श्याओ ख मुख्य भूमि चीन में एक प्रसिद्ध समकालीन गायिका है। श्याओ ख गायक होने के साथ साथ एक गीतकार भी है। उसने अनेक तरह के गीत लिखे हैं। इन गीतों में श्याओ ख ने अपने जीवनानुभवों को ही अभिव्यक्त किया है। उस के गीत दिल की गहराईयों से निकले हैं, इसलिए सभी लोगों को विशेष कर जो अकेले हैं, उन्हें गहरे तक छूने में सक्षम हैं।
श्याओ ख को संगीत के संस्कार अपने परिवार से मिले हैं, उस पर माता-पिता दोनों के कला प्रेम का प्रभाव पड़ा है। दस साल की उम्र में श्याओ ख ने प्यानो सीखना शुरु किया, बाद में हाईस्कूल में उस ने गिटार भी सीखा। इस तरह धीरे-धीरे श्याओ ख का पश्चिमी फैशनेबल संगीत से परिचय हुआ और उस में रुचि पैदा हुई।
1990 में मात्र 19 वर्ष की उम्र में श्याओ ख ने एक संगीत दल की स्थापना की और अपने आप गीत लिखना शुरू किया। उसी वर्ष उसने पेइचिंग शांति कप विद्यार्थियों की एक संगीत प्रतियोगिता में खुद के लिखे गीत पेश किए और चौथा स्थान हासिल किया। इस के बाद संगीत की उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उसने विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया।
विश्वविद्यालय में शिक्षा पूरी करने के बाद श्याओ ख एक माध्यमिक विद्यालय में संगीत के अध्यापक बन गया। काम करने के दौरान श्याओ ख खुद के लिखे गीतों को बार और होटल में पेश करता रहा और उस ने कभी-कभी कुछ संगीत दलों के लिए प्यानो बजाने का काम भी किया। मेहनत से काम करने का एक परिणाम यह हुआ कि लोगों में श्याओ ख की पहचान बनने लगी। इस दौरान श्याओ ख ने खूब लिखा, गाया, प्यानो बजाया और इस तरह संगीत की अपनी निजी शैली विकसित की।
सन 1994 में श्याओ ख की उस समय के बहुत प्रसिद्ध गीतकार काओ श्याओ सुंग से मुलाकात हुई। दोनों ने आपस में सहयोग करने का निश्चय किया। सन 1995 में श्याओ ख ने अध्यापक की नौकरी छोड़ कर काओ श्याओ सुंग की मदद से एक सी. डी. बनाने वाली कंपनी के साथ समझौता किया और इस तरह इस साल के अंत में उस की पहली एल्बम जारी हुई।
दोस्तो, अब सुनिए इस एल्बम की प्रमुख गीत, जिसका शीर्षक है—तुम्हारे साथ जाना।
सन 1998 में श्याओ ख की दूसरी एल्बम आई, जिसका शीर्षक है—शाम आई। इस एल्बम में आधुनिक और पुराने दोनों तरह के गीत शामिल हैं।
दोस्तो, अब सुनिए इस एल्बम का एक गीत, जिसका शीर्षक है—अस्त होते सूरज की कहानी। यह एक दुख भरा गीत है।
गीत के बोल हैं—बहुत लम्बा रास्ता तय करने के बाद अब तुम कहां हो?क्या तुम अभी भी अकेली हो?प्यार पवन में एक खिले हुए फूल की तरह है, पवन नहीं है तो प्यार भी नहीं है। कई बार तुम ने मेरे साथ अस्त होते सूरज को देखा है। मैं चाहता हूं कि तुम मेरे साथ घर वापिस लौटो।
सन 1999 से 2002 तक का समय श्याओ ख के गीत-संगीत का स्वर्णिम काल है। गीत लिखने और गीत गाने दोनों क्षेत्रों में श्याओ ख ने बहुत ऊंचा स्थान हासिल किया है।
वर्ष 2000 में श्याओ ख की एक और नई एल्बम आई, जिसका शीर्षक है—दिन। इस एल्बम में शामिल अनेक गीत टी. वी. धारावाहिकों के लिए बनाए गए गीत हैं।
दोस्तो, अब सुनिए 2002 में जारी श्याओ ख की एक नई एल्बम से बोसानोवा शैली में गाया गया एक गीत, जिसका शीर्षक है—बैले।
2003 में श्याओ ख एक गंभीर कार दुर्घटना का शिकार हो गया और उसे बहुत चोटें आईं। लेकिन अपने दृढ़ विश्वास के कारण उसने हिम्मत नहीं छोड़ी और धीरे-धीरे वह स्वस्थ हो गया। जीवन की इस घटना ने श्याओ ख को एक नया जीवनानुभव दिया। उसने कहा कि—सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जीवन है। जीवन में बहुत सी कठिनाईयां मुसीबतें आती हैं लेकिन हौंसले के साथ और विश्वास के साथ जीवन में आनेवाली कठिनाईयों का सामना किया जाए तो मुश्किलें आसान हो जाती हैं।