2009-03-10 13:27:13

दक्षिण कोरिया में तिब्बती चित्र प्रदर्शनी लगी

कोरिया गणराज्य स्थित चीनी दूतावास द्वारा आयोजित तिब्बती चित्र प्रदर्शनी 9 तारीख को दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में स्थित चीनी संस्कृति केन्द्र में उद्घाटित हुई , जिस का दक्षिण कोरिया के विभिन्न तबकों के लोगों द्वारा जोशीला स्वागत किया गया, उन का कहना है कि प्रदर्शनी से तिब्बत की असली स्थिति की जानकारी मिली है और दोनों देशों की जनता में आपसी समझेदारी बढ़ी है।

कोरिया गणराज्य स्थित चीनी राजदूत श्री छङ युङ ह्वा ने प्रदर्शनी की उद्घाटन रस्म में प्रवासी चीनियों और दक्षिण कोरियाइयों को तिब्बत में कल और आज के भारी परिवर्तन का परिचय देते हुए कहाः

मौजूदा तिब्बती चित्र प्रदर्शनी में प्रदर्शित चित्र तिब्बत के इतिहास में आए भारी परिवर्तन के जीता जागता साक्षी है, जिस से आप लोगों को असली तिब्बत यानी अंधेरे काल से निकल कर उज्जवल भविष्य वाले तिब्बत में प्रवेश का सजीव दृश्य देखने को मिल सकता है। आज तिब्बत मातृभूमि के महान परिवार में दिन गुणी रात चौगुणी तरक्की कर रहा है।

प्रदर्शनी में 70 से ज्यादा चित्रों पर चीनी, कोरियाई और अंग्रेजी तीनों भाषाओं में व्याख्या दी गयी है, जिस से साबित हुआ है कि तिब्बत प्राचीन काल से चीन की पवित्र प्रादेशिक भूमि का एक अभन्न भाग रहा है। और अंधेरा पुराना तिब्बत अब नए और प्रगतिशील तिब्बत में बदल हो चुका है।

कोरिया गणराज्य की संसद की विदेश व व्यापार एकीकरण कमेटी के अध्यक्ष बाक जिन ने उद्घाटन रस्म में कहा कि मौजूदा चित्र प्रदर्शनी एक बड़े महत्व वाली गतिविधि है। उन्हों ने कहाः

इस प्रदर्शनी से तिब्बत के कल और आज का सांस्कृतिक परिवर्तन और इतिहास प्रतिबिंबित हुआ है, वह एक बड़े महत्व वाली गतिविधि है, जिस से हम तिब्बत के बारे में ज्यादा जानकारी पाएंगे।

प्रदर्शनी में आज से 1300 वर्ष पहले थांग राजवंश की राजकुमारी वेन छङ के तिब्बत में जाकर थूबो राजा त्सोंगजांकान्बो के साथ शादी तथा सन् 1653 में छिंग राजवंश के सम्राट श्वुन जी द्वारा दलाई लामा को उपाधि प्रदान दी जाने के चित्रों ने अनेकों दर्शकों को आकर्षित किया।

दक्षिण कोरिया की राजनीतिक व आर्थिक अनुसंधान संस्था के परिषद अध्यक्ष ली योंगजु ने कहा कि तिब्बत चीन की भूमि है, वह विश्व में सर्वमान्य है। उन्हों ने कहाः

मुझे चीन की अल्प संख्यक जातियों के बारे में कुछ जानकारी है , लेकिन दक्षिण कोरिया में तिब्बती चित्र प्रदर्शनी देखना पहली बार है । आशा है कि भविष्य में इस प्रकार की प्रदर्शनी अधिक होगी, जिस से दक्षिण कोरियाई लोग चीन के बारे में और ज्यादा जानकारी पा सकेंगे। यह सर्वमान्य है कि तिब्बत चीन की भूमि का एक भाग है और तिब्बत के पास शानदार और समृद्ध संस्कृति व इतिहास है।

तिब्बती चित्र प्रदर्शनी में तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद पिछले 50 सालों में चीन की केन्द्रीय सरकार द्वारा वहां जातीय क्षेत्रीय स्वाशासन, तिब्बत को पूरे देश की सहायता , तिब्बती परंपरागत संस्कृति की रक्षा, धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता तथा सामाजिक व आर्थिक उपलब्धियों का भी विस्तृत परिचय किया गया ।

दक्षिण कोरिया चीन संस्कृति संघ के महानिदेशक श्री ली योंग लि ने कहा कि तिब्बती चित्र प्रदर्शनी ने चीन व कोरिया गणराज्य की जनता में आपसी समझ बढ़ायी है। उन्हों ने कहाः

इस प्रदर्शनी से मुझे तिब्बत की संस्कृति के संदर्भ में जानकारी मिलने का मौका प्राप्त हुआ । आशा है कि भविष्य में चीनी दूतावास इस प्रकार की गतिविधि ज्यादा आयोजित करेगा ,ताकि दक्षिण कोरियाई लोग चीन की अल्प संख्यक जातियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें और चीन के प्रति दक्षिण कोरियाई लोगों की समझ बढ़ सके।

कोरिया गणराज्य की मीडिया ने भी प्रदर्शनी पर बड़ा ध्यान दिया। कोरियाई व्यक्तियों द्वारा स्थापित चीन टी वी स्टेशन के प्रधान सुश्री कांग इनजा ने कहा कि प्रदर्शनी से हमें तिब्बत के बारे में अधिक जानकारी पाने का मौका मिला, प्रदर्शनी से जाहिर है कि तिब्बत की परम्परागत संस्कृति का अच्छा संरक्षण किया जा रहा है और वहां कृषि व वाणिज्य की कार्यवाही भी सक्रिय रही है। तिब्बत की प्राइमरी स्कूल के विकास के तथ्यों से जाहिर है कि तिब्बत के लिए चीन सरकार की नीति कामयाब हो गयी है। सुश्री कांग इनजा ने कहा कि हम ने चीनी सीसीटीवी से तिब्बत के जनवादी सुधार की वर्षगांठ के बारे में श्रृंखलाबद्ध डाक्युमेंटरी फिल्म खरीदी है और दक्षिण कोरियाई दर्शकों को तिब्बत पर चीन की योजना का परिचय देंगे।

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