चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मा छाओ श्युन ने 11 तारीख को अमरीका के इस आरोप कि चीनी जहाज ने अमरीकी निरीक्षण बोट के विरूद्ध उत्तेजना की कार्यवाही की है, का खंडन करते हुए कहा कि अमरीका का यह आरोप एकदम तथ्य के विपरीत है और चीनी पक्ष के लिए अस्वीकार्य है। तो अखिर में चीनी जहाज द्वारा अमरीकी निरीक्षण बोट यु एस एस इंपेकबल को उत्तेजित करने की घटना की असलियत क्या है और अमरीकी जहाज यु एसएस इंपेकबल किस किस्म का जहाज है?इसे लेकर चीनी राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के अन्तरराष्ट्रीय संबंध कालेज के प्रोफेसर श्री मङ श्यांगछिंग ने विश्लेषण किया।
अमरीका के ह्वाइट हाउस, विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय ने 9 तारीख को अलग अलग तौर पर वक्तव्य जारी कर कहा कि अमरीकी युएसएस इंपेकबल नामक निरीक्षण बोट को 8 तारीख को दक्षिण चीन सागर के नीचे स्वर-सर्वेक्षण करते वक्त चीनी समुद्र ब्यूरो और मछुवागिरी विभाग व नौ सेना के पांच जहाजों द्वारा परेशान किए जने का सामना करना पड़ा। इस मामले को लेकर अमरीका ने चीन के सामने विरोध व्यक्त किया । अमरीकी रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि युएसएस इंपेकबल को पांच व सात तारीख को भी चीनी पक्ष से परेशान किए जाने का सामना करना पड़ा था।
अमरीका के सरकारी वक्तव्यों के अनुसार युएसएस इंपेकबल बोट एक अनुसंधान करने वाला जहाज है। लेकिन चीनी राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर मङ छिंगश्यांग ने कहा कि युएसएस इंपेकबल असल में अमरीकी नौ सेना का एक खुफिया जहाज है । उन्हों ने कहाः
अमरीकी नौ सेना की वेबसाइट में स्पष्ट शब्दों में कहा गया है कि युएसएस अमरीकी नौ सेना के पांच समुद्री निरीक्षण जहाजों में से एक है, जो विशेष कर पेंटागन और अन्य अमरीकी सरकारी संस्थाओं के कार्यों को समर्थन प्रदान करता है । अमरीकी मीडिया ने भी खुले तौर पर कहा कि युएसएस इंपेकबल नौ सेना का एक गुप्तचर जहाज है, जिस में आधुनिक सोनार तंत्र लगाया गया है। वह पानी के नीचे पनडुब्बी की टोह लगाने का काम करता है और नौ सेना की पनडुब्बी विरोधी कार्यवाही को समर्थन प्रदान करता है। उस का काम शतप्रतिशत सैनिक स्वरूप का है।
श्री मङ ने कहा कि वाइस आफ अमरीका ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि युएसएस इंपेकबल पर बड़ी मात्रा के हथियार नहीं है और उस के 50 नाविकों में से आधा असैनिक है। इस से यह संदेह आया है कि बोट पर हथियार है और अन्य आधे लोग सैनिक हैं। यदि यह मान भी ले कि बोट पर सैनिक नहीं है, फिर भी यह तथ्य नहीं बदलेगा कि वह अमरीकी नौ सेना का एक खुफिया जहाज है।
अमरीका ने इस पर बल दिया कि युएसएस इंपेकबल अन्तरराष्ट्रीय समुद्री जल क्षेत्र में सामान्य कार्यवाही कर रहा है। घटना होने के समय वह चीन के हाईनान द्वीप से 120 किलोमीटर दूर था। उस के बताए गए स्थल से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वह जगह चीन के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में है । इस पर श्री मङ श्यांगछिंग ने कहाः
अमरीका का एक खुफिया जहाज चीन के विशिष्ट आर्थिक जल क्षेत्र में घुस आया। संयुक्त राष्ट्र समुद्र विधि संधि और चीन के विशिष्ट आर्थिक जल क्षेत्र व महाद्वीपीय शेल्फ कानून आदि कानूनों के अनुसार सैनिक स्वरूप वाला जहाज केवल बिना हानि की हैसियत से किसी देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र से गुजर सकता है। बिना हानि का यहां अर्थ संबंधित देश की अनुमति पाने, पूर्व सूचना देने तथा कोई भी काम नहीं करने से है। बेशक, अमरीकी जहाज युएसएस इंपेकबल ने उपरोक्त नियमों का उल्लंघन कर संयुक्त राष्ट्र व चीन के कानूनों का उल्लंघन किया है, जाहिर है कि अमरीका का कथन टिक नहीं सकता।
प्रोफेसर मङ ने कहा कि अमरीका की यह हरकत शीतयुद्ध के विचार का प्रकट रूप है, जो चीन अमरीका द्वारा मिलकर अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का मुकाबला करने के मुख्य रूझान के विपरीत है। श्री मङ ने कहाः
अमरीकी सेना के कुछ कट्टरवादी लोग हमेशा चीन को अपना निहित प्रतिद्वंद्वी समझते हैं और शीतयुद्ध की विचारधारा पकड़े रखते हैं। लेकिन ओबामा के सत्ता पर आने के बाद चीन और अमरीका द्वारा मिल कर वित्तीय संकट का मुकाबला करने का इरादा बहुत साफ है। ऐसी हालत में अमरीकी पक्ष ने चोर द्वारा कोतवाल को डांटने की जो चाल चली, वह स्पष्टतः वर्तमान चीन अमरीका संबंधों की मुख्य धारा के खिलाफ है ।
अमरीका की यह हरकत अस्वीकार्य है, क्या इस का चीन अमरीका संबंध पर असर पड़ेगा कि नहीं। इस पर प्रोफेसर मङ ने कहा कि आम तौर पर वर्तमान वित्तीय संकट के वक्त चीन अमरीका सहयोग दोनों के लिए हितकारी है और विश्व के लिए भी लाभदायक है। यह घटना दुखद है, लेकिन उस का चीन अमरीका संबंध की मुख्य धारा पर असर नहीं पड़ेगा।
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