सदस्य, प्रोफेसर च्वांग हुए ने जानकारी देते हुए कहा(आवाज 1) 2002 की राष्ट्रीय रोग व अर्थतंत्र जांच सर्वेक्षण के मुताबिक, हर एक कलेजे की बीमारी के मरीजों को हर साल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से औसत 30 हजार चार सौ 77 रन मिन पी की सब्सीडी प्रदान की जाएगी। अनेक अनुसंधान से पता चला है कि चिरकालिक बी हैपाटाइटिस मरीजों के मानकीकृत इलाज के जरिए उनकी बीमारी को बढ़ने से रोका जा सकता है और कलेजे के सूखने व लिवर केन्सर को कम कर मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सकता है और उनकी आयु को बढ़ाया जा सकता है।
इलाज का खर्चा ऊंचा होना भी हैपाटाइटिस मरीजों को इस रोग से बचने के लिए मानकीकृत इलाज कराने में मुश्किलों को सहना पड़ता है, और तो और देश की अलग अलग जगहों में इलाज का स्तर विभिन्न होना भी इस बीमारी को रोकने व उसका बचाव करने में भारी मुश्किले खड़ी हुई हैं। अलबत्ता, बीमारी के इलाज के साजसामान, औषधि के प्रयोग व उच्च कोटि विशेषज्ञों द्वारा इलाज कराने की प्रक्रिया में चीन का लिवर उपचार का स्तर अन्तरराष्ट्रीय की समुन्नत स्तर से तकरीबन समान है। इसी आधार पर चीन सरकार ने कलेजे से प्रेम करो योजना को एक मानकीकृत इलाज करवाने की दिशा में ले जाने का एक सार्थक कदम उठाने का फैसला लिया है ताकि समाज के अधिकाधिक लोग लिवर रोग का ज्ञान पाकर उससे बच सकें। चीन के हैपाटाइटिस रोकथाम कोष संघ की डाक्टर सुश्री वांग चाओ ने कहा (आवाज 2) कलेजे से प्रेम करो योजना की सिफारिश का मुख्य लक्ष्य हमारे देश के लिवर रोग को रोकने व इस से संबंधित ज्ञान का प्रसार करने तथा इस बीमारी के मानकीकृत इलाज को आगे बढ़ाने तथा इस बीमारी से संबंधित चिकित्सकों को प्रशिक्षण कराना है। ताकि हम पूरे समाज में लिवर रोग के ज्ञान को फैला सकें और इस के बचाव के लिए कारगर उपाय ढूंढ निकाल सकें और लोगों को इस बीमारी की महत्वत्ता की पहचान प्रदान कर सकें। इस के अलावा, वेबसाइट ने निशुल्क रूप से चिकित्सकों को मरीजों के बीच आदान प्रदान करने का मंच भी प्रदान किया है, वेबसाइट में चिकित्सक कोलम, रोगी ब्लोग, ओनलाइन विशेषज्ञ के साथ बातचीत आदि तरीके भी लोगों की मदद में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं। चीनी राष्ट्रीय लिवर रोग नेटवर्क के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी यांग युंग ने जानकारी देते हुए कहा(आवाज 3) योजनानुसार आगामी बीस सालों में लिवर रोग की किस्मों व परिवार आय की विभिन्नता के अनुसार, एक न्यायोचित खर्चे के आधार पर हर महीने 500 मरीजों को चुना जाएगा और उनको एक सौ से तीन सौ य्वान का नकद इलाज खर्चे में सब्सीडी प्रदान की जाएगी । इस दौरान सामने आयी समस्याओं को संबंधित चिकित्सक उनके वास्तविक जीवन व मानसिक स्थिति के अनुसार सर्वोतोमुखी व पेशावर इलाज कराने का निर्देशन देगें, गंभीर रोगियों को उनके परिवार आर्थिक बोझ के मुताबिक हर साल उनके सहयोगी अस्पताल के साथ मिलकर मरीजों के खर्चे को हल करने में मदद देगें।
