18 फरवरी 2009 को चीनी राज्य परिषद ने तिब्बत की पारिस्थितिकी सुरक्षा बाड़ और निर्माण योजना की पुष्टि की । इस के बारे में राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष छिंगबा पुंछ्वु ने एक साक्षात्कार में कहा कि यह योजना तिब्बत में पारिस्थितिकी निर्माण और संरक्षण के लिए बड़ा महत्व रखती है। उन्हों ने कहा कि राज्य परिषद ने औपचारिक रूप से इस योजना की पुष्टि की है ,जो तिब्बत में पारिस्थितिकी निर्माण और पर्यावरण संरक्षण के लिए मील का पत्थर वाला महत्व रखती है। यह योजना 2030 तक चलेगी, योजना के पहले पांच छै सालों के दौर में पूर्व निश्चित निवेश के आधार पर और 10 अरब य्वान की धनराशि लगायी जाएगी । योजना से तिब्बत के लिए ही नहीं, चीन और एशिया के पारिस्थितिकी पर्यावरण के लिए भी अत्यन्त अहम है और चीन ने विश्व मौसम परिवर्तन से निपटने के लिए यह कदम उठाया है।
श्री छिंगबा पुंछ्वु ने कहा कि यह योजना सीधे तिब्बती जनता के लिए भी हितकारी है। इस से तिब्बती जनता को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा । योजना के अन्तर्गत बहुत से विषय निहित हैं, जैसा कि नम भूमि का संरक्षण, जल स्रोत की रक्षा, वृक्षरोपन, रेतीली भूमि का निपटारा, नदियों के उद्गम स्थलों का संरक्षण और घास मैदान व जंगल के पुनर्जीवन इत्यादि ।
तिब्बत में जनवादी सुधार के बाद चीन सरकार ने भारी निवेश कर वहां पारिस्थितिकी संरक्षण व निर्माण परियोजनाएं चलायीं, जिस से तिब्बत में आदिम पारिस्थितिकी की कारगर रक्षी की गयी है और पिछले 50 सालों में किसी भी किस्म के जीवजंतु और वनस्पति का विनाश नहीं हुआ है ,बल्कि विभिन्न जीवजंतुओं और वनस्पतियों का और विकास हुआ है।
श्री छिंगबा पुंछ्वु ने कहा कि तिब्बत इस योजना पर अच्छे अमल के लिए प्रयास करेगा और केन्द्र के निर्देशन के मुताबिक तिब्बत की प्रकृति को हमेशा बेहतर बनाएगा ।