इस साल की पहली अक्टूबर को चीन के राष्ट्रीय दिवस के दिन हमारी सरकार ने देश के 17 प्रांतो व शहरों से 20 लिवर मरीजों को पहली सहायता योजना का सदस्य चुना। उत्तर पूर्वी चीन के ल्याओलिंग प्रांत के वए ते सान नाम के एक मरीज ने इस योजना तहत अपने रोग सहायता की चर्चा करते हुए कहा(आवाज 4) लिवर रोग एक बड़ी बीमारी है, इलाज के लिए बहुत पैसों की जरूरत पड़ती है, इस योजना के तहत बहुत से अच्छे दिल वालों की सहायता पाना सचमुच एक सौभाग्य की बात है। इस योजना ने न मुझे धनराशि में मदद दी है, उसने मेरे मन में शान्ति लाने के साथ मेरा हौसला भी बढ़ाया है, मैं बेहद खुश हूं, मुझे जीने की आशा देखने को मिलने लगी है और पूरे समाज का प्रेम का अहसास हुआ है।
अनुमान है कि इस योजना के चलते कोई एक लाख मरीजों को सीधा लाभ मिलेगा। श्री यांग युंग ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के सहयोगी अस्पतालों की संख्या इस योजना के कार्यान्वयन होने के साथ एक सौ से अधिक तक पहुंचने की संभावना हैं और इस योजना को पूरे चीन के अनेक जगहों में फैलाये जाने की हर संभव कोशिश जारी रहेगी।
इस योजना में शरीक होने वाले अस्पतालों में चीनी जन मुक्ति सेना का 302 अस्पताल में अनेक मशहूर संक्रामण रोग बचाव के डाक्टर हैं, इन में सेना के संक्रामण रोग इलाज, शिक्षा प्रशिक्षण, अनुसंधान विकास, स्वास्थ्य व सूचना अनुसंधान आदि विभाग भी हिस्सा ले रहे हैं, जो वर्तमान चीन के लिवर रोग के सबसे ऊंची स्तर में गिने जाते हैं। वर्तमान इस अस्पताल ने 180 लिवर स्थानांतरण आपरेशन में सफलता हासिल की है और सफलता दर सौ फीसदी रही है। इस योजना तहत लिवर रोग मरीजों के उपचार में भाग लेने वाले प्रोफेसर, अस्पताल के महा प्रबंधक चओ श्येन ची ने कहा(आवाज5) चीनी सेना में जनता की सेवा करना एक पुरानी परम्परागत बनी रही है, राष्ट्र का सबसे बड़ा लिवर रोग क्लीनिक व अनुसंधान केन्द्र होने व देश के अव्वल स्तरीय विशेषज्ञों व तकनीशीयनों की शक्ति हासिल करने वाला अस्पताल होने के नाते , हमारे लिए इस योजना में अपना योगदान करना हमारा कर्तव्य है। लिवर रोग का इलाज न केवल एक कार्य है बल्कि समाज कल्याण व सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का एक कर्तव्य भी है।
प्रोफेसर चओ के कन्धे की जिम्मेदारी कोई छोटी नहीं है, चीन एक विशाल देश हैं, लिवर रोगियों की संख्या करोडों है, पूरे देश की उपचार शक्ति भी निहित है, एक समय में सारी समस्या को हल कर देना असंभव है। लेकिन शायद यही कारण ही है कि सरकार इस योजना को चलाने का फैसला लिया है और उसे बीस साल का समय दिया है। बीस साल के अथक कोशिशों से हमे आशा है कि इस योजना की सहायता से लिवर रोगियों को इस रोग से बचने तथा जनता में इस रोग के प्रति जानकारी बढ़ाना व रोग ज्ञान की विचारधारा में प्रगति लाना भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।